Rajasthan Election Result 2023: लीक, लीकेज और लाल डायरी... जानें किन 5 कारणों से हारे अशोक गहलोत
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है. इस चुनाव में कांग्रेस के जादूगर अशोक गहलोत का जादू राज्य में चलता हुआ नहीं दिखा.
Rajasthan Assembly Election Result 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के रुझानों में राज्य में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने की तरफ बढ़ रही है. इस चुनाव में कांग्रेस के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत का जादू चलता हुआ नहीं दिखा. इस विधानसभा चुनाव में लीक, लीकेज और लाल डायरी जैसे मुद्दे छाए रहे, जिसे बीजेपी ने चुनाव प्रचार में जमकर भुनाया और 5 साल बाद राज्य में वापसी की.
दरअसल, राजस्थान के चुनाव प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेपर लीक, लाल डायरी, भ्रष्टाचार, मोदी की गारंटी, महिला अपराध और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को पूरे जोर शोर से उठाया. वहीं अशोक गहलोत सरकार ने चुनावी साल में एक के बाद एक दांव चले. स्वास्थ्य बीमा की लिमिट 50 लाख कर देने की गारंटी दी, सस्ते सिलेंडर समेत तमाम लुभावने वादे पेपर लीक, लाल डायरी और भ्रष्टाचार के आरोप पर भारी पड़ गया.
पेपर लीक मामला
पीएम मोदी ने राजस्थान के चुनाव प्रचार में जो मुद्दे जोर से उठाए, उनमें से एक पेपर लीक मामला भी रहा. उन्होंने जनता से कहा था कि बीजेपी सरकार आने के बाद जितने भी घोटाले हुए हैं उनकी जांच की जाएगी और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा. उन्होंने सीएम अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वो खुद को जादूगर कहते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी जादूगरी से प्रदेश में भ्रष्टाचार का मयाजाल फैलाया है. पेपर लीक होना तो आम बात हो गई है और इसको राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. पीएम मोदी ने यहां तक कहा था कि अगर बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों पर छापेमारी की जाए तो मुख्यमंत्री के बड़े-बड़े करीबियों के नाम सामने आएंगे.
लाल डायरी मामला
राजस्थान की राजनीति में लाल डायरी का मुद्दा नया नहीं है. पिछले लंबे समय से इसका जिक्र होता आया, लेकिन पीएम मोदी ने इस बार के चुनाव प्रचार में जमकर उछाला. यहां तक कि राजस्थान सरकार से बर्खास्त किए जा चुके मंत्री राजेंद्र गुढा ने तो इसमें विधायकों की खरीद-फरोख्त का लेखा-जोखा तक होने की बात कही थी. पीएम मोदी ने इस लाल डायरी का जिक्र करते हुए कहा था कि जैसे-जैसे डाल डायरी के पन्ने खुल रहे हैं वैसे-वैसे जादूगर के चेहरे की हवाइयां उड़ रही हैं. पीएम मोदी ने कहा था, “लाल डायरी में साफ-साफ लिखा है कि कांग्रेस सरकार ने पांच वर्षों में आपके जल, जंगल और जमीन को कैसे बेचा है. राज्य में अवैध खनन के तार किससे जुड़ रहे हैं ये किसी से छिपा नहीं है.”
गुटबाजी
इन मुद्दों के अलावा राजस्थान में कांग्रेस के अंदर गुटबाजी भी देखने को मिली. सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जो खींचतान मची वो किसी से छिपी नहीं. इसका असर राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं पर भी पड़ा और जनता के बीच संदेश भी गलत गया. हालांकि चुनाव से पहले पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इन दोनों को मिलाने की कोशिश की और हम साथ-साथ हैं का संदेश भी दिया गया, लेकिन इसका असर चुनावी नतीजों पर होता नहीं दिखा.
कन्हैयालाल हत्याकांड
राजस्थान के चुनाव प्रचार में बीजेपी ने उदयपुर वाले कन्हैयालाल हत्याकांड का मामला जमकर उठाया. कहा जाता है कि राज्य को जीतना है तो पहले मेवाड़ को जीतना होगा और उदयपुर मारवाड़ में ही आता है. कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार की कानून व्यवस्था पर जमकर सवाल खड़े किए और इस जाल में भी अशोक गहलोत फंस गए.
ईडी की एंट्री
पांच राज्यों के चुनाव के दौरान दो राज्यों में ईडी की एंट्री भी हुई. राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर कांग्रेस प्रत्याशी ओमप्रकाश हुडला के घर पर पेपर लीक मामले में ईडी ने छापेमारी की. इस मुद्दे को कांग्रेस ने भी चुनाव प्रचार में उठाया. अशोक गहलोत ने हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुददे पर बात की लेकिन इसका फायदा भी बीजेपी को ही मिलता दिखा.