आंध्र प्रदेश: एक और एमपी ने छोड़ा चंद्रबाबू नायडू का साथ, पांडुला रवींद्र बाबू वाईएसआर कांग्रेस में शामिल हुए
Lok Sabha Election 2019: लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पहले आंध्र प्रदेश में टीडीपी को झटके लगने का दौर जारी है. पिछले एक हफ्ते में दो सासंद और एक विधायक पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं.
Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने से पहले आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी को झटके लगने का दौर जारी है. अमलापुरम के सासंद पांडुला रवींद्र बाबू ने चंद्रबाबू नायडू का साथ छोड़ते हुए विरोधी जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ज्वाइन कर ली है. रवींद्र बाबू ने वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इससे पहले सासंद अवंती श्रीनिवास भी टीडीपी को छोड़कर वाईएसआर कांग्रेस का हिस्सा बन चुके हैं.
केंद्रीय सेवा के पूर्व अधिकारी रवींद्र बाबू 2014 में पहली बार लोकसभा के लिये चुने गये थे. ऐसी चर्चा थी कि टीडीपी बाबू को एक बार फिर अमलापुरम संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में नहीं उतारने वाली थी, जिससे बाबू नाराज बताये जा रहे थे.
వైయస్ఆర్ కాంగ్రెస్ పార్టీ అధ్యక్షుడు వైయస్ జగన్ మోహన్ రెడ్డి సమక్షంలో పార్టీలో చేరిన అమలాపురం టీడీపీ ఎంపీ రవీంద్రబాబు.#YSRCP #YSJagan #RavindraBabu pic.twitter.com/VVdugLIOjZ
— YSR Congress Party (@YSRCParty) February 18, 2019
रेड्डी के साथ मुलाकात के बाद बाबू ने कहा, ''वाईएसआर कांग्रेस में शामिल होकर मैं खुश हूं. यह मेरे लिये घर वापसी जैसा है.'' उन्होंने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे पर कई बार पलटने और विशेष आर्थिक पैकेज के नाम पर राज्य की जनता को धोखा देने का आरोप लगाते हुए उनकी आलोचना की.
उन्होंने आरोप लगाया कि आखिरकार सिर्फ नायडू के कारण राज्य को केंद्र से कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा, ''जब तक चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री रहेंगे तब तक राज्य समृद्ध नहीं बनेगा.''
दो सासंदों के अलावा चिराला से विधायक अमनची कृष्ण मोहन भी पिछले सप्ताह तेदेपा छोड़कर जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो चुके हैं.
बात अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की करें तो उस वक्त तेलंगाना का गठन नहीं हुआ था. चुनाव से ठीक पहले चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन किया था और वह राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 16 पर जीती थी, जबकि सहयोगी बीजेपी के हिस्से में तीन सीट आई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में टीआरएस को 11, वाईएसआर कांग्रेस को 9 और कांग्रेस को 2 सीटों पर जीत मिली थी. औवेसी को हैदराबाद की सीट पर जीत मिली थी.
आंध्र प्रदेश: चंद्रबाबू नायडू को लगा बड़ा झटका, एमपी अवंती श्रीनिवास वाईएसआर कांग्रेस में शामिल हुए