Gujarat Election 2022: सट्टा बाजार ने सबसे ज्यादा इस पार्टी की जीत पर लगाया दांव, बताया ये फैक्टर करेगा काम
Gujarat Election 2022: चुनाव के चलते सट्टा बाजार का कारोबार 50 हजार करोड़ रुपये तक का हो सकता है. सटोरियों का आकलन है कि आम आदमी पार्टी इस बार कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाएंगी.
Satta Bazar opinion for Gujarat Election: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) को लेकर सट्टा बाजार (Satta Bazar) यानी अवैध बाजार में क्या हलचल है, इसे लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स में आंकड़े बताए गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सट्टा बाजार इस बार भी बीजेपी (BJP) की जीत पर सबसे ज्यादा दांव लगा रहा है. वहीं, चुनाव (Gujarat Elections) के चलते सट्टा बाजार का कारोबार 50 हजार करोड़ रुपये तक का हो सकता है.
सटोरियों से बातचीत के आधार पर एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि बीजेपी जीत के मामले में पिछले दो दशक का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देगी. सटोरियों ने उम्मीद जताई है कि बीजेपी इस बार 135 विधानसभा सीटें जीतेगी. वहीं, कांग्रेस 29 और आम आदमी पार्टी के खाते में 14 सीटें जाने की संभावना है.
सटोरियों ने बताया चुनावी फैक्टर
रिपोर्ट के मुताबिक, सटोरियों ने बताया कि पिछले 27 वर्षों की सत्ता में बीजेपी को केवल एक बार पटेल समुदाय की नाराजगी का सामना करना पड़ा है. आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय बीजेपी से नाराज था. इसका प्रभाव 2017 के चुनाव में देखने को मिला. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 99 सीटें जीत पाई थी. 2017 में पटेल आंदोलन का चेहरा हार्दिक पटेल थे, जिन्होंने इस साल जून में कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. माना जा रहा है कि हार्दिक के बीजेपी में आने के कारण पटेल समुदाय का साथ बीजेपी को मिलेगा. गुजरात में पटेल समुदाय की आबादी 12 से 14 फीसदी तक आंकी जाती है. सटोरियों के मुताबिक, पटेल बीजेपी पर भरोसा दिखाएंगे.
गुजरात के जातीय समीकरण के मुताबिक, कोली समुदाय के बाद सबसे ज्यादा तादाद पटेल समुदाय की है. राज्य में कोली 24 फीसदी, पटेल 15 फीसदी, मुस्लिम 10 फीसदी, एसटी 15 फीसदी, एससी 7 फीसदी, राजपूत 5 फीसदी, ब्राह्मण 4 फीसदी, वैश्य 3 फीसदी और अन्य 17 फीसदी मतदाता हैं. वहीं, 182 में 142 सीटें सामान्य हैं. राज्य में एससी के लिए 13 सीटें और एसटी के लिए 27 सीटें आरक्षित हैं.
'आप' को लेकर सटोरियों का आकलन
सटोरियों का यह भी आकलन है कि आम आदमी पार्टी इस बार कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाएंगी. अल्पसंख्यक वोट 'आप' को मिल सकता है. आम आदमी पार्टी पिछले बार के मुकाबले इस बार आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार कर रही है. पार्टी पंजाब की तरह गुजरात में जीत की उम्मीद कर रही है. आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि पिछले 27 वर्षों से गुजरात की जनता के पास विकल्प नहीं था, इसलिए बीजेपी जीतती रही. आप ने राज्य में अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा भी कर दी है. 'आप 'ने पूर्व टीवी एंकर इसुदान गढ़वी को मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी का उम्मीदवार बनाया है.
वहीं, एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आम आदमी पार्टी को मुकाबले से बाहर बताया. शाह के मुताबिक बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस से है लेकिन जिस तरह का माहौल और झुकाव बीजेपी की तरफ है, उससे लगता है कि पार्टी जीत के अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी और भारी मतों के साथ एक बार फिर सरकार बनाएगी.