एक्सप्लोरर

कहानी 'अंतरात्मा' की, जिसकी आवाज ने इतिहास बदल दिया!

Rajya Sabha Election: जिस अंतरात्मा की आवाज सुनकर हाल ही में राज्यसभा के चुनाव में सपा और कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. उसकी शुरुआत 1969 में हुई थी.

Rajya Sabha Election 2024: हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में कई विधायकों की अंतरात्मा जाग उठी और उन्होंने राज्यसभा का पूरा गुणा-गणित ही पलटकर रख दिया है. इन विधायकों की ऐन वक्त पर जगी हुई अंतरात्मा ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं को राज्यसभा जाने से रोक दिया है. हालांकि, इस अंतरात्मा के जगने या फिर उसकी आवाज की कहानी कोई नई नहीं है, यह तो इतनी पुरानी है कि अंतरात्मा की आवाज ने इस देश में कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनाव तक हरवा दिया था और फिर पूरी कांग्रेस ही दो हिस्सों में टूट गई थी.

अंतरात्मा की आवाज सुनकर ही नीतीश कुमार ने 2017 में महागठबंधन तोड़ने का फैसला लिया था. इसके बाद तो महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे से लेकर अजित पवार तक की अंतरात्मा जगी और फिर उद्धव ठाकरे-शरद पवार किनारे लग गए.

अब यूपी और हिमाचल प्रदेश के विधायकों की अंतरात्मा जगी और इसकी वजह से सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी आलोक रंजन और कांग्रेस के कद्दावर वकील अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा नहीं पहुंच पाए.

1969 से शुरू हुई अंतरात्मा की कहानी
इस अंतरात्मा की असली कहानी 1969 से शुरू हुई थी. तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और कांग्रेस में ओल्ड गार्ड वर्सेस यंग का झगड़ा अपने चरम पर था. ओल्ड गार्ड का नेतृत्व के कामराज कर रहे थे. उनके साथ बंगाल के अतुल्य घोष, महाराष्ट्र के एसके पाटिल, कर्नाटक के निजलिंगप्पा और बिहार की तारकेश्वरी सिन्हा भी थे. वहीं, यंग गार्ड का नेतृत्व था इंदिरा गांधी के हाथ में था जो प्रधानमंत्री थीं. उनकी टीम में थे चंद्रशेखर, कृष्णकांत, अर्जुन अरोड़ा, मोहन धारिया, रामधन और लक्ष्मीकांत थम्मा जैसे युवा नेता थे. 

इस बीच 3 मई, 1969 को देश के राष्ट्रपति जाकिर हुसैन का अचानक निधन हो गया. खाली जगह को भरने के लिए फिर से राष्ट्रपति चुनाव होना था. तब वीवी गिरी देश के उपराष्ट्रपति थे. उन्हें देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति बना दिया गया. फिर भी राष्ट्रपति का चुनाव तो करना ही था. ऐसे में 10 जुलाई, 1969 को बेंगलुरु में कांग्रेस संसदीय समिति की एक बैठक बुलाई गई ताकि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम तय किया जा सके. 

जगजीवन राम को राष्ट्रपति बनाना चाहती थीं इंदिरा गांधी
ओल्ड सिंडिकेट चाहता था कि नीलम संजीव रेड्डी उम्मीदवार बनें, वहीं इंदिरा गांधी चाहती थीं कि जगजीवन राम को अगला राष्ट्रपति बनाया जाए, लेकिन संसदीय बोर्ड में इंदिरा का फैसला पास नहीं हो पाया और नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार बने. इसकी कसक इंदिरा गांधी को थी, क्योंकि संसदीय समिति की इस बैठक से पहले कांग्रेस अध्यक्ष के कामराज ने खुद इंदिरा गांधी को राष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव दिया था, जिसे इंदिरा ने मना कर दिया था.

इस बीच कांग्रेस संसदीय समिति की बैठक के ठीक 10 दिन बाद 20 जुलाई, 1969 को इंदिरा गांधी ने 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया और बतौर कार्यवाहक राष्ट्रपति वीवी गिरी ने इसपर हस्ताक्षर कर दिए. ये उनका कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर अंतिम फैसला था. इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

वहीं, कांग्रेस संसदीय समिति ने नीलम संजीव रेड्डी को अपना आधिकारिक उम्मीदवार बनाया था. एक तीसरा भी उम्मीदवार इस चुनावी मैदान में था, जिसका नाम था सीडी देशमुख. पूरा नाम चिंतामण द्वारकानाथ देशमुख जिन्हें जनसंघ और स्वतंत्र पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया था. यहां पर इंदिरा गांधी ने बड़ा खेल कर दिया. प्रत्यक्ष तौर पर तो इंदिरा गांधी ने नीलम संजीव रेड्डी का विरोध नहीं किया, लेकिन यह साफ था कि इंदिरा गांधी के कहने पर ही वीवी गिरी ने इस्तीफा दिया है और निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरे. 

