Assembly Election Results: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल राज्यसभा में कहा था, 'एक अकेला कितनों पर भारी.' रविवार (3 दिसंबर) को जब हिंदी हार्टलैंड कहे जाने वाले तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए, तो ये बात सच साबित होती हुई भी दिखाई दी. बीजेपी को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्यों में जीत मिली है. ये इसलिए भी खास है, क्योंकि बीजेपी ने बिना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किए चुनाव लड़ा था. 


मध्य प्रदेश में बीजेपी का नारा था, 'एमपी के मन में मोदी'. ये नारा सिर्फ मध्य प्रदेश तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका असर बाकी के राज्यों में भी दिखा. पार्टी ने किसी एक चेहरे पर चुनाव लड़ने के बजाय सामूहिक नेतृत्व के आधार पर मुकाबला किया, जिसका नतीजा जीत के तौर पर मिला. चुनावी नतीजों को 'मोदी की गारंटी' के लिए वोट के तौर पर भी देखा जा सकता है. इस टैगलाइन का इस्तेमाल बीजेपी ने घोषणापत्र में कांग्रेस की गारंटियों का मुकाबला करने के लिए किया था.


पहली बार कब की 'मोदी की गारंटी' की बात? 


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम ने भारत मंडपम के अनावरण के दौरान पहली बार 'मोदी की गारंटी' का इस्तेमाल किया. इसने विधानसभा चुनाव के लिए माहौल तैयार करने का काम किया. पार्टी के नेताओं ने भी हर जगह इस बात पर जोर दिया कि पीएम मोदी के जरिए किए गए वादों को पूरा जरूर किया जाता है. सर्वे में भी ये बात निकलकर सामने आई कि लोग कांग्रेस के जरिए दी जाने वाली गारंटी की तुलना में मोदी की गारंटी पर ज्यादा भरोसा कर रहे थे. 


नेहरू के रिकॉर्ड पर नजर


चुनावी नतीजों ने इस बात की भी तस्दीक की है कि जनता को पीएम मोदी पर पूरी तरह से भरोसा है. लोगों के बीच उनकी विश्वसनीयता भी कायम है. तीन राज्यों में चुनावी जीत ऐसे समय पर मिली है, जब अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. पीएम मोदी की कहीं न कहीं पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड पर नजर बनी हुई है. अगर बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत मिलती है, तो पीएम मोदी के पास लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का मौका होगा. 


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