कांग्रेस के लिए क्यों खास हैं अशोक सिंह? 3 बार लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी मिला राज्यसभा का टिकट
Rajya Sabha: ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कांग्रेस ज्योतिरादित्या सिंधिया को चुनौती देना चाहती है. इसके लिए पार्टी ने अशोक सिंह को आगे करने का फैसला किया है.
Rajya Sabha Election: 27 फरवरी को 15 राज्यों की 56 सीटों पर चुनाव होना है. इसके लिए कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों ने नामांकन कर दिया है. मध्य प्रदेश से पार्टी ने अशोक सिंह को प्रत्याशी बनाया है. अशोक 3 बार ग्वालियर सीट पर लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं. ऐसे में उनको राज्यसभा का टिकट दिए जाने पर सवाल भी उठ रहे हैं.
अशोक सिंह को टिकट देने कई कारण हैं. सिंह को ज्योतिरादित्य सिंधिया का धुर विरोधी माना जाता है. इतना ही नहीं वह दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के करीबी भी हैं. अशोक सिंह का परिवार स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहा है और उनके पूर्वजों ने तत्कालीन सिंधिया शासन के खिलाफ आंदोलन भी किया था. ऐसे में कांग्रेस उन्हें सिंधिया के सामने एक चुनौती की तरह पेश करना चाहती है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह ले सकते हैं अशोक सिंह
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं था. ऐसे में अशोक सिंह सिंधिया की जगह ले सकते हैं. माना जा रहा है कि वह सिंधिया के किले में सेंध लगाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
यादव वोट पर नजर
इसके अलावा जिस तरह भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर एमपी से लेकर यूपी तक यादव वोट साधा है. उसकी तरह कांग्रेस भी यादव समुदाय को प्रतिनिधित्व देकर उसे आकर्षित करना चाहती है.
इससे पहले खबर थी कि पार्टी आलाकमान मध्य प्रदेश से किसी ओबीसी या दलित उम्मीदवार को राज्यसभा नामित कर सकता है. अशोक सिंह को उम्मीदवार घोषित करने से पहले पार्टी ने कमलनाथ, मीनाक्षी नटराजन, अरुण यादव, अजय सिंह, राहुल भैया और कमलेश्वर पटेल ने नाम पर भी चर्चा की थी.
मध्य प्रदेश से बीजेपी के 4 उम्मीदवार
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की 5 राज्यसभा सीट के लिए इलेक्शन होने हैं. बीजेपी ने यहां से चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें माया नारोलिया, डॉ एल मुरुगन, उमेश नाथ महाराज और बंसीलाल गुर्जर शामिल हैं.