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Rahul On ABP: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इंटरव्यू की Full Transcript पढ़ें शब्दश:

Rahul Gandhi Interview: राहुल गांधी ने इस चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी के आरोपों, राफेल, नागरिकता और चुनाव आयोग समेत कई मुद्दों पर खुलकर जवाब दिए. लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत की है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत की है. राहुल गांधी ने इस चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी के आरोपों, राफेल, नागरिकता और चुनाव आयोग समेत कई मुद्दों पर खुलकर जवाब दिए. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के आरोपों पर कहा कि नरेंद्र मोदी मेरी ओर जो भी नफरत फेकेंगे मैं वापिस प्यार फेकूंगा. मेरा रिस्पॉन्स प्यार है, उनका रिस्पॉन्स नफरत है.

दोहरी नागरिकता के सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार को जांच की चुनौती दी. उन्होंने कहा कि आप सरकार में हैं ना आप जो इन्क्वायरी कराना चाहेंगे करवा लीजिए. आपको पता लगाना है तो पता लगा लीजिए, अगर सच्चाई निकले तो एक्शन ले लीजिए, जेल में डाल दीजिए मुझे. प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर राहुल गांधी ने कहा, ''मैं अपना काम करता हूं. जो निर्णय हिंदुस्तान के लोग लेंगे वो उनके ऊपर है. मैं कैसे कह सकता हूं. राहुल गांधी से यह बातचीत हमारे सहयोगी दिबांग और एबीपी आनंदा के सहयोगी सुमन दे ने की.

यहां पढ़ें राहुल गांधी के इंटरव्यू की पूरी ट्रांसक्रिप्ट... दिबांग- इस समय मेरे साथ हैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राहुल जी आपका स्वागत है आपने समय दिया उसका धन्यवाद. पुरुलिया में हम हैं बहुत गर्मी पड़ रही है. ये बताइये पांच दौर एक तरीके से हो चुके हैं, पांच चरण हो चुके हैं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं अगले दो चरण हम राजीव गांधी के मान-सम्मान पर क्यों न चुनाव लड़ लें. एक चुनौती दे रहे हैं. क्या आप इस चुनौती के लिए तैयार हैं ?

राहुल गांधी- चुनौती का जवाब दे दिया. मैंने कहा नरेंद्र मोदी मेरी ओर जो भी नफरत फेकेंगे मैं वापिस प्यार फेकूंगा. मेरा रिस्पॉन्स प्यार है, उनका रिस्पॉन्स नफरत है. जो उनके दिल में है वो देंगे,जो मेरे दिल में है मैं दूंगा. नरेंद्र मोदी घबराए हुए हैं, डरे हुए हैं मैं समझता हूं. चुनाव हारने जा रहे हैं उनका डर मैं समझता हूं और डर से वो नफरत पैदा हो रही है. तो नफरत तो उनकी है मेरी नहीं है.

सुमन दे- राहुल जी क्या आपको लगता है इस चुनाव में कभी जवाहर लाल नेहरू आपके साथ लड़ रहे हैं,कभी राजीव गांधी आपके साथ लड़ रहे हैं क्योंकि बहुत सारे मुद्दे पर उन्हें लाया जाता है, घसीटा जा रहा है. नेहरू के कश्मीर नीति की भी आलोचना हो रही है, बोफोर्स एक बार फिर से उभर कर सामने आ रहा है. क्या आपको लगता है कि सारे पुराने मुद्दे एक बार फिर सामने आ रहे हैं ?

राहुल गांधी- देखिए मेरी लड़ाई, साफ कहूं तो गरीबी के खिलाफ, किसानों की जो हालत है, उनके दिल में जो दर्द है. बेरोजगारी, जो हमारे युवा हैं उनके लिए मैं लड़ाई लड़ रहा हूं. मेरी लड़ाई नरेंद्र मोदी जी की विचारधारा से है. नरेंद्र मोदी जी की विचारधारा जो है वो डर की विचारधारा है, नफरत की विचारधारा है. उससे हिंदुस्तान का नुकसान होगा. अब नरेंद्र मोदी जिस प्रकार से लड़ना चाहते हैं वो लड़ें, मैं जिस प्रकार से लड़ना चाहता हूं मैं लड़ूंगा.

सुमन दे- कांग्रेस का अतीत ?

