Rajya Sabha Election 2024: राज्यसभा की 15 सीटों के लिए मतदान 27 फरवरी को होना है. हर दो साल में राज्यसभा की कम से कम 33 फीसदी सीटों पर चुनाव होता है. 27 फरवरी का दिन भी 15 राज्यों से 56 राज्यसभा सांसदों के चयन लिए चुना गया था. हालांकि, 12 राज्यों से जितनी सीटें खाली थीं, उतने ही उम्मीदवारों ने नामांकन किया. ऐसे में 12 राज्यों के 41 उम्मीदवार निर्विरोध राज्यसभा सांसद बन गए. अब तीन राज्यों के लिए चुनाव होने हैं. यहां राज्यसभा चुनाव से जुड़ी पूरी जानकारी दे रहे हैं.
27 फरवरी को उत्तर प्रदेश की 10 सीट, हिमाचल प्रदेश की एक सीट और कर्नाटक की चार सीट के लिए मतदान होना है. तीनों राज्यों में खाली सीटों की संख्या से एक ज्यादा प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
यूपी में अखिलेश के उम्मीदवार की जीत मुश्किल
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को मतदान होगा. कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं. इसमें से 8 भारतीय जनता पार्टी और 3 समाजवादी पार्टी के हैं. यूपी में 403 सदस्यों वाली विधानसभा में 397 विधायक ही वोट करने के योग्य हैं. 4 सीटें पहले से खाली थीं, इसके अलावा जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को वोट करने की अनुमति नहीं मिली है. चुनाव का सारा समीकरण अब राजा भैया, सुभासपा, निषाद पार्टी और रालोद पर टिका हुआ है. बीजेपी के सात और समाजवादी पार्टी के दो उम्मीदवारों की जीत तय है. एक सीट पर पेंच फंसा है. राजा भैया और जयंत साफ कर चुके हैं कि वह बीजेपी उम्मीदवार को वोट देंगे. ऐसे में अखिलेश के तीसरे उम्मीदवार की जीत मुश्किल लग रही है.
हिमाचल में क्या हैं हालात?
यहां कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए किसी भी पार्टी को 35 वोट की जरूरत होगी। कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं। तीन निर्दलिय भी सरकार के साथ हैं. ऐसे में कांग्रेस का पलड़ा भारी है, लेकिन बीजेपी ने यहां हर्ष महाजन को टिकट दिया है। हर्ष कांग्रेस से ही भाजपा में आए हैं। ऐसे में बीजेपी उम्मीद करेगी कि हर्ष कांग्रेस विधायकों से क्रॉस वोटिंग करा लेंगे. हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में सत्ताधारी पार्टी के विधायकों से क्रॉस वोटिंग कराना बेहद मुश्किल है.
कर्नाटक में कहां फंसेगा पेंच?
यहां कांग्रेस ने अजय माकन, सैयद नासिर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर को टिकट दिया है। वहीं, बीजेपी और जेडीएस गठबंधन ने नारायणा कृष्णासा भांडगे और कुपेंद्र रेड्डी को मैदान में उतारा है। 224 सदस्यीय विधानसभा में एक सांसद को जीत दिलाने के लिए 45 वोट जरूरी होते हैं. कांग्रेस के 135 विधायक हैं। भाजपा के 66 और जेडीएस के 19 विधायक हैं। चार अन्य विधायक भी है। अगर सब कुछ सामान्य रहा तो कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार जीत हासिल करेंगे. वहीं, अन्य चार विधायक और कांग्रेस के किसी विधायक का वोट बीजेपी उम्मीदवार को मिलने पर बीजेपी के दोनों उम्मीदवार जीत सकते हैं. अन्यथा बीजेपी-जेडीएस गठबंधन के एक उम्मीदवार की हार तय है.
कैसे होगा मतदान ?
राज्यसभा में मतदान एक से ज्यादा बूथ पर होंगे, जहां उन पार्टियों के पोलिंग एजेंट भी रहेंगे, जिन्होंने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. सुबह 9 से 4 बजे के बीच मतदान होगा. इसके बाद वोटों की गिनती शुरू होगी. मतपत्र पर सभी उम्मीदवारों के नाम होंगे. विधायकों को चुनाव आयोग के पेन से उम्मीदवारों के नाम के सामने वरीयता लिखनी होगी, जिसे वह प्राथमिकता के साथ वोट देना चाहते हैं, उसके नाम के सामने 1 और जिसे दूसरी वरीयता देते हैं, उसके नाम के आगे 2 लिखना होगा. अगर किसी विधायक ने अपने पेन से लिखा तो मत खारिज हो जाएगा.
राज्यसभा में मौजूदा स्थिति
20 फरवरी को 12 राज्यों में राज्यसभा सांसदों का चयन हो गया, क्योंकि ये सांसद निर्विरोध थे और चुनाव होने पर भी इनकी जीत तय थी. कुल 41 सीटों पर सांसदों का चुनाव निर्वेरोध रहा. अब 15 सीटों पर चुनाव होगा. इन 41 सांसदों में 20 बीजेपी, 6 कांग्रेस, 4 टीएमसी, 3 वाईआर कांग्रेस, 2 आरजेडी, 2 बीजेडी और एनसीपी, शिवसेना, बीआरएस, जेडीयू के एक-एक सांसद थे. अब राज्यसभा में बीजेपी के 113, कांग्रेस के 36, टीएमसी के 17, आम आदमी पार्टी के 10, डीएमके 10, वाई आर कांग्रेस के 3, आरजेडी के 2, बीजेडी के 2, एनसीपी, शिवसेना, बीआरएस और जेडीयू का एक सांसद है.
चुनाव के बाद क्या हो सकती है स्थिति?
राज्यसभा चुनाव में जिन 15 सीटों के लिए मतदान 27 फरवरी को होना है. उनमें से तीन सीटों पर पेंच फंस सकता है. कर्नाटक, हिमाचल और उत्तर प्रदेश की एक-एक सीटें इसमें शामिल हैं. इन तीन सीटों में हिमाचल में कांग्रेस, उत्तर प्रदेश में बीजेपी और कर्नाटक में कांग्रेस के उम्मीदवार के जीतने की संभावना ज्यादा है. अगर इसमें ज्यादा बदलाव नहीं होता तो चुनाव खत्म होने के बाद बीजेपी के 122, कांग्रेस के 40, टीएमसी के 17, आम आदमी पार्टी के 10, डीएमके 10, वाई आर कांग्रेस के 3, समाजवादी पार्टी के 2, आरजेडी के 2, बीजेडी के 2, एनसीपी, शिवसेना, बीआरएस और जेडीयू के पास एक सांसद हो सकते है.
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