राजस्थान: वसुंधरा राजे को उनके गढ़ में हराना मुश्किल काम, लेकिन मैं जीतने आया हूं- मानवेंद्र सिंह
चुनाव से कुछ हफ्ते पहले बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए सिंह ने कहा कि जब उन्हें मुख्यमंत्री के खिलाफ लड़ने के लिए कहा गया तो उन्होंने एक सेकंड में इस चुनौती को स्वीकर कर लिया.
झालावाड़: राजस्थान की चुनावी लड़ाई में अति उत्सुकता भरा मुकाबला लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को उनके गढ़ में हराना मुश्किल काम है, लेकिन वह 'लड़ने और जीतने' के लिए यहां हैं. 'झालावाड़ आजाद होगा' नारे के साथ सिंह ने कहा कि वह अपनी प्रबल प्रतिद्वंद्वी को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. पूर्व बीजेपी नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने कहा, "मैं सिर्फ चुनाव लड़ने और जीतने के लिए यहां हूं."
चुनाव से कुछ हफ्ते पहले बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए सिंह ने कहा कि जब उन्हें मुख्यमंत्री के खिलाफ लड़ने के लिए कहा गया तो उन्होंने एक सेकंड में इस चुनौती को स्वीकर कर लिया.
मानवेंद्र सिंह कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि यह मुश्किल काम है. मैं इस चुनौती को कम करके नहीं आंक रहा हूं. वसुंधरा राजे यहां से तीन बार विधायक होने के अलावा पांच बार सांसद भी रह चुकी हैं." सिंह ने कहा, "उनके पास 30 साल का अनुभव है और मुझे 15 दिन में उन 30 सालों को पाटना होगा. इसलिए यह एक चुनौती है जिसके लिए मैं तैयार हूं."
खुद के बाहरी होने के विरोधियों के दावे को खारिज करते हुए सिंह ने कहा कि झालवाड़ के लोग उन्हें खुले दिल और पूरी गर्मजोशी से स्वीकर कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को यह जानने में एक-दो दिन से ज्यादा समय नहीं लगता कि कोई उनसे संबंध रखता है या नहीं.
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झालरपाटन विधानसभा सीट पर जबरदस्त प्रचार के बाद मिल रही प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा, "मैं आशावादी हो रहा हूं. मैं किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं कर रहा हूं, लेकिन यह नामुमकिन भी नहीं है. मुझे लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, जो इस सीट पर कई सालों से मेहनत कर रहे हैं."
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