राहुल गांधी- कांग्रेस का इतिहास है. कांग्रेस अहिंसक पार्टी है. कांग्रेस भाईचारे की बात करती है. हमारी प्रतिक्रिया वही होती है. आप हमारे मारिये, आप हमें पीटिये. अंग्रेज भी मारते थे, आप मारिये पीटिये जितना मारना है. हम आपसे सीखेंगे. जितना नरेंद्र मोदी जी मुझपर आक्रमण करते हैं, जितने वो निजी हमले करते हैं, उतनी मुझे ताकत मिलती है. मैं सीखता हूं. आपने मुझे कुछ गलत बोला, मैं दो तरह से जवाब दे सकता हूं. एक मैं आपको गलत तरीके से जवाब दे सकता हूं और दूसरा मैं आपको प्यार से जवाब दे सकता हूं. अगर मैंने प्यार से जवाब दिया मैंने सीखा, अगर मैंने नफरत से जवाब दिया तो मैं नाकाम रहा.

दिबांग - आप विपश्यना करते हैं. आप ही पर नहीं हमला हो रहा है, हमला हो रहा है आपके पिता जी पर, उनको भ्रष्टाचारी नंबर 1 बोल रहे हैं, आपकी माता जी को कांग्रेस की विधवा बोल रहे हैं. क्या असर होता है ?

राहुल गांधी- देखिए मैं जो बोल रहा हूं वो मैं नहीं बोल रहा, मैं जनता की आवाज सुन रहा हूं और जो जनता बोल रही है मैं उसको दोहरा रहा हूं. वही काम मेरे पिताजी करते थे, वही काम मेरी दादी करती थीं, वही काम हमारी ये सेना करती है, वही काम हिंदुस्तान के किसान करते हैं तो आपको जो भी बोलना है बोलिए, मजे लीजिए. जो भी आपके दिल में आए, जितनी भी आपको मुझे गाली देनी है दीजिए, मैं सब सह लूंगा. मैं अभी बोल रहा हूं, जितनी भी नफरत से नरेंद्र मोदी मुझसे बात करें उससे 10-15 गुना ज्यादा नफरत तो मैं खा सकता हूं दो मिनट में मतलब पता भी नहीं लगता मुझे.

दिबांग- आप फिर भी झप्पी की बात करते हैं ?

राहुल गांधी- मैं प्यार देता हूं, मैं प्यार से काम करता हूं क्योंकि ये जो देश है इसका इतिहास प्यार है. ये देश नफरत से नहीं चल सकता, कभी नहीं चल सकता.

सुमन दे- राहुल जी एक शब्द मैं इस्तेमाल कर सकता हूं गांधीगीरी. 2019 के चुनाव में क्या केरल में गांधीगीरी चल सकती है. केरल में वामपंथियों के खिलाफ आप एक शब्द नहीं बोले लेकिन…

राहुल गांधी- देखिए गांधी जी के जो भी विचार थे वो भी उन्होंने हिंदुस्तान के इतिहास से लिए थे. ये जिस चीज की मैं बात कर रहा हूं ये गांधीजी से शुरू नहीं हुई. ये गांधी जी से बहुत पहले हिंदुस्तान में है. गांधीजी ने उसको उस समय की आवाज दी थी और गांधीजी ने जबरदस्त काम किया था . हिंदुस्तान की जो ऊर्जा है उसको उन्होंने सुपरपावर के खिलाफ खड़ा करके सुपरपावर को हराया था. बड़ा काम किया था मगर गांधीजी ने भी जो सोच निकाली थी वो हिंदुस्तान की जनता में से निकाली थी. हिंदुस्तान के इतिहास में से निकाली थी. नरेंद्र मोदी जी इस देश को नहीं समझे हैं. दुख की बात ये है कि इस देश ने नरेंद्र मोदी जी को सबसे महत्वपूर्ण चीज दी- भरोसा. नरेंद्र मोदी जी ने वादा किया था दो करोड़ युवाओं को रोजगार दूंगा, 15 लाख रुपये बैंक खाते में डालूंगा. देश ने भरोसा किया था. किसानों ने भरोसा किया था कि ये आदमी हमारे लिए कुछ करेगा. भरोसा टूटा है. नरेंद्र मोदी उस बात को भी नहीं समझ पा रहे हैं. नरेंद्र मोदी समझ नहीं पा रहे हैं कि देश का भरोसा उनमें टूट गया है. नरेंद्र मोदी जो था वो नहीं रहा, खत्म हो गया है वो मगर नरेंद्र मोदी जी को अभी थोड़ा टाइम लैग है, बात समझ नहीं आ रही है. इसलिए उनको गुस्सा आ रहा है, डर लग रहा है, नफरत आ रही है वो मेरे ऊपर उतार रहे हैं.

सुमन दे- आप मान रहे हैं कुछ था उनमें ?

राहुल गांधी- हिंदुस्तान ने उनको मौका दिया कि नरेंद्र मोदी जी आप मेरे लिए काम कीजिए, 2 करोड़ युवाओं को रोजगार दीजिए. बड़ी जिम्मेदारी दी, प्यार दिया और नरेंद्र मोदी जी ने एक प्रकार से उस भावना का सम्मान नहीं किया.

