Rajasthan Assembly By Election 2024 Latest News: महाराष्ट्र और झारखंड में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ ही कई राज्यों के उपचुनाव भी होने हैं. इसी कड़ी में राजस्थान में विधानसभा की 7 सीटों पर उपचुनाव होंगे. यहां की जिन सीटों के लिए उपचुनाव होना है, उनमें दौसा, सलूम्बर, झुंझुनू, चौरासी, खींवसर, रामगढ़ और देवली-उनियारा शामिल है.


अगर पिछले नतीजों की बात करें तो इन 7 सीटों में से कांग्रेस ने रामगढ़, दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा सीट जीती थी, जबकि खींवसर सीट पर आरएलपी का कब्जा था. चौरासी पर बाप और सलूंबर सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. हालांकि हरियाणा विधानसभा में शानदार जीत हासिल करने से उत्साहित बीजेपी सातों सीटों पर जीत का दावा कर रही है. वहीं, कांग्रेस भी अपने वोट बैंक की वजह से जीत को लेकर आश्वस्त है. आइए जानते हैं इन सीटों पर कितने मुस्लिम वोटर हैं और यहां का चुनावी समीकरण क्या है.


1. झुंझुनू विधानसभा सीट


झुंझुनू सीट पर पहले बृजेन्द्र ओला ने जीत हासिल की थी, लेकिन उनके सांसद बनने के बाद यह खाली हो गई है. झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र में करीब 260408 वोटर हैं. इनमें 133995 पुरुष मतदाता और 122970 महिला मतदाता हैं. इनके बाद संख्या के लिहाज से तीसरे नंबर पर मुस्लिम वोटर हैं, जिनकी संख्या करीब 45 हजार है. इस सीट पर एससी वोटर 40 हजार, राजपूत वोटर 30 हजार, माली वोटर 23 हजार, ब्राह्मण वोटर 18 हजार, कुम्हार वोटर 8 हजार, वैश्य वोटर 7 हजार, खाती वोटर 7 हजार, गुर्जर वोटर 4 हजार, एसटी वोटर करीब 3500, नाई वोटर 2 हजार और स्वामी समाज के करीब 1500 वोटर हैं.


2. दौसा विधानसभा सीट


दौसा विधानसभा सीट कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा के दौसा से सांसद बनने के बाद खाली हुई थी. वर्ष 2013 से पहले इस सीट पर भाजपा का कब्जा होता था, लेकिन सचिन पायलट के करीबी मुरारी लाल मीणा ने इस पर अपना दबदबा कायम कर लिया है.  पिछले दस वर्षों में बीजेपी यहां काफी कमजोर हुई है. दौसा सीट पर एसटी वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. यहां वर्ष 2024 में पुरुष मतदाता की संख्या 129422 और महिला मतदाता की संख्या 116590 है. दौसा विधानसभा में अनुसूचित जाति मतदाताओं की संख्या करीब 49,571 है, अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या यहां करीब 57,530 है, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 9,311 है.


3. देवली-उनियारा विधानसभा सीट


यह सीट टोंक जिले में आती है. कांग्रेस के हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है. गुर्जर-मीणा बहुल इस सीट पर जातिगत और वोटरों के समीकरण से ज्यादा उम्मीदवार से तय होते हैं. यह राजस्थान की उन चुनिंदा सीटों में से एक है जहां मतदान के मामले में गुर्जर-मीणा एकजुट दिखते हैं. देवली-उनियारा विधानसभा एरिया में कुल 3 लाख 1 हजार 575 वोटर्स हैं. इनमें मीणा (एसटी) वोटर्स सबसे ज्यादा हैं. इनकी संख्या 65 हजार है. इसके बाद (SC) बैरवा, रेगर, खटीक, कोली हरिजन वोटर्स आते हैं. इनकी संख्या करीब 61 हजार है. इस सीट पर करीब 57 हजार गुर्जर वोटर्स हैं. माली वोटर्स करीब 12 हजार, ब्राह्मण वोटर्स करीब 15 हजार, जाट वोटर्स की संख्या 15 हजार, वैश्य-महाजन वोटर्स करीब 8 हजार और मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 14 हजार है. अन्य जातियों के करीब 58 हजार वोट हैं.


4. रामगढ़ विधानसभा सीट


यह सीट कांग्रेस विधायक जुबेर खान की मौत के बाद खाली हुई है. अलवर जिले में आने वाली इस सीट पर कांग्रेस हमेशा मजबूत रही है. यहां मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में रहता है. 1990 से कांग्रेस ने यहां हमेशा मेव प्रत्याशी को मौका दिया और हर बार उसकी जीत हुई है. रामगढ़ विधानसभा सीट पर कुल 2 लाख 71 हजार 117 मतदाता हैं. यहां मेव समाज के वोटर्स सबसे अधिक हैं. इनकी संख्या करीब 80 हजार है. इसके बाद एससी वोटर्स 50 हजार, राजपूत समाज के 35 हजार, पंजाबी/सिख के 25 हजार, जाट समाज के 15 हजार, सैनी समाज के 15 हजार, ब्राह्मण समाज के 10 हजार, बनिया समाज के 10 हजार और गुर्जर समाज के 5 हजार वोट हैं.


5. सलूंबर विधानसभा सीट


एसटी रिजर्व इस सीट पर कुल वोटर्स करीब 2.95 लाख हैं. इसमें पुरुष 150265 और महिला मतदाताओं की संख्या 144883 है. 2023 में यहां से बीजेपी के अमृतलाल मीणा जीते थे. वह लगातार तीसरी बार जीते थे, उनकी मौत के बाद यह सीट खाली हुई है. ऐसे में लहर बीजेपी के साथ है. सलूम्बर (एसटी) विधानसभा एरिया में एसटी मतदाताओं की संख्या लगभग 147,828 है. मुस्लिम मतदाता हैं, जिनकी संख्या करीब 6,174 है. यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या करीब 248,251 और शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 20,213 है.


6. चौरासी विधानसभा सीट


चौरासी विधानसभा सीट आदिवासी बेल्ट में आती है. यहां आदिवासी वोटरों का दबदबा अधिक है. यही वजह है कि यहां भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) मजबूत है. यहां से राजकुमार रोत लगातार दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं. राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है. चौरासी विधानसभा क्षेत्र में 90 फीसदी आबादी जनजाति बहुल है. पलायन, पानी की कमी और रोजगार इस क्षेत्र का अहम मुद्दा है.


7. खींवसर विधानसभा सीट


खींवसर विधानसभा सीट पर हमेशा से को हनुमान बेनीवाल का मजबूत गढ़ माना जाता है. खींवसर विधानसभा में अनुसूचित जाति मतदाताओं की संख्या लगभग 58,180, अनुसूचित जनजाति वोटरों की संख्या करीब 350, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 22,972, ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 233,544 और शहरी मतदाताओं की संख्या करीब 16,181 है. यहां अनुसूचित जाति और मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं.


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