जयपुर: राजस्थान में वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री होने की वजह से अपने चुनावी क्षेत्र में ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं कर पाती हैं. ऐसे में उनके चुनावी क्षेत्र झालरापाटन और झालावाड़ जिले में पार्टी के लिए उनकी बहू निहारिका राजे प्रचार कर रही हैं. निहारिका प्रतिदिन दस गांवों में प्रचार के लिए पहुंचती हैं. वसुंधरा की बहू को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी जुटते हैं. वो साल 2013 में बीजेपी के लिए प्रचारक के रूप में नजर आईं. उन्हें बड़े-बड़े नेताओं के साथ ही प्रचारकों की सूची में जगह मिली थी.


निहारिका राजे गुर्जर समुदाय से सम्बंध रखती हैं इसलिए राजनीतिक पंडितों का मानना है कि झालरापाटन में गुर्जर मतदाताओं को लुभाने के लिए वो चुनाव मैदान में दिख रही हैं. वो झांसी के सम्थार के पूर्व राजघराने की राजकुमारी रहीं है. साल 2000 में दुष्यंत सिंह से शादी के बाद वह धौलपुर के पूर्व राजघराने की पुत्रवधु बनीं. सम्थार राजघराना बड़गुर्जर शासकों से संबंधित रहा है. निहारिका के पिता और सम्थार राजघराने के शासक रणजीत सिंह गुर्जर नेता हैं जो कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद में एमएलसी भी रहे हैं.


इस चुनावी घमासान में अपने पति दुष्यंत सिंह के साथ मिलकर निहारिका अपनी सास को जिताने के लिए अपनी पूरी ताक़त लगा रही हैं. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा कि ''जो वसुंधरा से टकराएगा वो चूर-चूर हो जाएगा''.


निहारिका ने कहा कि ये झालरापाटन हमारा परिवार है. इस शहर के सभी लोग पिछले 30 साल से हमारा परिवार रहे हैं. चुनाव प्रचार की ज़िम्मेदारी से ज़्यादा मैं अपने परिवार को मिलने जाती हूं. ये जो वसुंधरा जी का परिवार है वो सब एकत्रित हो रहा है और उनको सपोर्ट कर रहा है. जैसे जनता ने पहले भी उनको आशीर्वाद दिया उस तरह इस बार भी आशीर्वाद और स्नेह देकर उनको दोबारा मुख्यमंत्री बनाएंगे.

राजे ने कहा, मुझे राज्य में कांग्रेस का कोई माहौल नहीं दिखाई दे रहा. आज जो बीजेपी के शासन में विकास हुआ है वो कांग्रेस की सरकार में नहीं हुआ. 24 घंटा बिजली, महिलाओं के लिए वसुंधरा जी ने काम किया है. जनता जानती है कि वो पूरे राज्य की मुख्यमंत्री है. उन्हें पूरे राज्य को देखना है. ऐसे में जनता समझदार है.


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मानवेन्द्र सिंह को लेकर कही ये बात
निहारिका राजे ने कहा कि कांग्रेस ने मानवेन्द्र जी को पैराशूट करके यहां लाया. ना वो झालावाड़ को जानते हैं ना झालावाड़ की जनता को. वसुंधरा जी ने कभी भी जसवंत सिंह जी या उनके परिवार का अपमान नहीं किया. ये सारी बातें अफ़वाह हैं. जो उनका टिकिट कटा था वो पार्टी से कटा था उसमें वसुंधरा जी की कोई भूमिका नहीं थी.


सक्रिय राजनीति में आने को लेकर दिया जवाब
सक्रिय राजनीति में आने के बारे में उन्होंने कहा कि आगे किसने देखा है. वो तो भगवान की इच्छा पर है. ये सभी परिस्थितियों के ऊपर निर्भर करता है कि मैं सक्रिय राजनीति मैं आऊंगी या नहीं.


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