जिन्होंने अखिलेश को दिया धोखा! बीजेपी के फेवर में वोट करके बिगाड़ेंगे नंबर गेम, वो विधायक कौन?
Rajya Sabha Election: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 1 सीट पर पेच फंस गया है. माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं.
Rajya Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए होने वाली वोटिंग के पहले अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी और उनके लिए डिनर का आयोजन किया गया था. इसमें पार्टी के कई विधायक शामिल नहीं हुए. इन विधायकों के बैठक में शामिल नहीं होने से सपा के खेमे में खलबली मची हुई है.
माना जा रहा है कि विधायकों को बैठक में शामिल न होना सपा के लिए चुनाव में क्रॉस वोटिंग का संकेत हैं. साथ ही ये विधायक राज्यसभा चुनाव में पार्टी का खेल बिगाड़ सकते हैं. इन विधायकों में पूजा पाल, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, अमेठी विधायक महाराजी देवी, विनोद चतुर्वेदी, मनोज पांडेय, पल्लवी पटेल और आंबेडकरनगर विधायक राकेश पांडेय शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक सपा MLA अभय सिंह और राकेश पांडेय एक साथ वोट करने जा रहे हैं. दोनों बीजेपी के फेवर में क्रॉस वोट कर सकते हैं.इस बीच दया शंकर सिंह मनोज पांडेय के घर पहुंचे है. वह मनोज पांडेय को अपने साथ लेकर वोट कराने जाएंगे. सूत्रों ने बताया कि दया शंकर ने मनोज पांडेय की मुख्यमंत्री से फोन पर बात भी करवाई है.
क्या है चुनावी गणित?
उत्तर प्रदेश में एक एक उम्मीदवार को जीत के लिए 37 वोटों की जरूरत है. इनमें से एनडीए के पास 288 विधायक हैं. वहीं सपा के पास 108 और 2 कांग्रेस के विधायक हैं. संख्या बल के हिसाब से बीजेपी के 7 और सपा के 2 उम्मीदवार आसानी से जीत हासिल कर लेंगे, लेकिन यहां पेच बीजेपी के आठवें और सपा के तीसरे उम्मीदवार को लेकर फंसा है.
बीजेपी 8 वोट की जरूरत
बीजेपी के 8 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. हालांकि, पार्टी के पास 8वें उम्मीदवार के लिए 8 वोटों की कमी है, जबकि समावादी पार्टी 3 वोटों की जरूरत है. हालांकि, उसके दो विधायक जेल में बंद हैं. कांग्रेस को 2 विधायक भी सपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट कर सकते हैं. इसके बाद भी पार्टी के पास एक विधायक कम हैं.
क्रॉस वोटिंग का खतरा
संख्याबल के हिसाब से न तो बीजेपी के पास अपने 8वें उम्मीदवार को जिताने के लिए आंकड़े पूरे हैं और न ही सपा के पास अपने तीसरे प्रत्याशी के लिए पर्याप्त संख्या बल है. हालांकि, यह तय है 1 उम्मीदवार का चयन क्रॉस वोटिंग से होगा. ऐसे में समाजवादी पार्टी की मीटिंग में विधायकों नदारद रहना क्रॉस वोटिंग के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. वहीं अगर सपा के ये विधायक बीजेपी के फेवर में वोट करते हैं तो अखिलेश यादव का बना बनाया खेल उसके खुद के विधायक बिगाड़ देंगे.