दिबांग- राहुल अगर आप ये देखें कि आप नारा लगवाते हैं, आपके पिताजी के बारे में भी यही कहा जाता था, यही शब्द इस्तेमाल होता था. कोर्ट ने उनको बाइज्जत बरी किया. अब अगर आप ऐसे नारे लगवाएंगे….

राहुल गांधी- मेरे पिता का जो इतिहास है वो पूरा देश जानता है. मेरे पिता शहीद हुए. मेरी दादी शहीद हुईं. उसके बारे में मैं बोलता नहीं हूं. ये उनकी जगह है उन्हें जो करना था उन्होंने किया. मगर नरेंद्र मोदी के दिल में जो नफरत है मुझसे नहीं है. नरेंद्र मोदी जी मुझसे नफरत नहीं करते हैं, नरेंद्र मोदी जी कांग्रेस से नफरत नहीं करते हैं, जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी से नफरत नहीं करते हैं. नरेंद्र मोदी जी नरेंद्र मोदी से नफरत करते हैं. मेरा काम कांग्रेस के नेता होने के नाते उनके दिल से वो नफरत निकालने का है. मैं बता रहा हूं, मैं नरेंद्र मोदी जी के दिल प्यार डालूंगा. बच नहीं सकते मेरे प्यार से नरेंद्र मोदी जी.

दिबांग- जब आप कहते हैं चौकीदार चोर हैं..

राहुल गांधी- मैं नहीं कहता. मैं कहता हूं चौकीदार…. चौकीदार.. मैं चौकीदार बोलता हूं. ये सच है कि चोरी हुई है. राफेल मामले में 30 हजार करोड़ रुपये वायुसेना से चोरी करके अनिल अंबानी के खाते में डाले गए. फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा है कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने मुझे कहा कि अनिल अंबानी को ठेका मिलना चाहिए, एचएएल कंपनी को नहीं जाना चाहिए. हिंदुस्तान में जहाज नहीं बनना चाहिए. 1600 करोड़ रुपये का खरीदा जाना चाहिए. चोरी हुई है. एयरफोर्स के अधिकारियों ने लिखा है कि प्रधानमंत्री पैरेलल निगोशिएशन कर रहे थे. डिफेंस मिनिस्टर पर्रिकर जी ने कहा कि मैं दूसरी डील के बारे में जानता ही नहीं हूं ये नरेंद्र मोदी जी जानते हैं. तो चोरी हुई है अब आप जनता को चोरी के लिए दूसरा शब्द दे सकें थोड़ा प्यारा शब्द दे सकें तो मुझे दे दीजिए मैं उसका प्रयोग कर दूंगा. मैं कहूंगा चौकीदार, जनता कहेगी..

सुमन दे- राहुल जी लेकिन कोर्ट में तो ये साबित नहीं हुआ है ? राहुल गांधी- कोर्ट में क्या साबित नहीं हुआ है ?

सुमन दे- यही कि ये घोटाला है राहुल गांधी- प्रोसेस चल रही है, इन्क्वायरी करवाइये साबित हो जाएगा. आप इन्क्वायरी क्यों नहीं करवा रहे हैं. इन्क्वायरी की बात छोड़िये आप मेरे सामने खड़े हो जाइये आइये.

सुमन दे- ओपन डिबेट राहुल गांधी- जहां भी आप चाहें. मैंने 10, 15, 20 बार चैलेंज दिया है जहां भी आप चाहें मैं आ जाऊंगा. रेसकोर्स रोड आ जाऊंगा. आप बुलाएंगे तो आपके ऑफिस में आ जाऊंगा. ओपन डिबेट कर लेते हैं.

राहुल गांधी- जहां भी.. आ जाइये खुली डिबेट करते हैं. मैं राफेल का मामला उठाता हूं. मैं आपसे 4-5 सवाल पूछूंगा उन सवालों के जवाब आप देश के सामने दे दीजिए. दिबांग- नहीं वो कह रहे हैं कि वो इसके लिए तैयार नहीं हैं. राहुल गांधी- मैं गारंटी से कहता हूं देखिए मैं ऐसे देख रहा हूं ना कैमरे में नरेंद्र मोदी ऐसे नहीं देख पाएंगे. नहीं कर पाएंगे ऐसे करेंगे…

दिबांग- राहुल जी मैं एक बात बोल रहा हूं कि आप किसी न किसी तरीके से उनके ट्रैप में फंस रहे हैं. उनकी कोशिश है कि इस पूरे चुनाव को अमेरिका में जैसे प्रेजिडेंशियल चुनाव होता है वैसा बनाया जाए. लेकिन जब आप मोदी को अटैक करते हैं

राहुल गांधी- ये चुनाव खत्म हो गया है. ये अब चुनाव का लास्ट फेज है. चुनाव खत्म हो गया है नरेंद्र मोदी चुनाव हार गए हैं. कोई ट्रैप नहीं है.

