West Bengal Rajya Sabha Seat Election 2023: पश्चिम बंगाल से अलग 'ग्रेटर कूच बिहार' राज्य बनाने की मांग कर रहे अनंत राय 'महाराज' को बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है. अनंत राय को लेकर लिए गए बीजेपी के फैसले ने एक नया सियासी तूफान खड़ा कर दिया है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बीजेपी पर राज्य में अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.


अनंत राय ने मंगलवार (11 जुलाई) को कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के साथ बैठक के बाद बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा टिकट की पेशकश की है. दिल्ली में बुधवार (12 जुलाई) सुबह एक पार्टी अधिसूचना के जरिए बीजेपी की ओर से अनंत राय की उम्मीदवारी की घोषणा की गई. 


अनंत राय का राजबंशी समुदाय पर है पकड़ 
बीजेपी की तरफ से उम्मीदवारी की घोषणा के बाद राय ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मुझे खुशी है कि उन्होंने मुझे चुना. मैं राज्य और अपने क्षेत्र के लोगों की सेवा करने का प्रयास करूंगा.'


राय एक अलग राज्य या फिर केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की मांग कर रहे. साथ ही वो जीसीपीए के एक धड़े का नेतृत्व भी कर रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र के राजबंशी समुदाय के बीच उनकी काफी पकड़ है.


यह समुदाय दक्षिण बंगाल में मतुआ के बाद राज्य के सबसे बड़े अनुसूचित जाति समुदायों में से एक है. बीजेपी की राज्य इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, 'हम सभी समुदायों को साथ लेकर विकास पथ पर आगे बढ़ने में विश्वास करते हैं. हम ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के आदर्शों में विश्वास करते हैं.'


'बीजेपी राज्य को विभाजित करना चाहती है'
इस नामांकन पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी सांसद और प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा, 'ये केवल यह साबित करता है कि बीजेपी राज्य में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा देती है.' उन्होंने कहा, 'हम लंबे समय से कह रहे हैं कि बीजेपी उत्तर बंगाल में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा दे रही है और राज्य को विभाजित करना चाहती है.' 


टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने आगे कहा, 'ये घटनाक्रम इसी बात को साबित करता है. बीजेपी को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि वे राज्य का विभाजन चाहते हैं या नहीं.' पश्चिम बंगाल से छह राज्यसभा सीट पर 24 जुलाई को मतदान होगा. इसके अलावा राज्य से एक अन्य सीट पर उपचुनाव भी होना है.


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