प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने आवास पर सिख समुदाय की कई प्रमुख हस्तियों की मेजबानी की और उनकी सरकार की ओर से समुदाय के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने आवास पर पहुंचे सिख समुदाय के लोगों की सेवा की. उन्होंने खुद अपने हाथों से नाश्ते की प्लेट वहां मौजूद लोगों को दी. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि सेवा आज मुझे करनी है.
प्रमुख हस्तियों से हुई मुलाकात का एक वीडियो पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है. पीएम वीडियो में सभी लोगों के साथ बात चीत करते नज़र आ रहे हैं. इस दौरान उन्होंने अपना एक पुराना किस्सा सुनाया. पीएम मोदी ने कहा, "ये देश कोई 47 (1947) में पैदान नहीं हुआ है. हमारे गुरु महाराजों ने कितनी तपस्या की है. इमरजेंसी में हम सब पर बड़ा ज़ुल्म हुआ. मुझे तो पता है कि उस समय पंजाब में सत्याग्रह हुआ था इमरजेंसी के खिलाफ. अब मैं उस समय अंडरग्राउंड रहता था. अंडरग्राउंड रहना है तो कुछ कपड़े वगैरह बदलने पड़ते थे. तो मैं सिख के कपड़ों में ही रहता था. (पीएम ने हंसते हुए कहा) मैं पगड़ी पहनता था."
जब एक शख्स पीएम मोदी को प्लेट उठाकर देने लगे तो उन्होंने कहा, "अरे सेवा मुझे करनी है आज. सेवा आज मुझे करनी है." ये बात कहते हुए पीएम मोदी ने वहां रखीं प्लेट खुद उठाकर लोगों की दीं." इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, "अब मुझे बताइए कोरोना में, ये आप ही लोग हैं जिनको ऑक्सीजन का लंगर लगाने का मन कर गया. ये छोटी बात नहीं है.
पंजाब में विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले यह मुलाकात हुई है. भारतीय जनता पार्टी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा धड़े के साथ गठबंधन करने के साथ ही सिख समुदाय को लुभाने में जी जान से जुटी है. प्रधानमंत्री मोदी ने बाद में ट्वीट कर कहा कि ये सिख धार्मिक और सामुदायिक नेता सिख संस्कृति को लोकप्रिय बनाने और समाज की सेवा करने में सबसे आगे हैं.
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार के विभिन्न प्रयासों पर सिख समुदाय के विशिष्ट सदस्यों के नम्र शब्दों से मैं अभिभूत हूं. मैं इसे अपना सम्मान मानता हूं कि सम्मानित सिख गुरुओं ने मुझे सेवा का मौका दिया और उनके आशीर्वाद से मैं उनके लिए काम करने में सक्षम हो सका हूं."
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि वह हर दिन समुदाय के लिए काम करना चाहते हैं और उन्होंने अफसोस जताया कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने करतारपुर साहिब जैसे सिखों के पवित्र स्थलों को भारतीय क्षेत्र में लाने के मौके गंवा दिए. सिरसा ने मोदी के हवाले से कहा कि यदि प्रयास किए जाते तो पाकिस्तान के साथ 1965 और 1971 के युद्धों के बाद वह क्षेत्र भारत को मिल सकता था.
सिरसा ने कहा कि सिखों को पीड़ा है कि उनसे किए गए कई वादे पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन मोदी सरकार ने करतारपुर साहिब के लिए गलियारा खोलने, गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की शहादत को मनाने का निर्णय लेने सहित कई "ऐतिहासिक" काम किए हैं.
बैठक में कौन कौन शामिल हुआ?
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी से मुलाकात करने वाले सिख समुदाय के लोगों में दिल्ली गुरुद्वारा समिति के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, पद्म श्री से सम्मानित बाबा बलबीर सिंह जी सीचेवाल, यमुना नगर में सेवापंथी के महंत करमजीत सिंह, करनाल में डेरा बाबा जंग सिंह के बाबा जोगा सिंह और अमृतसर में मुखी डेरा बाबा तारा सिंह वा के संत बाबा मेजर सिंह वा शामिल थे.
उन्होंने बताया कि आनंदपुर साहिब में कार सेवा के जत्थेदार बाबा साहिब सिंह, भेनी साहिब के सुरिंदर सिंह नामधारी दरबार, शिरोमणि अकाली बुद्ध दल के बाबा जस्सा सिंह, दमदमी टकसाल के हरभजन सिंह और तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह भी बैठक में शामिल हुए.
प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद उन लोगों ने समुदाय के लिए उनके काम की सराहना की. करमजीत सिंह ने मोदी के हवाले से कहा कि "सिखी" (सिखों से जुड़े गुण)और सेवा उनके खून में है और यह हमारे दिलों को छू गया. सिंह ने समुदाय के लिए लंगरों पर ‘जीएसटी’ हटाने सहित सरकार की विभिन्न पहलों की सराहना की.
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