दिबांग- आपको लगता है कि वो हार गए हैं ?

राहुल गांधी- राहुल गांधी हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नहीं बन रहे हैं. इम्पॉसिबल, खत्म और इसीलिए नरेंद्र मोदी जी के दिल में इतना गुस्सा है. इसीलिए इस प्रकार से मेरे ऊपर आक्रमण कर रहे हैं.

दिबांग- मैं समझना चाह रहा हूं कि स्ट्रैटजी क्या थी कि आपने नरेंद्र मोदी की आइडियोलॉजी नहीं चुनी, पार्टी नहीं चुनी आपने नरेंद्र मोदी को चुना. राहुल गांधी- नहीं नहीं.. आइडियोलॉजी चुनी. नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान के इंस्टीट्यूशन्स पर अटैक कर रहे हैं. उन इंस्टीट्यूशन्स को हमने डिफेंड किया. सुप्रीम कोर्ट, इलेक्शन कमीशन, प्लानिंग कमीशन, आरबीआई उनपर आक्रमण किया. जब नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की तब हिंदुस्तान के इंस्टीट्यूशन्स पर आक्रमण किया. आरबीआई के जो लर्नेड लोग थे उनको डिसरिस्पेक्ट किया, उनको अलग किया. हम जब लड़े जब हम नोटबंदी के खिलाफ लड़े, जब हम गब्बर सिंह टैक्स के खिलाफ लड़े तब हम इस भावना के खिलाफ भी लड़े थे कि आप हिंदुस्तान के इस्टीट्यूशमन्स का आदर करोगे. आप हिंदुस्तान के इंस्टीट्यूशन्स पर आक्रमण नहीं कर सकते हो.जब हम राफेल की बात करते हैं जब हम चोरी की बात करते हैं , हम डिफेंस फोर्सेस की बात करते हैं. हमने कहा है उनसे कि आप डिफेंस फोर्सेस का पॉलिटिकल यूज नहीं कर सकते हैं. पुलवामा के बाद कांग्रेस पार्टी ने साफ कह दिया था कांग्रेस पार्टी का पूरा सपोर्ट हिंदुस्तान की सेना को, हिंदुस्तान के एयरफोर्स को, सरकार को देगी. मैंने अपनी पूरी पार्टी से कहा कि पॉलिटिसाइज नहीं किया जाएगा. आप हिंदुस्तान की सेना के बलिदान को पॉलिटिसाइज कर रहे हैं. ये विचारधारा की लड़ाई है. इसके जो पूरे एक्शंस हैं विचारधारा के हैं.

सुमन दे- लेकिन बार बार चुनाव आयोग क्लीन चिट दे रहा है नरेंद्र मोदी को और उनकी पार्टी को ? राहुल गांधी- इसके बारे में तो आपको बोलना पड़ेगा. दो अलग अलग नियम चल रहे हैं. एक बीजेपी के लिए रूल चल रहा है. अगर आप कुछ बोलेंगे और वही बात नरेंद्र मोदी जी बोलेंगे तो आपको टोका जाएगा नरेंद्र मोदी जी को छोड़ा जाएगा.ये तो दिख रहा है पूरे देश को दिख रहा है मगर वो प्रेशर है ना. वो प्रेशर है, डर है. आप देखिए फ्रैंकली चुनाव के जो स्टेजेज हैं किस प्रकार से कहां कहां चुनाव हुए हैं उसपर भी क्लीयरली फायदा तो नरेंद्र मोदी का है. लोग कह रहे हैं मैं नहीं कह रहा हूं. सबलोग बोल रहे हैं.

दिबांग- ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस में भी आप ही बहुत एग्रेसिवली सामने आकर बिना डरे मोदी और बीजेपी…

