Bihar Assembly Elections: चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर अपनी जन सुराज पार्टी की लॉन्चिंग करने के लिए बिल्कुल तैयार है. प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर अपनी पार्टी को पॉलिटिक्स में उतारने का औपचारिक ऐलान करने वाले हैं. वह हमेशा से दावा करते आए हैं कि उनकी पार्टी बाकी दलों जैसी नहीं होगी, लेकिन वह राहुल गांधी की तारीफ करते नजर आए. 


पीके ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने तरीके से जो प्रयास किया है उसका उनको फायदा मिला है. इसका फायदा यह है कि कांग्रेस में राहुल गांधी का नेतृत्व पूरी तरह से एस्टेब्लिश हो गया है. कांग्रेस पार्टी के लीडर, कार्यकर्ता और समर्थकों को ऐसा लगता है कि राहुल गांधी कांग्रेस को आगे लीड कर सकते हैं. कांग्रेस को वापस उसके ग्लोरी डेज में ला सकते हैं. निश्चित तौर पर कांग्रेस की जो दशा या दुर्दशा थी उसमें थोड़ा सुधार हुआ है. अगर आपके 50-55 सांसद से बढ़कर 100 हो गए आपकी ताकत बढ़ी है. 


नए मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे पीके


प्रशांत किशोर अपनी पार्टी जनसुराज के साथ पांच नए मुद्दों को लेकर बिहार की जनता के सामने पेश हो रहे हैं,  जिसे देखकर लग रहा है कि यह मुद्दे बिहार सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का गेम बिगाड़ सकते है और वो क्या है चलिए समझते हैं. 


शराबबंदी 


प्रशांत किशोर शराबबंदी को लेकर कह रहे हैं कि जैसे ही बिहार में उनकी सरकार बनेगी एक घंटे के भीतर शराबबंदी खत्म कर दी जाएगी. वह बोले, ‘शराबबंदी का फैसला नीतीश कुमार की सरकार लाई थी.’ कई बार गठबंधन बदलने के बाद भी यह फैसला लागू ही रहा. अन्य पार्टी बिहार में शराबबंदी को लेकर खुलकर बोलने से पीछे हट रही है, लेकिन पीके खुल्लम-खुल्ला इस बात को कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे भले ही महिलाएं मुझे वोट ना दें, लेकिन मैं गलत नहीं बोलूंगा. 


रोजगार की गारंटी 


बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है जो बिहार में भी छाई हुई है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने भी बेरोजगारी को मुद्दा बनाते हुए यात्रा निकाली थी और कहा था कि 10 लाख रोजगार दिए जाएंगे. इस बार भी वह रिक्त पद भरने के वादे कर रहे हैं. इसी मुद्दे को प्रशांत किशोर ने भी पकड़ लिया है और जनता के बीच जा रहे हैं. 


बंद पड़ी फैक्ट्री का रिवाइवल 


बिहार सीएम ने उद्योग धंधों को लेकर यह कहा था कि बिहार के पास समंदर नहीं है, इसलिए वहां सिर्फ आलू है और बालू बचा है. सब कुछ तो झारखंड के पास चला गया है. इसे लेकर भी प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा था और कहा था कि तेलंगाना और हरियाणा में भी कोई समुद्र नहीं है, लेकिन वह बिहार से विकास दर में काफी आगे हैं. उनका फोकस तो बिहार में बंद पड़ी फैक्ट्री के रिवाइवल पर भी है. 


पीके का फोकस हर फील्ड से हो उम्मीदवार 


जिस तरह दिल्ली की आम आदमी पार्टी का फोकस रहता है कि हर फील्ड से जुड़ा व्यक्ति उनकी पार्टी में हो, ठीक वैसा ही प्रशांत किशोर का भी कहना है. उन्होंने कहा है कि विधानसभा चुनाव में 40 महिलाओं और 40 मुसलमानों को टिकट देंगे. उनका कहना है कि उनकी पार्टी में मजदूर वर्ग, शिक्षाविद, न्यायाधीश से लेकर हर वर्ग से उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे. इससे यह संदेश जाता है की जनसुराज सभी जाति और वर्ग की पार्टी है. 


शिक्षित तबके पर बनाया फोकस


प्रशांत किशोर ने हाल ही में कुछ प्रबुद्ध वर्ग के लोगों के साथ बैठक की थी. उन्होंने कहा था कि यह भ्रम फैला हुआ है की राजनीति में जाति और पैसा ही इंपॉर्टेंट होता है. इसी भ्रम के कारण शिक्षित लोग राजनीति से दूर है. 


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