Rajya Sabha Election: 27 फरवरी को 15 राज्यों की 56 राज्यसभा की सीटों पर चुनाव होने हैं. इसके लिए बीजेपी के सभी उम्मीदवारों ने अपना-अपना नामांकन कर दिया है. इन उम्मीदवारों में शामिल अमरपाल मौर्य भी शामिल है. उन्होंने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया है.


मौर्य इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं. वह पिछले 20 साल से बीजेपी से जुड़े हैं. प्रतापगढ़ के राजापुर बिन्धन गांव से ताल्लुक अमरपाल मौर्य ने दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि वह अपने शुरुआते जीवन में सब्जी बेचा करते थे. 


परिवार में होती थी सब्जी की खेती
उन्होंने बताया, "हमारे परिवार में सब्जियों की खेती होती थी. पढ़ाई करने के दौरान मैं सब्जियों को बेचने के लिए बाजार जाता था. इसमें कोई शर्म की बात नहीं है. मैं मेहनत करता था. इसके बाद मैं छात्र जीवन से राजनीति में आया और बीजेपी में काम करने का मौका मिला."


ऊंचाहार से लड़ा था चुनाव
मौर्य ने कहा कि उन्होंने इस बात का अंदाजा नहीं था कि मुझे बीजेपी राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाएगी. उनके पास अचानक फोन आया कि कल आपको नामांकन करने जाना है. मौर्य ने बताया कि उन्होंने ऊंचाहार विधानसभा से चुनाव लड़ा और उन्हें 76000  से ज्यादा वोट मिले थे. आजादी के बाद पहली बार बीजेपी के किसी कैंडिडेट को ऊंचाहार से इतना वोट मिला था.


प्रतापगढ़ से लड़ना चाहते थे चुनाव


मौर्य ने बताया कि 2019 में लोकसभा चुनाव में वह प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन मुझे प्रतापगढ़ से टिकट नहीं मिला. वह सीट एनडीए गठबंधन में अपना दल के खाते में चली गई थी और उन्हें अपना दल के सिंबल पर चुनाव लड़ने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया.


यूपी की सीटों पर फंसा है पेच


उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटें खाली हो रही हैं. इन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अमरपाल मौर्य के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत, पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह और आगरा के पूर्व मेयर नवीन जैन को मैदान में उतारा है.


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