छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: मंत्री का टिकट कटने से कार्यकर्ताओं में असंतोष, क्या दुर्ग में बीजेपी का किला दरक जाएगा?
दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दृष्टिकोण से भी काफी मजबूत रहा है. यहीं से कांग्रेस के बड़े नेता मोतीलाल बोरा आते हैं. जबकि बीजेपी की ओर से बड़ी महिला नेत्री में शामिल सरोज पांडेय भी दुर्ग से ही आती हैं.
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला यानी एजुकेशन हब और औद्योगिक पहचान. दुर्ग जिले में ही भिलाई स्टील प्लांट है जहां 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. देश के रेल से जुड़े लोहे की सामग्री का बड़े स्तर पर निर्माण होता है. दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दृष्टिकोण से भी काफी मजबूत रहा है. यहीं से कांग्रेस के बड़े नेता मोतीलाल बोरा आते हैं. जबकि बीजेपी की ओर से बड़ी महिला नेत्री में शामिल सरोज पांडेय भी दुर्ग से ही आती हैं. दुर्ग जिले में विधानसभा की कुल 6 सीटें हैं जिसमें चार पर बीजेपी और दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.
क्या हैं चुनावी मुद्दे? दुर्ग जिले में इसी साल पिछले कुछ महीनों में 45 से ज्यादा लोगों की मौत डेंगू से हो गई है. जाहिर है चुनावी साल में ये मुद्दा जोर सोर से उठाया जा रहा है. दुर्ग जिले की खराब सड़कें, गुड गवर्नेंस का न होना भी बीजेपी को मुश्किल में डाल सकता है. दुर्ग के अलग-अलग हिस्सों में किसानों की आत्महत्या, शहर की साफ सफाई, साफ पानी, ड्रेनेज सिस्टम खराब जैसी तमाम बातें चुनाव में मुद्दा बनेंगे.
बीजेपी में रार दो बड़े नेता सरोज पांडेय जो कि राज्यसभा सांसद और बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव हैं उनके और प्रेम प्रकाश पांडेय जो उच्च शिक्षा मंत्री हैं के बीच पटरी नहीं खाती. जो खुलकर कई बार सामने आती रहती है. इसलिए दुर्ग में बीजेपी की राजनीति दो धड़े में बटी दिखाई देती है. हालांकि इसके बाद भी बीजेपी ने पिछले चुनाव में कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया था.
कांग्रेस के दिग्गज भी दुर्ग से दुर्ग जिले से ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल आते हैं. मोतीलाल वोरा जैसे बड़े नेता और एकमात्र लोकसभा सांसद ताम्रध्वज साहू दुर्ग से ही हैं. मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा दुर्ग शहर से विधायक हैं और इस बार भी प्रत्याशी हो सकते हैं. भूपेष, ताम्रध्वज साहू और मोतीलाल वोरा जैसे बड़े नेता होने के वाबजूद कांग्रेस बिखरी हुई नजर आती है. इसलिए कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है.
टिकट वितरण का असंतोष रायपुर पहुंचा बीजेपी ने प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने 78 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इस सूची में एकमात्र मंत्री रामशिला साहू की टिकट काटी गई है जो दुर्ग ग्रामीण से विधायक थीं. इसका विरोध करने रामशिला के समर्थक बीजेपी के प्रदेश कार्यालय तक पहुंच गए. जिसके बाद रामशिला साहू की मुलाक़ात सीएम रमन सिंह से हुई और फिलहाल मामला शांत दिख रहा है.
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उधर भूपेश बघेल के खिलाफ जिस प्रत्याशी मोतीलाल साहू को बीजेपी ने मैदान पर उतारा है उसका भी विरोध हो रहा है. हालांकि टिकट वितरण के बाद इस तरह के विरोध स्वाभाविक हैं. जिसे बीजेपी को किसी भी हाल में मैनेज करना होगा.
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