(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी राज्यसभा चुनाव में कैसे किंगमेकर की भूमिका में आ गए राजा भैया? जानें समीकरण
Rajya Sabha: 2018 की तरह इस बार भी विधानसभा चुनाव में किंगमेकर बनकर उभरे राजा भैया ने बीजेपी को समर्थन करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है.
Rajya Sabha Election: उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होने है. यहां से बीजेपी के 8 और समाजवादी पार्टी के 3 उम्मीदवार मैदान में हैं. आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी के 7 उम्मीदवारों की जीत पहले से तय मानी जा रही है. हालांकि, बीजेपी यहां 8 वां उम्मीदवार बनाकर चुनाव को रोचक बना दिया है. इसके चलते जनसत्ता दल लोकतांत्रिक (JDL) के अध्यक्ष राजा भैया किंग मेकर की भूमिका में आ गए हैं.
इस बीच राजा भैया ने साफ कर दिया है कि वह बीजेपी के साथ खड़े हैं. चुनाव से पहले लोकभवन पहुंचे राजा भैया ने कहा कि उनके दोनों विधायक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी को वोट करेंगे. इसके चलते बीजेपी के सभी आठों प्रत्याशियों की जीत तय मानी जा रही है.
क्या है वोटों का गणित?
एनडीए के पास इस वक्त कुल मिलाकर 277 वोट हैं. ऐसे में 37 का कोटा सबको आवंटित करने के बाद उसके पास 18 वोट अतिरिक्त बचेंगे. इसके अलावा आरएलडी के 9 वोट भी अब एनडीए के पास हैं. वहीं, अब राजा भैया के 2 दोनों वोट भी बीजेपी उम्मीदवार के खाते में जाएंगे.
समाजवादी पार्टी की तीसरी सीट फंसी
राजा भैया के बीजेपी को समर्थन करने के बाद अखिलेश यादव के माथे पर लकीरें आ गई हैं. साथ ही इससे समाजवादी पार्टी के तीसरी सीट पर पेच भी फंस गया है. समाजवादी पार्टी के पास कुल 108 वोट हैं. कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान हो चुका है तो उसके 2 वोट भी सपा के खाते में जाएंगे. हालांकि उसे अपने तीनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए अभी भी एक और वोट की जरूरत है.
हाल ही पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी से नाराज हो गई थीं. ऐसे में अगर वह सपा उम्मीदवार को वोट न दें तो फिर सपा को 2 वोट की जरूरत होगी. वहीं, दो विधायक जेल में है. अगर उन्हें मतदान में शामिल होनेकी अनुमति नहीं मिलती है सपा को 4 वोट की जरूरत होगी.
2018 में भी राजा भैया ने किया था खेला
वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब राजा भैया राज्यसभा चुनाव के दौरान किंग मेकर बन उभरे हों. इससे पहले 2018 में भी ऐसी प्रस्थितियां बनीं थी. उस समय सपा ने जया बच्चन और दूसरी सीट बीएसपी के भीम राव आंबेडकर को समर्थन देने की घोषणा की थी. उस समय उन्होंने सपा विधायकों की साथ बैठक की की थी. बैठक में राजा भैया भी शामिल हुए थे.
बैठक में अखिलेश यादव ने पार्टी विधायकों के साथ-साथ राजा भैया से बीएसपी उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने की अपील की थी. हालांकि, उन्होंने एक वोट जया बच्चन को तो दिया लेकिन दूसरा बीएसपी उम्मीदवार की जगह बीजेपी के कैंडिडट्स को दिया था.
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