(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
संतकबीरनगर: उम्मीदवार बदलने की मांग को लेकर कांग्रेस की बैठक में हंगामा, राष्ट्रीय सचिव की गाड़ी पर फेंके अंडे
परवेज खान के लगातार विरोध की खबर के बाद से ही स्थानीय नेताओं को मैनेज करने के लिए राष्ट्रीय सचिव सचिन नायक दो बार आ चुके हैं. इसके बावजूद कार्यकर्ताओं का विरोध जारी है.
संतकबीरनगरः टिकट को लेकर कांग्रेस में रार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. उम्मीदवार बदलने की मांग को लेकर पिछली बार की तरह इस बार भी जब कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सचिन नायक बैठक करने पहुंचे, तो कार्यकर्ता हंगामा करने लगे. किसी तरह पुलिस ने उन्हें वहां से बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. इस दौरान जाते समय कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ी पर अंडे भी फेंके. वहीं कार्यकर्ताओं ने हंगामें के बाद उम्मीदवार परवेज खान का पुतला जलाने के बाद उनके पोस्टर पर कालिख पोत दी.
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कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व कांग्रेस के जिलाध्यक्ष परवेज खान को लोकसभा चुनाव में संतकबीरनगर से प्रत्याशी बनाया है. स्थानीय पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रोहित पाण्डेय को प्रत्याशी बनाया जाएगा. लेकिन, नाम घोषित होने के बाद से ही परवेज खान का विरोध शुरू हो गया. कार्यकर्ताओं को कहना है कि रोहित पाण्डेय जमीनी नेता हैं और उन्हें टिकट दिया जाना चाहिए. परवेज खान के लगातार विरोध की खबर के बाद से ही स्थानीय नेताओं को मैनेज करने के लिए राष्ट्रीय सचिव दो बार आ चुके हैं. इसके बावजूद कार्यकर्ताओं का विरोध जारी है.
सोमवार को वे कार्यकर्ताओं को समझाने-बुझाने और मान-मनौव्वल के लिए यहां पर आए थे. स्थानीय होटल में बैठक की गई थी. जिलाध्यक्ष और लोकसभा प्रत्याशी परवेज खान और स्थानीय पदाधिकारी भी बैठक में मौजूद थे. इसी दौरान कार्यकर्ता होटल में घुस गए. किसी तरह जब राष्ट्रीय सचिव सचिन नायक बाहर निकले, तो पीछे से भी कार्यकर्ता मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. ये देखकर जब मीडिया ने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने जिसे प्रत्याशी घोषित किया है उसे ही चुनाव लड़ना है. ऐसे विरोध का कोई अर्थ नहीं है.
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वहीं जिलाध्यक्ष और कांग्रेस प्रत्याशी परवेज खान का कहना है कि किसी के विरोध करने से कुछ नहीं होता है. पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है. वे अंदर बैठक में थे. उन्हें नहीं पता कि बाहर क्या हो रहा है. पार्टी के निर्णय के हिसाब से तैयारी कर रहा हूं. किसी के विरोध का कोई मतलब नहीं है. वहीं पूर्व जिलाध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय का भी यही कहना है कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने जिसे प्रत्याशी बनाया है, वही चुनाव लड़ेगा. रही बात किसी कार्यकर्ता के विरोध और नाराजगी की, तो विरोध और गुस्सा जाहिर करने का कार्यकर्ताओं को अधिकार है. उन्हें बैठकर बातचीत के माध्यम से समझाने का प्रयास किया जाएगा.