सैम पित्रोदा की भविष्यवाणी- ‘लोकसभा चुनाव में पासा पलट देगी राहुल-प्रियंका की जोड़ी’
राजीव गांधी और राहुल गांधी के साथ करीबी रूप से काम कर चुके पित्रोदा ने कहा कि उनमें तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि 35 साल पहले के भारत और आज के भारत में काफी अंतर है.
नई दिल्ली: राजीव गांधी सरकार में देश में टेलीकॉम क्रांति का नेतृत्व करने वाले सैम पित्रोदा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है. सैम पित्रोदा ने कहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा युवाओं का वोट हासिल करने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए सहायक होंगी. साथ ही, भाई-बहन की यह जोड़ी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए पासा पलटने वाली साबित होगी, क्योंकि देश को युवा टीम की जरूरत है.
प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं राहुल- सैम
तकनीकविद् से नेता बने पित्रोदा ने कहा, ‘’राहुल-प्रियंका, दोनों लोग पार्टी में सक्रिय सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा सहित अन्य कई युवा नेताओं के साथ एक ‘शानदार टीम’ बनाएंगे. ये लोग देश को इतिहास और धर्म पर लटकाने के बजाय उसे आगे लेकर जाएंगे. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस चीफ पित्रोदा ने कहा कि राहुल ने 2014 के चुनाव से काफी कुछ सीखा है और वह कहीं अधिक ‘‘परिपक्व, मजबूत, बुद्धिमान’’ हैं और प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं.
मनमोहन सरकार के दौरान ‘‘ज्ञान आयोग’’ का नेतृत्व कर चुके पित्रोदा ने शिकागो से पीटीआई भाषा को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत को एक ऐसे युवा नेतृत्व की जरूरत है जिसके पास भविष्य की समावेशी दूरदृष्टि हो, जो रोजगार का ध्यान रखे और सबके लिए नये अवसर लेकर आए.
भारत को आज ऐसे व्यक्ति की जरूरत जो सच में यकीन रखता हो- सैम
गांधी परिवार के लंबे समय से मित्र रहे पित्रोदा ने कहा, ‘‘भारत को आज ऐसे व्यक्ति की जरूरत है, जो टीमवर्क, सामंजस्य और सहयोग में यकीन रखता हो और यह केंद्रीकृत शक्ति केंद्र के उलट है. भारत को आज सचमुच में ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो झूठ के बजाय सच में यकीन रखता हो, जो विश्वास में यकीन रखता हो ना कि फरेब में, जो समावेश में यकीन रखता हो ना कि किसी को बाहर करने में. राहुल भारत का नेतृत्व करने की सही उम्र में हैं.’’
एक बड़ी और अच्छी नेता बनेंगी प्रियंका गांधी- सैम
पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव के तौर पर सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी के पदार्पण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह एक बड़ी और अच्छी नेता बनेंगी. उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने से चुनावों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा. पित्रोदा ने कहा, ‘‘वह (प्रियंका) अपने भाई की कोशिशों में सहायक साबित होंगी. युवाओं, खासतौर पर महिलाओं को उत्साहित करने में वह उनका साथ देंगी. वे दोनों युवा हैं, वे पार्टी में एक बड़ी युवा टीम का प्रतिनिधित्व करते हैं, वे आधुनिक हैं, वे तकनीक से जुड़े लोग हैं और उनके मन में इतिहास के लिए सम्मान है और उनके पास भविष्य की दूरदृष्टि भी है.’’
पित्रोदा ने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि वे मुख्यधारा में और अधिक लोगों को आकर्षित करेंगे और युवा भारत को इसी की जरूरत है.’’ पित्रोदा को गांधी परिवार के लिए एक मुख्य सलाहकार के तौर पर देखा जाता है. यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल-प्रियंका की जोड़ी अप्रैल - मई में संभावित लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए पासा पलटने वाली साबित होगी, पित्रोदा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऐसा होगा. लोग आधुनिक नजरिया वाली एक युवा टीम के फायदे को देखेंगे. देश को पीछे जाने और इतिहास और धर्म पर लटकने के बजाय आगे देखने की जरूरत है.
दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ी है राहुल गांधी की लोकप्रियता- सैम
कांग्रेस के वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने के बीजेपी के आरोपों पर पित्रोदा ने कहा कि वंशवाद हर क्षेत्र में है, लेकिन आखिरकार यह कामकाज है जो मायने रखता है. यदि आप बेहतर काम नहीं करेंगे तो वंशवाद मदद नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से राहुल गांधी की लोकप्रियता दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ी है क्योंकि पार्टी का प्रभार संभालने के बाद उन्हें पूरी शक्तियां और छूट मिल गई.
पित्रोदा ने कहा, ‘‘वह (राहुल) वे चीजें कर सकते हैं जो वह करना चाहेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने युवा टीम बनाई, वरिष्ठ नेताओं को सम्मान दिया और यह महसूस किया कि आगे बढ़ने में उन्हें नयी सोच और नये खून (युवाओं) की जरूरत होगी तथा यही चीज है जो वह करने की कोशिश कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि राहुल में एक अच्छा प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण हैं क्योंकि वह दिल से अच्छे हैं और वह भारत एवं देश के लोगों के व्यापक हित में काम करने को इच्छुक हैं. पित्रोदा ने कहा कि राहुल निजी और निहित स्वार्थों से संचालित नहीं होते. वह आर्थिक पिरामिड के निचले पायदान पर मौजूद लोगों से संचालित होते हैं. वह किसानों के कल्याण और समावेश के विचार से संचालित होते हैं...वह ‘‘आइडिया ऑफ इंडिया’’ में यकीन रखते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों जैसे नहीं होंगे राहुल के कार्यक्रम- सैम
यह पूछे जाने पर कि क्या विदेशों में राहुल गांधी का प्रवासी भारतीय कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों जैसा होगा. उन्होंने कहा कि यह ऐसा नहीं होगा और राहुल की यात्राओं का उद्देश्य एनआरआई के साथ सिर्फ बड़े कार्यक्रम करना नहीं, बल्कि स्थानीय नेताओं और कारोबारियों से मिलना जुलना, छात्रों से बातचीत करना, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के सदस्यों, एनआरआई से मिलना जुलना और फिर सामूहिक रूप से उनसे मिलने के लिए एक बड़े कार्यक्रम में शरीक होना होगा.
कांग्रेस नीत संप्रग शासन के दौरान राष्ट्रीय नवोन्मेष परिषद की स्थापना करने वाले पित्रोदा ने यह भी कहा कि राहुल जहां कहीं जाते हैं वहां छात्रों से बात करते हैं. राजीव गांधी और राहुल गांधी के साथ करीबी रूप से काम कर चुके पित्रोदा ने कहा कि उनमें तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि 35 साल पहले के भारत और आज के भारत में काफी अंतर है. हालांकि, उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की तरह राहुल गांधी भी नये विचारों में यकीन रखते हैं.
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