इंदिरा गांधी ने सांसदों से अंतरात्मा की आवाज सुनने को कहा
वोटिंग से एक दिन पहले इंदिरा गांधी ने कांग्रेस के सांसदों से कहा कि वो अपनी अंतरात्मा की आवाज पर राष्ट्रपति चुनाव में वोट करें. राजनीति के इतिहास में यह पहली बार था, जब अंतरात्मा की आवाज का इस्तेमाल किया गया. इंदिरा का इशारा सांसदों के लिए आदेश की तरह था. राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा आया तो कांग्रेस के आधिकारिक कैंडिडेट नीलम संजीव रेड्डी को 4,05,427 वोट मिले, जबकि निर्दलीय पर्चा भरने वाले वीवी गिरी को 4,20,077 वोट मिले और वो राष्ट्रपति चुनाव जीत गए, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना थी.

हालांकि इसका अंजाम इंदिरा गांधी को ही भुगतना पड़ा. दरअसल, इस घटना के बाद ओल्ड गार्ड ने तय किया कि कांग्रेस में सिंडिकेट और इंदिरा दोनों का एक साथ रहना मुनासिब नहीं है. नतीजा हुआ कि कांग्रेस अध्यक्ष ने इंदिरा गांधी को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद इंदिरा ने एक मीटिंग बुलाई. सिंडिकेट ने इसका विरोध किया. लेकिन इंदिरा ने ओल्ड गार्ड्स के विरोध को दरकिनार कर एक नई पार्टी का ऐलान कर दिया. 

इंदिरा ने बनाई नई कांग्रेस
इंदिरा गांधी ने नई पार्टी बनाई, जिसका नाम रखा गया कांग्रेस (रेक्वेजिशन). अध्यक्ष बने जगजीवन राम. कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 705 सांसदों में से 446 सांसद इंदिरा के साथ थे. बाद में इंदिरा वाली कांग्रेस को ही कांग्रेस रूलिंग और इमरजेंसी के बाद कांग्रेस इंदिरा के नाम से भी जाना गया. अब की जो कांग्रेस है, वो वही कांग्रेस है, जिसे इंदिरा गांधी ने बनाया था. 1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा की कांग्रेस आर को 352 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस ओ को महज 16 सीटें और इस तरह से इंदिरा गांधी की कांग्रेस को असली कांग्रेस की वैधता हासिल हो गई.

लेकिन राष्ट्रपति के चुनाव में जिस तरह से इंदिरा गांधी ने अंतरात्मा की आवाज का जिक्र कर अपने ही सांसदों को अपनी ही पार्टी के खिलाफ कर दिया, उसका प्रभाव हालिया राजनीति में उल्टा हो गया है और अब भी नेताओं की अंतरात्मा जग तो रही है, वो अपनी अंतरात्मा की आवाज भी सुन रहे हैं लेकिन अपने नेता या अपनी पार्टी के नेता के कहने पर नहीं, बल्कि अपने विरोधियों के कहने पर और उसके नतीजे अब सबके सामने हैं.

यह भी पढ़ें- VIDEO: बेखौफ चाल, दबंग अंदाज... कोर्ट में पेशी पर पहुंचे शाहजहां के चेहरे पर नहीं दिखा संदेशखाली का मलाल

और देखें
Advertisement
Advertisement
Sun Feb 23, 9:16 am
नई दिल्ली
25.2°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 37%   हवा: WNW 11.3 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
सोनाली बेंद्रे ने पति संग संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का खूबसूरत नजारा, देखें तस्वीरें
सोनाली बेंद्रे ने संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का नजारा
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

'मुझे उम्मीद है कि इंडिया जीतेगा…',Champions Trophy पर  Awadhesh Prasad ने किया भारत की जीत का दावा | ABP NEWSIND vs PAK Match :विराट के परफॉर्मेंस से निराश हुआ ये नन्हा फैन,वजह जानकर हो जायेंगे हैरानIND vs PAK: भारत-पाक के मैच में देश की जीत के लिए लोगों ने किया विजय यज्ञ | ABP NEWSIND vs PAK: ICC Champions Trophy के लिए Dubai में भिड़ेंगे भारत-पाकिस्तान, होगा सबसे बड़ा मुकाबला | ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
सोनाली बेंद्रे ने पति संग संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का खूबसूरत नजारा, देखें तस्वीरें
सोनाली बेंद्रे ने संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का नजारा
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
IND vs PAK Dubai: भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने बदली प्लेइंग 11, टीम का दिग्गज खिलाड़ी हुआ बाहर
भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने बदली प्लेइंग 11, टीम का दिग्गज खिलाड़ी हुआ बाहर
मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव में क्या है अंतर, किसकी कितनी होती है पॉवर?
मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव में क्या है अंतर, किसकी कितनी होती है पॉवर?
NTA ने जारी किया UGC NET 2024 का परीक्षा परिणाम! यहां देखें रिजल्ट और कट-ऑफ
NTA ने जारी किया UGC NET 2024 का परीक्षा परिणाम! यहां देखें रिजल्ट और कट-ऑफ
एक परिवार में कितने लोगों का बन सकता है आयुष्मान कार्ड? जान लें काम की बात
एक परिवार में कितने लोगों का बन सकता है आयुष्मान कार्ड? जान लें काम की बात
Embed widget