जयपुर: राजस्थान की टोंक विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की उम्मीदवारी से इस सीट पर रोमांचक मुकाबले की उम्मीद की जा रही है. मुस्लिम बहुल इस सीट पर 2013 के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा था.


पायलट ने उम्मीदवारी की घोषणा के बाद शुक्रवार को कहा, 'निश्चित रूप से जीतेंगे.' उन्होंने कहा कि टोंक व सवाई माधोपुर से पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग थी कि वह उनके इलाके में चुनाव लड़ें. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके यहां से चुनाव लड़ने से समूचे पूर्वी राजस्थान में सकारात्मक संकेत जाएगा. टोंक जिले की सीमा जयपुर के साथ-साथ अजमेर (आठ विधानसभा सीट), दौसा (पांच विधानसभा सीट), भीलवाड़ा (सात सीट) व बूंदी (तीन सीट) जिले से लगती है.


सचिन पायलट ने कहा, ''पार्टी कार्यकर्ताओं ने न केवल इस क्षेत्र बल्कि पूरे राज्य में कड़ी मेहनत की है जो चुनाव परिणाम से स्पष्ट हो जाएगा. न केवल टोंक बल्कि पार्टी राज्य की ज्यादातर सीटों पर जीतने जा रही है.'' उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने अपनी 152 प्रत्याशियों की पहली सूची गुरुवार देर रात जारी की. इसमें पायलट के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम भी शामिल है. सभी अटकलों को विराम लगाते हुए इसमें पायलट को टोंक सीट से प्रत्याशी बनाने की घोषणा की गई.


टोंक सीट से विधायक अजीत सिंह मेहता ने अपनी सीट बरकरार रखने का विश्वास जताते हुए कहा, ''कार्यकर्ताओं में उत्साह है और (पायलट की उम्मीदवारी की घोषणा से) मुकाबला रोचक रहेगा. मुझे कोई डर नहीं.'' उन्होंने कहा कि पायलट के साथ टक्कर में मुख्य मुद्दा तो 'स्थानीय व बाहरी प्रत्याशी' का ही होगा क्योंकि पायलट तो बाहरी हैं.


जहां तक 2013 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की बात की जाए तो टोंक विधानसभा मुस्लिम बहुल सीट है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अजीत सिंह ने 30,343 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी. इसमें निर्दलीय सऊद सइदी दूसरे व कांग्रेस की जकिया तीसरे स्थान पर रहे. मतप्रतिशत के हिसाब से अजीत सिंह को 46.96% वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार जकिया को 15.21 फीसदी और निर्दलीय सऊद सइदी को 25.64 फीसदी वोट मिले थे.


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बीजेपी की ओर से नामांकन दाखिल कर चुके अजीत सिंह अपने कार्यकाल के दौरान विधानसभा क्षेत्र में करवाए गए लगभग 2000 करोड़ रुपये के विकास कार्यों पर जोर देते हैं. उनके अनुसार मतदाता अवैध बूचड़खानों को बंद करवाने, नये जीएसएस बनवाने, पेयजल आपूर्ति की पाइपलाइन बिछवाने में उनके प्रयासों को याद रखेंगे इसका उन्हें भरोसा है. उल्लेखनीय है कि गुर्जरों के आराध्यदेव देवनारायण मंदिर (जोधपुरिया) टोंक में ही है और पायलट का वहां आना जाना रहा है.


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