नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत मिली है. इससे पहले 1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार में वापसी करने में कामयाब रही थीं. अब ये कारनामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. बता दें कि अभी तक कुल 529 सीटों पर रिजल्ट की घोषणा कर दी गई है और 13 सीटों पर मतों की गणना अभी भी जारी है.
इस आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी अभी तक 299 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और 3 सीटों पर आगे चल रही है. कांग्रेस की बात करें तो पार्टी इस बार सिर्फ 52 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हो पाई है. अन्य दलों की बात करें तो टीएमसी 22 सीट, डीएमके 23 सीट, जेडीयू 16 सीट, एलजेपी 6 सीट और एनसीपी पांच सीट जीतने में कामयाब हो पाई है. यहां हम आपको बता रहें हैं इन पार्टियों का पिछले लोकसभा चुनाव में कैसा रहा था प्रदर्शन और इस बार इन्हें मिली है कितनी सीटें.
समाजवादी पार्टी (एसपी)-
उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी गठबंधन होने के बाद संभावना जताई जा रही थी कि इन दोनों दलों के प्रदर्शन में बड़ा सुधार होगा. लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद ऐसी सारी संभावनाएं खत्म हो गई है. एसपी को इस बार पांच सीटों पर जीत दर्ज मिली है. 2014 के लोकसभा चुनाव परिणाम की बात करें तो तब भी एसपी को पांच सीटों पर जीत मिली थी. यहां एक बात गौर करने वाली है कि एसपी ने 2014 में अकेले चुनाव लड़ा था.
डिंपल यादव, धमेन्द्र यादव और अक्षय यादव हारे चुनाव-
इस लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव परिवार से एसपी चीफ अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, चचेरे भाई धमेन्द्र यादव और अक्षय यादव चुनाव हार गए हैं. अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं.
80 में बीजेपी को 62 सीटों पर जीत-
बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं और इस बार यहां से बीजेपी को 62 सीटों पर जीत मिली है और अपना दल (सोनेलाल) को 2 सीटों पर जीत मिली है. बीएसपी को 9 सीटों पर जीत मिल चुकी है और एक पर वह अभी आगे चल रही है. कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है और एसपी को 5 सीटों पर जीत मिली है.
यह भी पढ़ें-
PM मोदी की ऐतिहासिक जीत पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, पुतिन समेत इन वैश्विक राजनेताओं ने दी बधाई
नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ पार्टी आलाकमान से करुंगा बात: कैप्टन अमरिंदर
शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले बारामती से जीती, पार्थ पवार को करना पड़ा हार का सामना