उपचुनाव की हार बिगाड़ देगी बीजेपी का गठबंधन वाला गेम! वरिष्ठ पत्रकार अभय दुबे ने कर दिया बड़ा दावा
Bypolls Result 2024: देश में सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में विपक्षी दलों ने 10 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि, बीजेपी के खाते में केवल दो सीटें आई हैं.
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Assembly Bypolls Result 2024: देश के 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजों की घोषणा आज शनिवार (13 जुलाई) को हुई, जिसमें बीजेपी ने महज 2 सीटों पर जीत दर्ज की. जबकि, विपक्षी अलायंस INDIA के सहयोगियों को 10 सीटों पर सफलता मिली. वहीं, कांग्रेस के खाते में भी 4 सीटें गईं. इन दोनों पार्टियों के अलावा टीएमसी को पश्चिम बंगाल की सभी 4 सीटों पर जीत मिली.
हालांकि, विधानसभा उपचुनाव के इन नतीजों के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन से जुड़ी पार्टियों में खुशी की लहर है और बीजेपी खेमे में थोड़ी टेंशन. इसके अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी तो बिहार में निर्दलीय ने अपने दम पर जीत दर्ज की है. इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार अभय दुबे का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो लोकसभा चुनावी मुहिम चलाई तो उसमें पीएम का हर भाषण मुसलमान विरोधी था सांप्रदायिकता से भरा हुआ था और ध्रुवीकरण का निमंत्रण था.
अगले साल 5 राज्यों में होने हैं चुनाव- अभय दुबे
वरिष्ठ पत्रकार अभय दुबे कहते हैं कि देश में जितनी भी गैर बीजेपी ताकते हैं. वो सब 4 जून के बाद हुए हर चुनाव को इस दिलचस्पी के साथ देखेंगी. क्या बीजेपी अपनी वापसी की तरफ जा रही है कि नहीं जा रही है. फिर चाहे हरियाणा, झारखंड, दिल्ली, बिहार का चुनाव ही क्यों न हो. इसके अलावा अगले साल के आखिर तक जम्मू कश्मीर के चुनाव होंगे और साथ ही यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं.
बीजेपी के हारने से NDA गठबंधन में आ सकती है दरार
वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि जैसे ही देश में बीजेपी के चुनाव हारने का सिलसिला और आगे बढ़ा, वैसे ही जो ताकत आज बीजेपी के साथ खड़ी हुई है, हो सकता वो सोचना शुरु कर दे कि आज हम बीजेपी के साथ खड़े हैं तो साथ रहने का फायदा क्या है? आज तेलगू देशम पार्टी और जेडीयू देख रहें होंगे विशेष राज्य का दर्जा या अलग से पैकेज मिलेगा या नहीं. फिलहाल, इन दोनों पार्टियों के पास करीब 28 लोकसभा सीटें हैं लेकिन उनका आचरण ऐसा है, जैसे उनके पास 80 सीटें हों.
BJP अंदरुनी और बाहरी ताकतों का है शिकार
अभय दुबे कहते हैं कि दूसरी तरफ बीजेपी और कई दबावों की शिकार है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में कभी भी आरएसएस के संगठनों ने भाजपा को मांग पत्र नहीं दिया कि आप बजट में ये रखिए लेकिन आज भारतीय मजदूर संघ दे चुका है. वहीं, भारतीय किसान संघ और स्वदेशी जागरण मंच ने भी मांग पत्र दे दिया है. ऐसे में बीजेपी बहुत बड़े पैमाने पर अंदरूनी और बाहरी दबावों की शिकार है.
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