राहुल गांधी- नहीं नहीं.. कांग्रेस पार्टी लड़ रही है. हमारे चीफ मिनिस्टर्स लड़ रहे हैं. गहलोत जी, कमलनाथ जी, बघेल जी हमारे सब चीफ मिनिस्टर अमरिंदर सिंह जी सब लड़ रहे हैं. कांग्रेस पार्टी लड़ रही है. मैं कांग्रेस प्रेजिडेंट हूं तो थोड़ी ज्यादा जिम्मेदारी मेरे ऊपर पड़ती है. दिबांग- भारी है जिम्मेदारी राहुल गांधी- नहीं बिल्कुल नहीं.. दिबांग- आपने कहा कि ये चुनाव हार चुके हैं नरेंद्र मोदी तो क्या आप कह रहे हैं कि अब नया प्रधानमंत्री बनेगा तो क्या आप प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं ? राहुल गांधी- ये तो देश के ऊपर है. मैं कैसे आपसे कह सकता हूं. सुमन दे- स्टालिन बोल रहे हैं कि आपको ही प्रधानमंत्री बनना चाहिए ? राहुल गांधी- वो तो सब ठीक है मगर देखिए मेरा काम देश की इंस्टीट्यूशन्स की रक्षा करने का है. मेरा काम जो देश की जो आवाज है, दर्द है उसको सुनने का है. मैं अपना काम करता हूं. जो निर्णय हिंदुस्तान के लोग लेंगे वो उनके ऊपर है. मैं कैसे कह सकता हूं. दिबांग- हिंदुस्तान के लोग लेंगे मतलब जो हिंदुस्तान के लोग कहेंगे यानी जो पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनेगी राहुल गांधी- जो हिंदुस्तान की जनता कहेगी उसका मैं पालन करूंगा. वो मालिक है. दिबांग- पर हिंदुस्तान की जनता ये नहीं कहेगी कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा वो तो वोट देगी पार्टियों को अगर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी राहुल गांधी- वोट से पूरा पता लग जाएगा. 23 तारीख के बाद पूरा का पूरा पता लग जाएगा कि हिंदुस्तान की जनता ने क्या कहा है. उससे पहले मैं इस सवाल का जवाब नहीं दे सकता हूं क्योंकि मैं उनकी आवाज को सुनकर काम करता हूं. वो मालिक हैं मैं उनका काम करता हूं.

