Sania Mirza Vs Owaisi: क्या असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं सानिया मिर्जा
Sania Mirza Vs Asaduddin Owaisi: हैदराबाद लोकसभा सीट से असदुद्दीन ओवैसी ने पहला लोकसभा चुनाव 2004 में जीता था और उसके बाद से ओवैसी इस सीट से लगातार 4 चुनाव जीतते आ रहे हैं.
Lok Sabha Elections 2024: हैदराबाद सीट पर होने वाले लोकसभा चुनाव के बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद है. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के कब्जे वाली सीट पर कांग्रेस टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को अपना कैंडिडेट बनाने की तैयारी में जुटी हैं. इसको लेकर सियासी चर्चाएं जोरों पर हैं. कांग्रेस का यह कदम सानिया मिर्जा की लोकप्रियता के सहारे हैदराबाद शहर में अपनी राजनीतिक जमीन को और मजबूत करने की दिशा में भी काफी अहम साबित हो सकता है.
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट को फाइनल करने पर विचार विमर्श कर रही है. इसके साथ ही सानिया मिर्जा को इस सीट से संभावित कैंडिडेट के रूप में उतारे जाने की अटकलें तेज हो गई हैं.
अज़हरुद्दीन के सानिया मिर्ज़ा के परिवार से गहरे संबंध
कांग्रेस पार्टी के सूत्र बताते हैं कि पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने सानिया मिर्जा की उम्मीदवारी के प्रस्ताव का समर्थन किया. अज़हरुद्दीन के सानिया मिर्ज़ा के परिवार के साथ घनिष्ठ पारिवारिक संबंध हैं. उन्होंने 2019 में अपने बेटे मोहम्मद असदुद्दीन की शादी सानिया की बहन अनम मिर्ज़ा से की थी. दोनों परिवारों के बीच घनिष्ठ संबंधों का फायदा कांग्रेस पार्टी उठाने की तैयारी में है.
ओवैसी ने हैदराबाद सीट से जीते 4 चुनाव
दरअसल, हैदराबाद लोकसभा सीट ऐतिहासिक रूप से असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी का गढ़ रहा है. समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के रूप में हैदराबाद सीट को जाना जाता रहा है. असदुद्दीन ओवैसी ने इस सीट से पहला लोकसभा चुनाव 2004 में जीता था और उसके बाद से ओवैसी इस सीट से लगातार 4 चुनाव जीतते आ रहे हैं.
ओवैसी के पिता सलाहुद्दीन ने जीता था पहली बार निर्दलीय चुनाव
इससे पहले 1984 में उनके पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी ने इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था. इसके बाद वह 1989 से 1999 तक AIMIM उम्मीदवार के रूप में हैदराबाद सीट जीतते रहे. उनके बाद इस सीट पर बड़े बेटे और पार्टी के चीफ असदुद्दीन ओवैसी का यहां कब्जा बरकरार है.