महाराष्ट्र: 50-50 फॉर्मूले पर फडणवीस के इनकार पर शिवसेना ने कहा- फिर लोकसभा चुनाव में किस शर्त पर गठबंधन हुआ?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज कहा कि बीजेपी नीत गठबंधन अगले पांच साल एक स्थिर और कुशल सरकार देगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री के नाम का एलान पहले ही कर चुके हैं और बैठक एक औपचारिकता होगी.
मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन का 50-50 फॉर्मूले को लेकर अपने-अपने दावे हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि बीजेपी ने शिवसेना से मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई दावा नहीं किया. वहीं शिवसेना का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे से वादा किया था कि सत्ता में 50-50 की भागीदारी होगी. 50-50 फॉर्मूला का मतलब है पांच साल में ढाई-ढाई साल के लिए बीजेपी और शिवसेना दोनों को मुख्यमंत्री का पद मिले.
आज मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ''लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब शिवसेना से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था.''
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद शिवसेना सांसद संजय रावत ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बीजेपी से पूछा कि फिर किस आधार पर लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन हुआ था? जो बात तय हुई थी (50-50 का फॉर्मूला), वही बात होगी. न उससे ज्यादा कुछ मांग है और न ही कम.
उन्होंने कहा, ''बीजेपी के साथ गठबंधन है. हमारे मन में कोई खोट नहीं है. गठबंधन में सरकार बननी चाहिए. यही जनता का मैंडेट है. हम गठबंधन धर्म का पालन करने वाले लोग हैं. हमारी छोटी सी मांग है. लोकसभा चुनाव से पहले अमित शाह और मुख्यमंत्री के सामने जो बातें तय हुई थी उसका पालन करे.''
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संजय राउत ने कहा, ''कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मेयर जो पद पर है. वह कभी भी अपनी कुर्सी नहीं छोड़ना चाहता है. पूरे विश्व में है. आखिरी तक कोशिश करते हैं कि हम पद पर रहें. इसमें कोई गलत भी नहीं है. एक पार्टी की लाइन होती है. लेकिन कोई कहता है कि शर्तों पर बात नहीं हुई थी, मीडिया के सामने होटल में बात हुई थी. मीडिया के सामने मुख्यमंत्री ने कहा था. वहां पर उद्धव ठाकरे ने भी कहा, इस दौरान अमित शाह मौजूद थे. यह कहा है सीएम साहब ने कि विधानसभा में सत्ता और पदों का बंटवारा आधा-आधा होगा. इसका मतलब क्या है?''
महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं और राज्य की अगली सरकार में सत्ता में भागीदारी को लेकर दोनों के बीच तकरार चल रही है.