सुमन दे- राहुल जी गठबंधन की बात पर आएं तो हम ऐसे राज्य में बैठे हैं... यहां 19 जनवरी को महागठबंधन की एक रैली हुई थी.. जहां आपने खुद खत लिखा था और मल्लिकार्जुन खड़गे जी को वहां भेजा.. फिर उसके बाद से आज तक ममता बनर्जी, मायावती, आप किसी के साथ कांग्रेस की जम नहीं रही है और रैलियों में हमला चल रहा है एक दूसरे पर... राहुल गांधी- देखिए साउथ से स्टार्ट करते हैं.. अभी स्टालिन जी की आपने बात की केरल में चलिए UDF, महाराष्ट्र में चलिए शरद पवार जी, बिहार... सुमन दे- राहुल जी.. एक बात राहुल गांधी- सवाल का जवाब तो देने दीजिए.. सुमन दे- प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रकाश करात बोल रहे हैं कि राहुल गांधी को हराने के लिए सबकुछ करेंगे LDF और सीपीआई (एम)… राहुल गांधी- केरल में ? सुमन दे- हां केरल में.. राहुल गांधी- करना चाहिए.. बिल्कुल करना चाहिए.. सुमन दे- तो आप गांधीगीरी कर रहे हैं? राहुल गांधी- नहीं- नहीं गांधीगिरी का मतलब ये नहीं कि हम अपनी विचारधारा के लिए नहीं लड़ेंगे.. क्या गांधी जी लड़े नहीं थे क्या? CPM को बिल्कुल लड़ना चाहिए और हम भी लड़ेंगे... सुमन दे- उनके खिलाफ आप कुछ बोल नहीं रहे हैं... राहुल गांधी- नहीं.. मैं केरल में मैसेज देन गया था...मेरा काम था कि जो साउथ के लोग हैं उनको लग रहा है कि हिन्दुस्तान में जिस प्रकार से हमारी आवाज सुनी जानी चाहिए उस प्रकार से नरेन्द्र मोदी उस आवाज को दबा रहे हैं. इसलिए मैंने कहा कि मैं मैसेज देने के लिए साउथ से लड़ूंगा. मगर चलते हैं वापस अलायंस पर महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड जम्मू कश्मीर इन सब जगह अलायंस है. नेशनल अलायंस हैं. अब बचा बंगाल, बंगाल में सेक्युलर पार्टी आएगी या नॉन सेक्युलर पार्टी आएगी? क्या लगता है आपको? सेक्युलर पार्टी आएगी. चलिए यूपी की बात करते हैं, यूपी में सेक्युलर फॉर्मेशन जीतेगा या नॉन सेक्युलर फॉर्मेशन जीतेगा? उसमें हमारी सीटें आएंगी उसमें एसपी और बीएसपी की सीटें आएंगी. बीजेपी का दरवाजा हमने सब तरफ बंद कर दिया है. सुमन दे- सेक्युलर पार्टियों में दरार और अपने बीच ये जो.. राहुल गांधी- थोड़ा बहुत टेंशन रहता है, और आप क्या एक्सपेक्ट करते हैं कि टेंशन नहीं रहेगा? और क्यों नहीं रहेगा.. उनकी पॉलिटिकल पोजिशन थोड़ी अलग है और हमारी थोड़ी अलग है.. अब यूपी में समाजवादी पार्टी का व्यू हमसें थोड़ा अलग है, हमारी थोड़ी अलग है. क्यों नहीं टेंशन होगी? बिल्कुल होगा, लेकिन को-ऑपरेशन भी है. मैंने बोला है प्रियंका से और सिंधिया जी से भी, जहां हमारा कैंडिडेट जीत रहा है, वहां हमें पूरा दम लगाकर जितवाना हैं, जहां लग रहा है कि हमारा कैंडिडेट फाइट में नहीं है वहां बीजेपी के कैंडिडेट्स को हराना है. सिंपल सी बात है, मगर हम अपनी विचारधारा के लिए तो लड़ेंगे, पार्टी क लिए तो लड़ेंगे. ये थोड़ा जिसको आप बहुत बड़ा बना देते हैं, ये थोड़ा थोड़ा टेंशन रहता है.मेरा मतलब मेरी रिलेशनशिप नेशनल लीडर्स के साथ बहुत अच्छी है. और सबसे, ममता जी की मैं रिस्पेक्ट करता हूं, उनकी जगह है, उनकी पार्टी है, हम लड़ रहे हैं, बंगाल में लड़ रहे हैं. पर्सनली मेरा ममता जी के खिलाफ, मायावती जी के खिलाफ, अखिलेश यादव जी के खिलाफ कुछ भी नहीं है. दिबांग- जो नाम प्रधानमंत्री पद के लिए आ रहे हैं, उसमें ममता बनर्जी, मायावती, शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू इनमें से आपको कौन ज्यादा पसंद है? राहुल गांधी- नहीं जैसे मैंने पहले बोला, मेरा लक्ष्य 23 मई तक फुल एनर्जी डालकर बीजेपी, आरएसएस, नरेन्द्र मोदी को हराने का है. मैं इस बात में आउंगा ही नहीं, क्योंकि मैं जानता हूं कि आप ये डिस्ट्रैक्ट करने के लिए कर रहे हैं. मैं उसमें फसूंगा ही नहीं, जैसे अर्जुन ने आंख देख ली थी, मैंने आंख देख ली है, मैं वहां तीर मारूंगा, और वो तीर लगेगा जाकर. दिबांग- आंख