नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने सबसे बड़ा दांव खेला है. कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री का एलान किया है. प्रियंका गांधी को महासचिव बनाया है, इसके साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी बनाया गया है. प्रियंका अशोक गहलोत की जगह लेंगी. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश को दो हिस्सों में बांटा है, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश. प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी की कमान सौंपी गई है.
प्रियंका गांधी के आने से क्या बदलेगा?
कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता काफी लंबे समय से प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारने की मांग कर रहे थे. प्रियंका गांधी को जिस पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है वहां प्रियंका गांधी के लिए बड़ी चुनौती होगी. पूर्वी यूपी से बीजेपी के तमाम दिग्गज मैदान में उतरते हैं. वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं, गोरखपुर मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ का इलाका है तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पांडेय चंदौली से सांसद हैं.
पूर्वी उत्तर प्रदेश की बात करें तो इस क्षेत्र में 21 जिले हैं, जिनमें लोकसभा की 26 और विधानसभा की 130 सीटें हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश खासकर भोजपुरी भाषी बेल्ट है. इस क्षेत्र की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है, अभी तक पांच प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, चंद्रशेखर और नरेंद्र मोदी पूर्वी उत्तर प्रदेश से ही आए हैं.
प्रियंका गांधी अभी तक सिर्फ रायबरेली में अपनी मां और अमेठी में अपने भाई के लिए प्रचार करती रही हैं. नई जिम्मेदारी मिलने के बाद से ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ा है. कांग्रेस के मुख्यालय में कांग्रेस समर्थकों ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि उनके आने से हमारी ताकत दोगुनी हुई है. हमें उनमें इंदिरा गांधी की छवि दिखती है.
प्रियंका गांधी को जानिए
प्रियंका गांधी वाड्रा गांधी-नेहरू परिवार से हैं, फिरोज़ गांधी और इंदिरा गांधी की पोती हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनियां गांधी की बेटी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन हैं. अभी तक प्रियंका गांधी चुनावी राजनीति में नहीं थीं, चुनाव के दौरान कांग्रेस की जीत के लिए अहम रोल अदा करती रहीं हैं. वे पर्दे के पीछे रहकर भी एक नेता की तरह काम करती रहीं और महत्वपूर्ण रणनीतियां बनाती हैं.
गरीब और महिलाओं के बीच खासकर प्रियंका गांधी जाती हैं और पार्टी पर उनको भरोसा दिलाती हैं. 2012 में प्रियंका गांधी ने रायबरेली और अमेठी में विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रचार किया था. प्रियंका गांधी ने रॉबर्ट वाड्रा से 1997 में शादी की थी. कुछ चुनावी रैलियों में वाड्रा भी प्रियंका के साथ नजर आ चुके हैं.
पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाली प्रियंका गांधी मैदान में उतरीं, जानें इनकी खूबियां
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