Punjab Election: पंजाब समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है. टिकट पाए उम्मीदवार रणक्षेत्र में उतर चुके हैं. आरोप-प्रत्यारोप जैसे हर घंटे, हर मिनट की बात हो गई है. प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर तंज कसे जा रहे हैं. कोई नेता दूसरे दल में जा रहा है तो कोई अपनी सीट पर जीत की तिकड़म लगाने में जुटा है.
कांग्रेस से लेकर बीजेपी अकाली गठबंधन तक, सबने चुनाव से पहले जनता से भरपूर वादे किए थे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद जब सरकार बन गई तो वादों में कितने पूरे हुए. आज हम आपके सामने कांग्रेस और पूर्ववर्ती बीजेपी-अकाली दल सरकार के वादों का लेखा-जोखा पेश करने जा रहे हैं.
साल 2012 में बीजेपी और अकाली दल का गठबंधन हुआ था. दोनों पार्टियों ने मेनिफेस्टो में 250 वादे कर दिए. सरकार बन गई. साल 2017 तक सरकार चली. लेकिन जो घोषणाएं कीं, उन पर ध्यान ही नहीं दिया गया. गठबंधन सरकार ने 110 वादे पूरे किए. लेकिन स्टैंप ड्यूटी छूट, लाइसेंस फीस से लेकर 20 लाख सस्ते घरों का नोटिफिकेशन ही नहीं हुआ.
इसके बाद 2017 का चुनाव हुआ और कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में कांग्रेस ने सरकार बनाई. कांग्रेस बीजेपी और अकाली दल के गठबंधन से भी वादों के मामले में आगे निकली. मेनिफेस्टो में जनता से भारी-भरकम 547 वादे कर डाले. पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 422 वादों के पूरे होने की बात रही थी. कांग्रेस पार्टी अपने वादों को लेकर 50 प्रतिशत योजनाएं आखिरी के वर्षों में लेकर आई है. इसके अलावा बेरोजगारी भत्ते, किसान पेंशन, स्टार्टअप और रोजगार के मुद्दे पर अधिक काम नहीं हुआ.
कांग्रेस के बड़े वादों की क्या है हकीकत
बेघर अनुसूचित जाति के परिवारों को मुफ्त घर
- कांग्रेस सरकार ने वादा किया था कि वह 32 फीसदी अनुसूचित बेघर परिवारों को 5 मरले का प्लॉट देंगे. इसके अलावा एक लाख रुपये की मदद भी दी जाएगी.
- लेकिन वास्तविकता है कि अभी तक बेघरों को न तो घर मिले ना ही प्लॉट. योजना भी दूसरे साल में शुरू की गई.
जमीन पर आएगा 'उड़ता पंजाब'
- कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि तस्करों को जेल भेजा जाएगा, उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और नशा मुक्त सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी.
- करीब 350 से ज्यादा तस्करों की संपत्ति जब्त की गई और 65 हजार स्मग्लर्स पर एक्शन लिया गया.
पंजाब का पानी राज्य के लिए
- कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि एसवाईएल के जरिए पानी नहीं दिया जाएगा. ये पंजाब के ही काम आएगा.
- लेकिन एसवाईएल को पाट दिया गया और एक फैसला सुप्रीम कोर्ट का हरियाणा के हक में आया.
बिजनेस और इंडस्ट्री को मिलेगी आजादी
- मेनिफेस्टो में ऐलान किया गया कि नई इंडस्ट्री लगाई जाएंगी. शराब-केबल-ट्रांसपोर्ट और माइनिंग पर एकाधिकार खत्म होगा.
- इस वादे का सच है कि एक हजार करोड़ की जो योजनाएं हैं, वो आखिर के साल में आईं.
सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा
- मेनिफेस्टो में कहा गया कि 3000 करोड़ की कर्जमाफी की जाएगी. पेंशन को बढ़ाया जाएगा और आत्महत्या पर मुआवजा मिलेगा.
- इस वादे के तहत 5 एकड़ तक 2 लाख का कर्ज माफ किया गया और खुदकुशी पर 3 लाख का मुआवजा.
किसानों को पेंशन
- कांग्रेस सरकार का ऐलान था कि किसानों को हर महीने पेंशन देंगे.
- 5 साल के कार्यकाल में कभी किसानों को पेंशन नहीं दी गई.
बेरोजगारी भत्ता
- घोषणा पत्र में युवाओं को 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया गया था.
- सरकार ने 5 वर्ष में कभी इस पर कोई कदम नहीं उठाया.
बीजेपी-अकाली दल के गठबंधन के वादों का सच
स्वरोजगार के लिए स्टार्टअप
- बीजेपी-अकाली दल की सरकार ने मेनिफेस्टो में कहा था कि स्वरोजगार के लिए स्टार्टअप और 3 प्रतिशत लोन पर इंटरनेट सब्सिडी देंगे.
- यह घोषणा मेनिफेस्टो में ही रह गई. स्टार्टअप शुरू ही नहीं हो पाया.
बेरोजगार युवाओं को भत्ता
- घोषणापत्र में 1000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही गई थी.
- इस घोषणा पर कोई काम नहीं हुआ. बेरोजगार 5 साल तक राह ही देखते रहे.
बेटियों को लैपटॉप-इंटरनेट
- 12वीं की छात्राओं को सरकार ने इंटरनेट कनेक्शन और मुफ्त लैपटॉप देने का वादा किया था.
- सरकार ने न तो लैपटॉप दिया और न ही इंटरनेट मिला.
छोटे कारोबारियों को सस्ता कर्ज
- सरकार ने घोषणा पत्र में छोटे कारोबारियों के लिए कर्ज लेने पर ब्याज में 5 प्रतिशत की सब्सिडी की बात कही थी.
- यह योजना मेनिफेस्टो के कागजों में ही रह गई. सरकार ने इस पर बात नहीं की.