में क्या है? राहुल गांधी- आंख में है कि जो हिन्दुस्तान के इंस्टिट्यूशन्स हैं, हिन्दुस्तान का जो कॉन्स्टिट्यूशन है, उसकी रक्षा करनी है और जो हिन्दुस्तान की जनता की आवाज है जो नरेन्द्र मोदी और आरएसएस दबाने की कोशिश कर रहे हैं उसको सपोर्ट करना है. मुझे और कुछ नहीं दिख रहा है. सुमन दे- ममता बनर्जी बोलती हैं, वो बच्चा है, नादान है तो उसके खिलाफ कुछ भी नहीं बोलेंगे. राहुल गांधी- मेरे बारे में जो भी लोग बोलना चाहे बोल सकते हैं, मुझे को प्रॉब्लम नहीं है. मैं सीखता हूं, मेरे बारे में अगर कोई कुछ कहता है तो मैं सुनता हूं और सीखता हूं. सुमन दे- एक आरोप ये भी है कि आपके दो बड़े उम्मीदवार अधीर चौधरी और अभिजीत बाबू दोनों आरएसएस की मदद से लड़ रहे हैं. राहुल गांधी- ऐसी बात नहीं है, ऐसा हो ही नहीं सकता अधीर को तो मैं जानता हूं, बहुत अच्छे से जानता हूं. हो ही नहीं सकता, सवाल ही नहीं उठता. दिबांग- एक विपक्ष जो आरोप लगाता है कि जब सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष थीं, हम जानते थे कि पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन बनेगा, राहुल गांधी बनेंगे, इसमें सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार के लोग बन सकते हैं.. ये जो विपक्ष लगातार खूब बोलते हैं, प्रधानमंत्री जी भी बोलते हैं.. राहुल गांधी- बहुत इंट्रेस्टिंग बात है, आपने मुझे बोला कि राजीव गांधी जी का आखिरी इंटरव्यू आपने किया, कितने साल हुए? दिबांग- बहुत साल हो गए राहुल गांधी- कितने साल हुए दिबांग- मेरे ख्याल से 30 साल राहुल गांधी- 1991? दिबांग- ’91, जी बिल्कुल राहुल गांधी- तब से आज तक गांधी परिवार का कोई प्राइम मिनिस्टर नहीं हुआ. तब भी मनमोहन सिंह जी 10 साल रहे, राव जी रहे, तब भी नरेन्द्र मोदी जी ऑब्सेस्ड हैं.. मतलब नरेन्द्र मोदी जी ऑब्सेस्ड क्यों हैं, क्योंकि वो जानते हैं कि हम विचारधारा की लड़ाई लड़ते हैं और जानते हैं कि हमारा एक प्रकार से रिश्ता है जनता से, हम सुनते हैं जनता की बात.. हम प्यार करते हैं जनता से.. लेकिन अगर आप देखें तो हिन्दुस्तान में 10 साल तक मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री रहे उसके पहले नरसिम्हा राव जी रहे, ये कांग्रेस से थे ना या ये किसी और पार्टी के थे, गलती तो नहीं कर रहा हूं ना मैं… सुमन दे- इस राज्य में लेफ्ट (पार्टी) के साथ आपका गठबंधन होने वाला था लेकिन वो हो नहीं पाया, लेकिन वो लास्ट अध्याय में बिगड़ गया.. क्या हुआ? राहुल गांधी- मतलब डिस्कशन में बात बन नहीं पाई, हमारे लोग और उनके बीच जो सॉल्युशन निकलने थे वो निकल नहीं पाए.. ठीक है कोई बात नहीं.. सुमन दे- लेफ्ट फ्रंट के चेयरमैन ने ये आरोप लगाया है कि उसमें भी करप्शन है, मनी बैग है.. राहुल गांधी- ऐसी कोई बात नहीं है, बिल्कुल भी नहीं, अब अगर लेफ्ट फ्रंट चाहे कि हम बिल्कुल बंगाल से खुद को मिटा दें तो बिल्कुल नहीं, हम नहीं करेंगे… दिबांग- 2-3 आरोप जो आप पर लगते हैं उनमें से नागरिकता वाला एक आरोप है, राहुल जी बार-बार ये सवाल क्यों आ जाता है.. राहुल गांधी- मेरे पिता के बारे में आता है, मेरे बारे में आता है, करिए, आप 5 साल से सरकार में हैं लेकिन नहीं किया आपने, मैं कहता हूं करो.मैं नहीं डरता हूं. दिबांग- एक पर्सनल आरोप जो अभी प्रधानमंत्री जी ने लगाना शुरू किया है.. कि इनके जो पार्टनर थे उनको भी ऑफसेट किया.. राहुल गांधी- करो ना, लगाओ इन्क्वायरी, करो ना.. आप पांच साल से हो ना करो. कुछ है ही नहीं, आप सरकार, प्राइम मिनिस्टर होना करो. क्यों नहीं किया आपने 5 साल में दिबांग- आपको डर नहीं है राहुल गांधी- किस चीज का डर, भैया सच्चाई प काम करता हूं, मैं सच्चा आदमी हूं क्या डरना है मुझे.. सुमन दे- राहुल जी न्याय पर आते हैं, कुछ इकोनॉमिस्ट का कहना है कि ये देश की इकोनॉमी पर बहुत बुरा प्रभाव डालने वाली है

