Rajasthan Assembly Election 2023: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में सियासत जोरों पर है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए यह बड़ा इम्तिहान है. एक तरफ बीजेपी के सामने कांग्रेस को हराकर सत्ता में वापस आने की चुनौती है तो दूसरी तरफ पार्टी की अंदरूनी कलह से पार पाते हुए सीएम चेहरे को चुनने का चैलेंज है.


दरअसल, इस बार पार्टी ने सीएम फेस का ऐलान नहीं किया है. इससे पहले तक पार्टी का चेहरा रहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इस बार उतनी सक्रिय नजर नहीं आ रहीं. पार्टी ने भी उन्हें अभी तक बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी यहां नया नेतृत्व को लाने की तलाश में है. पर सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसी तैयारी है तो वसुंधरा राजे का विकल्प कौन होगा. इस सवाल पर कई तरह की चर्चाएं हैं. इन्हीं में से एक है राजकुमारी दीया का नाम. आइए विस्तार से जानते हैं पूरा मामला.


बढ़ रहा राजकुमारी का कद


पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवर्तन संकल्प यात्रा के समापन के मौके पर जयपुर पहुंचे थे. उस दिन मंच संचालन का जिम्मा राजसमंद से बीजेपी सांसद राजकुमारी दीया के पास था. इसके बाद से ही चर्चा होने लगी कि क्या राजकुमारी दीया ही रानी का सियासी विकल्प बनने वाली हैं. इन चर्चाओं को और बल बुधवार को सामने आई एक तस्वीर से मिला. दरअसल, जयपुर में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन चल रहा था और उस प्रदर्शन में सांसद राजकुमारी दीया सबसे आगे कुर्सी पर बैठी नजर आईं. चौंकाने वाली बात ये रही कि इस प्रदर्शन में वसुंधरा राजे नहीं दिखीं थीं. इसके बाद दीया अपने संसद क्षेत्र राजसमंद के दौरे पर भी गईं और सरकारी कार्यक्रमों में शामिल हुईं. 


जयपुर से राजसमंद तक आ रहीं नजर


राजकुमारी की जयपुर से लेकर राजसमंद तक की सक्रियता ही बार-बार इन अटकलों को हवा देती है कि वह वसुंधरा राजे का विकल्प हो सकती हैं. राजनीतिक जानकार भी बताते हैं कि जिस तरह से राजकुमारी कैमरे पर आकर कांग्रेस को ललकार रही हैं, उससे भी लग रहा है कि राजकुमारी रेस में हैं. चर्चा है कि राजकुमारी दीया विधानसभा का चुनाव लड़ सकती हैं. दीया 2013 में सवाई माधोपुर से पहली बार विधायक बनीं थीं.


वसुंधरा राजे और दीया में समानता


राजनीतिक एक्सपर्ट बताते हैं कि राजकुमारी दीया और वसुंधरा राजे में काफी चीजें एक जैसी हैं. दोनों महिला हैं, एक रानी हैं तो दूसरी राजकुमारी हैं. दोनों ही उस राजपूत जाति से ताल्लुक रखती हैं जो राजस्थान की सियासत में प्रभावी दखल रखता है. ऐेसे में बीजेपी अगर 70 साल की रानी के विकल्प के तौर पर भविष्य के लिए 55 साल की राजकुमारी को आगे करती है तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. 


कौन हैं राजकुमारी दीया?


राजकुमारी दीया राजस्थान के राजसमंद से सांसद हैं. वह जयपुर के पूर्व महाराज भवानी सिंह की बेटी हैं. जयपुर राजघराना खुद को भगवान राम का वंशज बताता है. कहा जाता है कि जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह भगवान राम के बेटे कुश के 309वें वंशज थे. राजकुमारी दीया भवानी सिंह व पद्मिनी देवी की इकलौती संतान हैं. भवानी सिंह के कोई बेटा नहीं था, इसलिए राजकुमारी दीया के बेटे को ही 2011 में अपना वारिस घोषित किया. दीया ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली और जयपुर से की. इसके बाद हायर एजुकेशन की पढ़ाई उन्होंने लंदन से की. राजकुमारी दीया ने 1997 में नरेंद्र सिंह से गुपजुप तरीके से कोर्ट में शादी की थी. नरेंद्र सिंह आम आदमी थे, ऐसे में इस शादी की चर्चा खूब हुई थी. 


रानी भी नहीं छोड़ रहीं मौका


वहीं पार्टी में ज्यादा तवज्जो न मिलने की खबरों के बीच वसुंधरा राजे भी अपनी तरफ से रेस में बनी हुईं हैं और शक्ति प्रदर्शन का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही हैं. बुधवार को जयपुर में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उन्होंने सुझाव आपका संकल्प हमारा कार्यक्रम में हिस्सा लिया. वह जोधपुर से लेकर बाड़मेर और जैसलमेर तक दौरे कर अपने समर्थकों से रानी मिल रही हैं. शायद रानी रेस में बने रहने के लिए अपना आखिरी दांव लगाना चाहती हैं.


ये भी पढ़ें


संजय सिंह से 5 दिनों तक ED करेगी पूछताछ, सीएम केजरीवाल बोले, 'समय बर्बाद कर रही है एजेंसियां' | बड़ी बातें