पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद दिग्गज नेता सुनील जाखड़ ने पार्टी की हार की कई वजह बताई हैं. जाखड़ ने ‘एबीपी न्यूज’ से बातचीत में चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर सिद्धू को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाता, तो राज्य में बदलाव की आंधी रुक जाती. इसके अलावा सुनील जाखड़ ने पूर्व प्रभारी हरीश रावत को पूरी समस्या का सूत्रधार बताया और कहा कि उत्तराखंड में भगवान ने उनके साथ "न्याय" किया. चलिए जान लेते हैं कि कांग्रेस के दिग्गज नेता ने पार्टी की हार को लेकर कौन सी बड़ी बातें कहीं.


पंजाब में हार को लेकर सुनील जाखड़ की 10 बड़ी बातें

1. सुनील जाखड़ ने कहा, “हार की वजह यह थी कि कुछ महीनों पहले बीमारी का आकलन सही किया गया लेकिन दवाई गलत थी. चेहरा बदला, छवि नहीं बदल पाए. जिसे कमान दी गई, उसे लोगों ने स्वीकार नहीं किया.”

2. लोगों ने जाति-धर्म की राजनीति को नकार दिया. कांग्रेस ने वापसी का मौका खो दिया और आम आदमी पार्टी ने उसे लपक लिया.

3. जाखड़ के मुताबिक कांग्रेस में जिस चेहरे को लाया गया, उसमें लोगों ने व्यवस्था में बदलाव नहीं देखा. पहले से भी बुरा विकल्प साबित हुआ.

4. कांग्रेस नेता ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के पास अनुभव नहीं है. यह इनकी कमजोरी भी है और ताकत भी. शुरुआत में दिल्ली से ही सरकार चलेगी लेकिन भगवंत मान को कुछ समय देना चाहिए.

5. सुनील जाखड़ बोले, ‘लोगों की नाराजगी पहले से थी. कोरोना के कारण हाईकमान और स्थानीय नेतृत्व के बीच संवाद की कमी हो गई. समय रहते कदम उठाते और कैप्टन को वादों पर काम करने को कहा जाता तो बेहतर होता. लोग साफ छवि का व्यक्ति चाहते थे लेकिन जिसकी ईमानदारी पर सवाल खड़े हो जाए तो फिर वही ढाक के तीन पात वाली बात हो गई.”

6. उन्होंने कहा, “अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर नवजोत सिंह सिद्धू को मौका दिया जाता तो वो बेहतर साबित होते. बदलाव की आंधी को वो रोक सकते थे. शायद सबको साथ ले कर नहीं चल पाते लेकिन उन पर भ्रष्टाचार और बादलों के साथ मिलीभगत के आरोप नहीं लगते.”

7. जाखड़ ने कहा, “चन्नी को एक कार्ड की तरह पेश किया गया जो गलत था. क्या जुआ खेला जा रहा था? समस्या के जो सूत्रधार थे उनके साथ ऊपर वाले ने उत्तराखंड में न्याय किया. रावत साहब की चलाई मिसाइल कांग्रेस पर ही आकर गिरी.”

8. उन्होंने कहा, “मुझे लगता था कि नतीजों के बाद सिद्धू नैतिकता के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे. अगर इस्तीफा नहीं दिया तो उन्हें अभी से संगरूर में जम जाना चाहिए जहां आने वाले समय में लोकसभा के उपचुनाव होंगे. प्रधानमंत्री अगर अभी से सरपंचों के साथ बैठक कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं कर सकते ! एक-दूसरे से झगड़े खत्म कर हमें जुट जाना चाहिए. मुझे फांसी लगा दो लेकिन कांग्रेस को बचा लो.”

9. जाखड़ बोले, “आम आदमी पार्टी वाले नौसिखिए हैं, ये पंजाब नहीं चला पाएंगे. पता नहीं उस्तरे से हजामत करेंगे या गला काटेंगे! कांग्रेस की वापसी की गुंजाइश है.”

10. कांग्रेस नेता ने कहा, “चुनाव के दौरान मेरा बयान कांग्रेस के लिए नहीं अम्बिका सोनी के लिए था. कांग्रेस नेताओं ने साफ क्यों नहीं कर दिया कि सुनील जाखड़ को इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया कि वो विधायक नहीं थे, ना कि इस वजह से कि वो हिन्दू हैं.”


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