राहुल गांधी- थोड़ा न्याय के बारे में बात कर लेते हैं. न्याय के दो लक्ष्य हैं, एक लक्ष्य है कि गरीबों पर जो अत्याचार मोदी जी ने किया है, गरीबों को न्याय देने का, फर्स्ट.. और वो सिंपल है, 25 करोड़ लोग- 5 करोड़ परिवारों को महिला के अकाउंट में साल का 72 हजार रुपये.. 5 साल का तीन लाख 60 हजार रुपये..तब तक जब तक उनकी आमदनी 12 हजार रुपये प्रति महीना होगी. जैसे ही उनकी आमदनी 13-14 हजार रुपये होगी, न्याय बंद हो जाएगी उनके लिए. मगर न्याय के पीछे एक दूसरी सोच है और बहुत ही पावरफुल सोच है, जब नरेन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी की और गब्बर सिंह टैक्स लागू किया, तो जो जनता की परचेसिंग कैपेसिटी थी.. उसको नष्ट कर दिया.. जेब से पैसा निकाल दिया, घर से पैसा निकाल दिया.. अनिल अंबानी को दिया, नीरव मोदी को दिया.. जनता की जेब में पैसा नहीं तो जनता ने माल खरीदना बंद कर दिया.. शर्ट, पैंट, जूता.. डिमांड ड्राप हुआ, डिमांड ड्रॉप हुआ तो दुकानें बेच नहीं पाईं, दुकानें बेच नहीं पाई तो फैक्ट्री ने बनाना बंद कर दिया.. फैक्ट्री ने बनाना बंद किया तो फैक्ट्री के मालिकों ने कहा कि भैया हम आपको रोजगार नहीं दे सकते.. युवाओं को भगा दिया, कहा कि भैया यहां पर तो जगह नहीं है… माल खरीदा नहीं जा रहा है, तो नरेन्द्र मोदी ने हिन्दुस्तान की इकोनॉमी पर हमला किया, डिमांड पर आक्रमण किया.. तो न्याय योजना का लक्ष्य है दूसरा लक्ष्य ये है कि जैसे ही हम पैसा डालेंगे बैंक अकाउंट्स में तो 25 करोड़ लोग वो माल खरीदना शुरू करेंगे.. डिमांड क्रिएट होगी, परचेसिंग कैपेसिटी बढ़ेगी.. परचेसिंग कैपेसिटी बनेगी, दुकाने चालू हो जाएंगी, दुकानें चालू होंगी तो फैक्ट्रियां चालू हो जाएंगी, फैक्ट्रियां चालू हो जाएंगी तो इकोनॉमी चलेगी.. ये इकोनॉमी को एक जंप के साथ शुरू करने का तरीका है. और स्पष्ट रूप से जो आपने अभी कहा कि इकोनॉमिस्ट से आपने बात की है वो सही नहीं हो सकता, क्योंकि हमने एक से नहीं, दुनिया के टॉप इकोनॉमिस्ट से हमने सिर्फ, सुमन दे- इसमें बहुत दो राय हैं.. राहुल गांधी- हम सिस्टमैटिकली 6 महीने से इसपर लगे हुए हैं. सिस्टमैटिकली हमने इसकी 6 महीने के लिए समीक्षा की है.. नंबर चेक किए हैं, फिर से चेक किए हैं, और हमने टॉप के इकोनॉमिस्ट से पूछा है, तो इससे जबरदस्त फायदा होने वाला है. मेन मुद्दा चुनाव का और अब हमारा ये चॉपर आ गया है तो हमें पड़ेगा.. मेन मुद्दा चुनाव का बेरोजगारी, किसानों की हालत और भ्रष्टाचार और नरेन्द्र मोदी आगे-पीछे दौड़ रहे हैं… लेकिन इन सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे हैं.. आज हिन्दुस्तान में 27 हजार युवा 24 घंटे में रोजगार खोते हैं.. वो है नरेन्द्र मोदी का मेक इन इंडिया.. 27 हजार खोते हैं.. 45 साल में हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है, नरेन्द्र मोदी जी का काम.. नरेन्द्र मोदी जी को देश को बताना चाहिए कि वो बेरोजगारी के लिए क्या करने जा रहे हैं… 5 सालों में उन्होंने किस प्रकार से फेल किया..किसानों की बात करनी चाहिए और भ्रष्टाचार की बात करनी चाहिए.. देश को बताना चाहिए कि अनिल अंबानी को उन्होंने 30 हजार करोड़ रुपये क्यों दिए… आपका बहुत बहुत धन्यवाद.. दिबांग- राहुल जी आपसे मेरा आखिरी सवाल है, ये जो वाड्रा पर ED के केस चल रहे हैं.. राहुल गांधी- जो भी करना है आपको कीजिए ना.. आप इन्वेस्टिगेट (जांच) कीजिए.. मैं इन्वेस्टिगेशन तो नहीं रोक रहा हूंना.. आप प्रधानमंत्री हैं आप कीजिए.. आप प्लीज रफाल का भी करवा दीजिए.. रफाल का भी इंन्वेस्टिगेशन करवा दीजिए, JPC करवा दीजिए..मैं तो तैयार हूं.. दिबांग- एक आखिरी सवाल, दो सीटों से आप लड़ रहे हैं, वायनाड से लड़ रहे हैं, अमेठी से लड़ रहे हैं.. लोग ये कह रहे हैं कि आप अमेठी छोड़ेंगे क्योंकि गांधी-नेहरू परिवार से जब भी चुनाव लड़ते हैं.. तब छोड़ते हैं.. संजय गांधी, राजीव गांधी- आपके पिता, आपकी मां- सोनिया गांधी और आप खुद..पहला चुनाव लड़ते हैं तो अमेठी से लड़ते हैं, आप वो सीट छोड़ेंगे और प्रियंका गांधी वहां से… जब पहला चुनाव जो आपने लड़ा, पॉलिचिकल करियर में जो चुनाव लड़ा, संजय गांधी, राजीव गांधी, राहुल गांधी- राजीव गांधी ने कौनसा छोड़ा? दिबांग- नहीं जो पहला चुनाव उन्होंने लड़ा.. वो अमेठी से लड़ा.. राहुल गांधी- नहीं आप छोड़ने की बात कर रहे थे.. आप अमेठी से लड़े पहला चुनाव तो अब आप अगर दोनों से जीतते हैं तो आप अमेठी छोड़ेंगे ताकि प्रियंका गांधी वहां से चुनाव लड़ सकें. वो मैंने अभी डिसाइड नहीं किया है, 23 मई आने दीजिए फिर डिसाइड करेंगे.. दिबांग- कितनी सीटें आती आपको लग रही हैं? राहुल गांधी- जनता के ऊपर है.

यहां देखें राहुल गांधी का पूरा इंटरव्यू

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