चरणजीत चन्नी को करारी शिकस्त देकर बेटा बन गया MLA, फिर भी सफाई सेविका की ड्यूटी करने स्कूल पहुंची मां
आज जब उनका बेटा एमएलए बना है तो मां को इस की बहुत खुशी है. उन्होंने कहा कि चाहे लाभ का मुकाबला चरनजीत सिंह चन्नी के साथ था, लेकिन उनको पहले दिन से ही यकीन था कि लाभ चुनाव बड़े अंतर से जीतेगा.
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कांग्रेस के सीएम पद के दावेदार चरणजीत सिंह चन्नी को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार लाभ सिंह उगोके ने बड़े अंतर से हराया है. लाभ सिंह मजदूर परिवार से संबंध रखते हैं. लाभ सिंह और उनका परिवार दो कमरों के एक छोटे से घर में रहता है. वह मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर काम करते रहे हैं, जबकि उनके पिता एक मजदूर हैं और उनकी माता सरकारी स्कूल में सफाई सेविका हैं. इसके बावजूद लाभ सिंह को भदौड़ इलाके के लोगों ने चरनजीत सिंह चन्नी के खिलाफ 37550 से ज्यादा अंतर से जिताकर विधानसभा की सीढ़ियां चढ़ा दिया है. बेटा चाहे एमएलए बन गया हो, लेकिन परिवार आज भी मेहनत के काम की ही बात कर रहा है. लाभ की माता बलदेव कौर रोज की तरह आज भी सरकारी स्कूल में अपनी सफाई सेविका की ड्यूटी करने पहुंचीं. वो इस काम को जारी रखना चाहती हैं.
लाभ की माता बलदेव कौर ने बताया कि उनका परिवार मेहनत मजदूरी करके घर चलाने वाला परिवार है. बड़ी कठिनाईयों और मुश्किलों के दिन बर्दाश्त करके उन्होंने बेटे को पढ़ाया लिखाया है. आज जब उनका बेटा एमएलए बना है तो उनको इस की बहुत खुशी है. उन्होंने कहा कि चाहे लाभ का मुकाबला चरनजीत सिंह चन्नी के साथ था, लेकिन उनको पहले दिन से ही यकीन था कि लाभ चुनाव बड़े अंतर से जीतेगा. उन्होंने कहा कि चाहे मेरा बेटा विधायक बन गया है, परंतु वह इसके बावजूद अपनी ड्यूटी करती रहेंगी. सफाई सेविका के तौर पर काम करेंगी और इसी कमाई के साथ अपना घर चलाएंगी. उन्होंने कहा कि मेरे पुत्र लाभ सिंह से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं. लाभ इलाके के लोगों के लिए सेहत शिक्षा के लिए अच्छा काम करेगा.
लाभ सिंह उगोके का जन्म 06 अक्तूबर 1986 को हुआ. लाभ सिंह ने पढ़ाई गांव के प्राथमिक स्कूल और बारहवीं गांव सुखपुरा मोड़ से की. इसके बाद उन्होंने मोबायल रिपेयरिंग और प्लम्बिंग में डिप्लोमा किया. तीन साल गांव में मोबायल रिपेयरिंग की दुकान चलाने के बाद 2013 से वह पार्टी के साथ जुड़ गए. साल 2017 में भी टिकट की दावेदारी उन्होंने पेश की. हालांकि उस समय टिकट नहीं मिल सका. साल 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने टिकट दे दिया.
लाभ सिंह के परिवार में माता बलदेव कौर, पिता दर्शन सिंह, भाई सुखचैन सिंह, पत्नी वीरपाल कौर और दो बेटे हैं. लाभ सिंह का भाई इंडियन आर्मी से तीन महीने पहले रिटायर होकर आया है. माता बलदेव कौर गांव के सरकारी स्कूल में स्वीपर हैं, पिता ड्राइवर हैं. परिवार और गांव के लोगों ने लाभ सिंह को चुनाव लड़ने में पूरा सहयोग दिया. चरनजीत सिंह चन्नी को लाभ सिंह ने 37550 से ज्यादा के अंतर से हराया है.
लाभ सिंह के परिवार का कहना है कि हम जैसे पहले रहते थे, वैसे ही रहेंगे. लाभ सिंह को लोगों ने जिताया है. हम चाहेंगे, उन्हीं लोगों की वो सेवा करे. अपनी बातों पर खरे उतरें. हम उनका साथ देते रहेंगे. लाभ सिंह के जीतने को लेकर जहां परिवार में खुशी का माहौल है. पूरे गांव में खुशी का माहौल है. गांव वासियों का कहना है कि हमने कभी सोचा नहीं था, लाभ सिंह जो दिन-रात पार्टी के साथ सेवा करता है वह एक दिन विधायक बनेगा.
स्कूल की प्रिंसिपल अंमृतपाल कौर ने कहा कि लाभ सिंह की माता लंबे समय से इस स्कूल में सफाई सेविका के तौर पर काम कर रही है. लाभ भी इस स्कूल का विद्यार्थी रहा है. उसने एमएलए बन कर अपने गांव और स्कूल का नाम रौशन किया है. उन्होंने कहा कि लाभ की माता की यह एक अच्छी सोच है कि वह अपनी मेहनत का काम जारी रखना चाहती हैं.
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