(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कर्नाटक दौरा: राहुल गांधी का ये प्लान बढ़ा सकता है अमित शाह की मुश्किलें!
कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव होने है. राहुल की शिवकुमार स्वामीजी के साथ बैठक का उद्देश्य लिंगायत के बीच पार्टी के आधार को मजबूत करना है.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज से कर्नाटक के दो दिन के दौरे पर हैं. कर्नाटक चुनाव प्रचार के तहत निकाली जा रही जन आशीर्वाद यात्रा के पांचवें चरण में शामिल हुए. राहुल कर्नाटक में प्रचार के अपने पांचवे दौर में तीन और चार अप्रैल को शिवमोगा, दावणगेरे, चित्रदुर्ग, तुमकुर और रामनगर जिलों में जायेंगे. अपने इस दौरे में भी राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार येद्दयुरप्पा पर वार किया. यहां तक कि अमित शाह के हाल ही में येद्दयुरप्पा को नंबर वन भ्रष्ट बताने वाले बयान पर तंज भी कसा.
इस दौरे में वे सिद्धगंगा मठ के शिवकुमार स्वामीजी से भी मुलाकात करेंगे. कल राहुल चित्रदुर्ग जिले के होलालाकेरे की यात्रा करेंगे. इसके बाद वह तुमकुर जिले में सिद्धगंगा मठ जायेंगे. दिल्ली रवाना होने से पहले राहुल रामनगर जिले के मगादी में एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
बतादें कि सिद्धागंगा मठ, लिंगायतों का सबसे प्रमुख मठ माना जाता है. मठ के प्रमुख संत शिवकुमार स्वामी इस रविवार को ही 111 वर्ष के हुए हैं. मठ में भव्य कार्यक्रम भी रखा गया था. स्वामीजी को समुदाय के लोग भगवान का दर्जा देते हैं इसीलिए अमित शाह भी यहां उनसे मिलने पहुंचे थे. लेकिन कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा लिंगायतों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने के फैसले के बाद कांग्रेस के लिए जहां विन विन माहौल देखा जा रहा है इस बीच राहुल गांधी का सिद्धागंगा मठ के शिवकुमार स्वामी जी से भेंट को अहम माना जा रहा है.
ये सारे वो आध्यात्मिक संस्थान हैं जिन्होंने लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा देने के सिद्धरामैया सरकार के फैसले का समर्थन किया है, BJP को डर है कि इन मठों के अनुयायी इस फैसले की वजह BJP से दूर हो जाएंगे, इसी वजह से खुद अमित शाह ने इन सभी मठों के प्रमुखों से मिलने का फैसला किया था. लेकिन हाल ही में मुरुगा मठ ने भी अमित शाह को चिट्ठी लिख कर कांग्रेस के फैसले को सराहा था. वहीं इस मठ के सूत्रों की माने तो मठ भी कांग्रेस के फैसले से खुश है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इससे बीजेपी की राह फिलहाल मुश्किल होती दिख रही है.