नई दिल्लीः कांग्रेस कार्यसमिति ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को ये अधिकार दिया है कि वो पार्टी के लिए चुनावों से पहले और चुनावों के बाद के गठबंधन पर सारे फैसले ले सकते हैं. आज राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा कि इस समय कांग्रेस पार्टी के लिए वोट आधार बढ़ाना सबसे बड़े कामों में से एक है. हमें हर संसदीय क्षेत्र में जाकर उन लोगों को ढूंढना होगा जो हमारे लिए वोट नहीं करते हैं और उन तक पहुंचने के लिए हमें एक रणनीति बनानी होगी, वहीं उनका भरोसा दोबारा जीतने के लिए कोशिश करनी होगी.
दरअसल, 2019 को लेकर पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने गठबंधन का मंत्र दिया है. सोनिया गांधी ने जहां समान विचार वाली पार्टियों को एक साथ आने का आह्वान किया है वहीं चिदंबरम ने बैठक में प्रेजेंटेशन देकर कहा है कि अगर बड़ा गठबंधन होता है तो यूपीए 300 सीटें जीत सकता है. चिदंबरम का दावा है कि देश के 12 राज्य ऐसे हैं जहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है और सही से लड़ाई लड़ी जाए तो इन्ही राज्यों में कांग्रेस को 150 सीटें मिल सकती हैं.
इसके अलावा राहुल गांधी ने आज पार्टी के कुछ नेताओं को एक तरह से चेतावनी देते हुए कहा कि 'मैं बेहद बड़ी लड़ाइयां लड़ रहा हूं, पार्टी फोरम में बोलने को हरेक को अधिकार है लेकिन अगर पार्टी का कोई नेता गलत बयान देकर इस लड़ाई को कमजोर करता है तो मैं उसके खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटूंगा.'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की नवगठित कार्य समिति की पहली बैठक आज पार्लियामेंट एनेक्सी में हो रही है. बीते दिनों कांग्रस पार्टी ने अपनी नई CWC का गठन किया था और आज इसकी बैठक में पार्टी के कई दिग्गज और वरिष्ठ नेता हिस्सा ले रहे हैं.
राहुल के नेतृत्व में पहली बार विस्तारित CWC की बैठक के लिए पार्टी के 239 बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया है. CWC की बैठक में 2019 लोकसभा चुनाव से पहले सारी पार्टियों से गठबंधन करने और राहुल गांधी को गठबंधन का चेहरा बनाने पर ज़ोर दिया गया. सचिन पायलट, शक्ति सिंह गोहिल, रमेश चेन्निथला जैसे कुछ नेताओं ने कहा कि पार्टी को रणनीतिक गठबंधन बनाना चाहिए. साथ ही कोशिश करनी चाहिए कि गठबंधन के केंद्र में कांग्रेस हो. इन नेताओं का कहना था कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरें और राहुल गांधी गठबंधन का चेहरा हों.
बता दें कि राहुल गांधी ने पिछले दिनों 51 सदस्यीय कार्य समिति का गठन किया था जिसमें 23 सदस्य, 18 स्थाई आमंत्रित सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं. पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस की कमान संभालने वाले राहुल गांधी ने नई कार्यसमिति में अनुभवी और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है.
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