नई दिल्लीः राजस्थान के अलवर में कथित तौर पर महिला के साथ गैंगरेप के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गोविंद गुप्ता ने बताया कि घटना से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 14 टीमें गठित की गई थी. इस घटना में पांच लोगों ने एक महिला को उसके पति के सामने गैंगरेप किया था और उनका वीडियो भी बनाया था. रेप के दौरान महिला और उसके पति के साथ आरोपियों ने मारपीट भी की थी.
केस दर्ज होने में हुई देर
पीड़िता के मुताबिक आरोपियों ने गैंगरेप करने के बाद वीडियो को वायरल करने की धमकी दी थी. बाद में आरोपियों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जिसके बाद महिला पुलिस थाने में FIR कराने पहुंची. पुलिस ने चुनाव का हवाला देते हुए केस दर्द करने में देर कर दी.
पुलिस अधिकारियों पर गिरी गाज
मामला प्रकाश में आने के बाद राज्य की गहलोत सरकार ने जिले के एसपी समेत दो अफसरों पर गाज गिराया है. सरकार ने जिले के एसपी को हटा दिया है. इस मामले में थानागाजी क्षेत्र के थाना अध्यक्ष को पहले ही बर्खास्त कर दिया गया है. अन्य चार पुलिसकर्मियों को लाइन में भेज दिया गया है.
पीड़िता को मिली सरकारी मदद
राज्य सरकार ने एससी-एसटी एक्ट के तहत पीड़िता को राहत मुहैया करवाया है. सरकार ने पीड़िता को करीब 4 लाख रूपये मुहैया करवाए हैं. उन्हें एससी एसटी कोटे से उन्हें तत्काल धनराशि दी गई है.
क्या थी घटना
26 अप्रैल को आरोपियों ने थानागाजी-अलवर रोड पर मोटर साइकिल पर जा रहे दंपति को रोका और पति की पिटाई कर दी. उन्होंने महिला के कपड़े उतरवाकर पति के सामने गैंग रेप किया. इस दौरान आरोपियों ने इसका वीडियो भी बनाया था.
पीड़िता ने दी घटने की जानकारी
पीड़िता ने बताया कि घटना 26 अप्रैल की है. आरपियों ने करीब तीन घंटे तक पीड़िता के साथ गैंगरेप किया. शुरू में हम चुप रहे लेकिन जब आरोपियों ने वीडियों को वायरल नहीं करने के लिए पैसे की मांग की तब मैंने शिकायत दर्ज करवाई.
पीडित ने दावा किया कि उसने आरोपियों के मोबाइल नम्बर की जानकारी पुलिस को दी थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
मानवाधिकार आयोग हुआ सख्त
इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बुधवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में छह सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है.
उधर, विपक्षी दल बीजेपी ने सरकार पर चुनाव के दौरान राजनीतिक कारणों से जानबूझकर मामले को छुपाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को खारिज कर दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सरकार पर विपक्ष का हमला
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने कहा, ''यह एक बहुत ही गंभीर और शर्मनाक घटना है. चुनाव के दौरान राजनीतिक कारणों से सरकार ने इसे छिपाए रखा. पार्टी गुरुवार को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी.''
बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है और मामलें की सीबीआई से जांच कराने भी मांग की है. मीणा ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है.
सरकार का पक्ष
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी घटना की कडे शब्दों में निंदा की है.
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