लॉकडाउन में गरीबों को पूड़ी-सब्जी बांटने वाले सफाई कर्मचारी ने विपक्ष को दी मात, अब PM मोदी पर कही ये बड़ी बात
यूपी चुनाव लड़ने वाले सफाई कर्मचारी गणेश चंद्र चौहान ने 10,553 मतों के अंतर से जीत हासिल की है. उन्होंने संत कबीर नगर की धनघाटा सीट से चुनाव लड़ा था.
उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर जिले में धनघाटा सीट पर एक सफाई कर्मचारी ने जीत हासिल की है. बीजेपी के टिकट पर उत्तर प्रदेश का चुनाव लड़ने वाले गणेश चंद्र चौहान ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार अलगू प्रसाद को 10,553 वोटों के अंतर से हरा दिया. गणेश चंद्र चौहान एक सफाई कर्मचारी हैं, जिन्होंने धनघाटा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. इस सीट पर कांग्रेस ने शांति देवी तो आम आदमी पार्टी ने संतोष को चुनावी मैदान में उतारा था.
गणेश चंद्र चौहान ने समाज के सबसे छोटे लोगों के लिए भी पीएम नरेंद्र मोदी के सम्मान का जिक्र करते हुए कहा, 'जिस तरह से प्रधानमंत्री ने सफाई कर्मियों को सम्मान दिया है और चुनाव टिकट दिया है, हर छोटे कर्मचारी को यह महसूस करना चाहिए कि वे ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है. पीएम ने इलाहाबाद (प्रयागराज) में सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया था, पीएम मोदी ने उनके पैर धोए और संदेश दिया कि सफाई कर्मचारी नीच नहीं हो सकते. अगर वे समाज की गंदगी साफ कर रहे हैं, तो यह दर्शाता है कि वे निश्चित रूप से महान हैं.'
PM honoured sanitation workers in Allahabad (Prayagraj), he washed their feet & sent the message that sanitation workers can't be lowly. If they are cleaning the dirt of society, it shows they are definitely great: Ganesh Chandra Chauhan, BJP's winning candidate from Dhanghata pic.twitter.com/4UgfEjNM74
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 14, 2022
कोरोना महामारी के दौरान गणेश चंद्र चौहान ने अपने क्षेत्र में लोगों की काफी मदद की थी. उन्होंने रिक्शा चालकों के लिए खाने की व्यवस्था की थी. इस बात का जिक्र करते हुए गणेश ने कहा, "मैं केवल लोगों की सेवा करना चाहता हूं. मैं अपनी गाड़ी में 'पूड़ी-सब्जी' रखता था और कोविड महामारी के दौरान रिक्शा चालकों को खाना खिलाता था, क्योंकि उनके पास कमाई का कोई साधन नहीं था. संत कबीर नगर में बिहार के कई लोग रहते हैं. जब मुझे टिकट दिया गया तो लोग मुझसे मिलने आए, वे भावुक हो गए. जिस दिन मैं धनघाट विधानसभा से जीता, लोग एक-दूसरे को गले लगा रहे थे. रिक्शा चालक खुश हो रहे थे और सभी को बता रहे थे कि मैंने उन्हें तीन महीने तक लॉकडाउन के दौरान खिलाया, जब किसी ने उनकी परवाह नहीं की."
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