हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा दो मंत्रियों समेत 12 विधायकों के टिकट काटने पर पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री राव इंद्रजीत ने चुप्पी तोड़ी है. राव इंद्रजीत का कहना है कि टिकट बंटवारे में उनकी कोई भूमिका नहीं थी. इससे पहले राव इंद्रजीत पर कुछ विधायकों के टिकट कटवाने के आरोप लगे थे.


राव इंद्रजीत ने गुस्साए कार्यकर्ताओं के सामने टिकट बंटवारें पर चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा, ''टिकट कटवाने के बारे में अपवाह उन लोगों ने फैलाई है जो कि नाराज हैं.'' इसके साथ ही राव इंद्रजीत ने कहा कि अगर उनकी भूमिका टिकट बंटवारे में होती है तो वह अपनी बेटी आरती राव को टिकट जरूर दिलवाते.


राव इंद्रजीत ने कहा, ''मेरी टिकट बंटवारे में कोई भूमिका नहीं थी. अगर मेरी भूमिका होती को आरती राव को टिकट मिलता. आरती राव को पिछले चुनाव में तब भी टिकट नहीं मिला था, जब सबकी बात सुनी जा रही थी. मैं इस बात की परवाह नहीं करता और मैं आरती के स्थान पर टिकट पाने वाले रणधीर सिंह की मदद कर रहा हूं.''


राव इंद्रजीत ने का कहना है कि मेरिट में होने के बावजूद आरती राव को टिकट नहीं मिला. उन्होंने कहा, ''मैं बीजेपी नेता के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं. किसे टिकट मिला है और किसे टिकट नहीं मिला है इस बात के साथ मेरा कोई लेना देना नहीं है.''


टिकट बंटवारे से पहले ऐसी खबरें थीं कि आरती राव को टिकट दिलाने के लिए राव इंद्रजीत ने केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ने की पेशकश की है. लेकिन बीजेपी ने बीरेंद्र सिंह के परिवार को छोड़कर बाकी किसी सांसद के रिश्तेदार को टिकट नहीं दिया है.


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