नई दिल्ली: राजस्थान के सियासी समीकरण पर नजर डालें तो पिछले कुछ दशकों से वहां किसी एक पार्टी की सरकार एक बार से ज्यादा सत्ता में नहीं आती है. यही वजह है कि राजस्थान में दो बड़ी पार्टियों के तौर पर बीजेपी और कांग्रेस ही सरकार में आ रही हैं. लेकिन इन सब के बीच अगर पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो राजस्थान का हाड़ौती संभाग एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहां बीजेपी को 17 में से 16 सीटों पर जीत मिली. वहीं कांग्रेस पूरे संभाग में सिर्फ 1 सीट पर सिमट कर रह गई.


हाड़ौती संभाग की सीटें
हाड़ौती संभाग में कुल 4 जिले आते हैं जिनमे कोटा-बूंदी (2 जिले और 1 संसदीय क्षेत्र) और बारां-झालावाड़ (2 जिले और 1 संसदीय क्षेत्र) हैं. इन 4 जिलों की 17 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 1 सीट पिछले चुनाव में कांग्रेस को मिली थी. राहुल गांधी 24 अक्टूबर को इसी संभाग में रैली कर जनसभा को संबोधित करने वाले हैं इसलिए इस क्षेत्र की राजनीति में इसे कांग्रेस की तरफ से की जाने वाली बड़ी कोशिश माना जा रहा है.


ये है मुख्य मुद्दा


राहुल गांधी की अगर बात करें तो वो इससे पहले भी बारां जिले में आते रहें हैं. बारां वही जिला है जहां राजस्थान में लहसुन के किसानों ने सबसे ज्यादा आत्महत्याएं की थी. इसलिए मुख्यमंत्री के गृह जनपद झालावाड़ (बारां बगल का जिला लेकिन संसदीय क्षेत्र एक) में राहुल गांधी की ये रैली और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. फिलहाल चारों जिलों की 2 संसदीय सीटों पर बीजेपी के ही सांसद हैं. कोटा-बूंदी से बीजेपी के ओम बिरला तो वहीं झालावाड़-बारां से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह सांसद हैं.


कांग्रेस के नेता इसे वसुंधरा को घर में घेरने जैसी बात कर रहे हैं. राहुल की इस रैली को वसुंधरा राजे के साथ-साथ बीजेपी को चुनौती देने वाला बताया जा रहा है. बेशक नेताओं की तरफ से अलग-अलग दावे किए जा रहे हों लेकिन राहुल की हाड़ौती संभाग की इस रैली के कई सियासी मायने नजर आ रहे हैं. बारां किसानों के मुद्दों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण जिला रहा है और इसीलिए कांग्रेसी नेताओं के लिहाज से राहुल की राजस्थान में चुनावी रैली की इस शुरुआत को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है.


अब कांग्रेस की तरफ से इस रैली को राजस्थान में सत्ता में आने की शुरुआत माना जा रहा है. वहीं बीजेपी के मुताबिक इस रैली से न तो बीजेपी को कोई नुकसान होने वाला है और न ही कांग्रेस को फायदा. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि राहुल की इस रैली से कांग्रेस को नुकसान ही होगा.


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कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला ने कहा, हम तो चाहते हैं कि राहुल गांधी जी इस इलाके में रैली करें क्योंकि उनकी रैली से कांग्रेस को नुकसान ही होगा और हमें तो इसका फायदा ही मिलने वाला है.


सियासी गणित की बात करें तो कांग्रेस की ये रैली इस इलाके के लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हाड़ौती संभाग में कांग्रेस को 17 सीटों में सिर्फ 1 सीट पर ही संतोष करना पड़ा था. ऐसे में ये रैली कम से कम कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम तो जरूर करेगी. बता दें कि राहुल की रैली 24 अक्टूबर को राजस्थान के झालावाड़ से शुरू होकर रोड शो करते हुए कोटा तक जाएगी. राजस्थान में विधानसभा के लिये सात दिसंबर को मतदान होगा. 11 दिसंबर को इसके नतीजे घोषित किए जाएंगे.


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