सिक्किम विधानसभा चुनाव 2019: लोकसभा चुनाव के साथ जिन चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें देश का पहला ऑर्गेनिक स्टेट सिक्किम भी एक है. सिक्किम के विधानसभा चुनाव देश के किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा वक्त तक सीएम बने रहने का रिकॉर्ड बनाने वाले पवन कुमार चामलिंग की कुर्सी दांव पर लगी है. सिक्किम के विधानसभा चुनाव इस मायने में भी खास हैं, क्योंकि 1994 से लेकर अब तक पवन कुमार चामलिंग लगातार 5 चुनाव जीत चुके हैं.


2014 के विधानसभा चुनाव में पवन कुमार चामलिंग ने लगातार पांचवी बार सीएम की कुर्सी हासिल की थी. इस चुनाव के बाद ही पवन कुमार चामलिंग ने रिकॉर्ड समय तक सीएम रहने की तरफ कदम बढ़ाए. साल 2018 में पवन कुमार चामलिंग किसी भी राज्य के सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शख्स बने. इससे पहले सबसे ज्यादा वक्त तक सीएम बनने का रिकॉर्ड ज्योति बसु के नाम था. ज्योति बसु 1977 से 2000 तक पश्चिम बंगाल के सीएम रहे थे.


2009 के विधानसभा चुनाव में चामलिंग के सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सभी 32 सीटें जीत ली थीं. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव के पहले चामलिंग को बड़ा झटका लगा था, क्योंकि उनके सहयोगी रहे पीएस गोले ने एसडीएप से अलग होकर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा बनाने का एलान किया.


2014 के विधानसभा चुनाव में मुख्य तौर पर चामलिंग के एसडीएफ और गोले के एसकेएम के बीच ही मुख्य लड़ाई देखने को मिली. करीब 4 लाख की आबादी वाले राज्य सिक्किम में चामलिंग की वापसी में थोड़ी सेंध तो लगी, पर किसी तरह से नतीजों के बाद वह रिकॉर्ड पांचवी बार सीएम बनने में कामयाब हुए.


2014 के चुनावी नतीजों में चामलिंग के सोशल डेमोक्रेटिक फ्रंट को 32 में से 22 सीटों पर जीत मिली, जबकि गोले का सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 10 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनने में कामयाब हुआ. 2014 के विधानसभा चुनाव में दो राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी ने भी हिस्सा लिया था. लेकिन एक तरफ जहां 32 सीटों पर कांग्रेस का एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया, तो वहीं दूसरी तरफ 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली बीजेपी को भी एक सीट पर भी जीत नहीं मिली.


जहां तक बात वोट शेयर की है तो करीब 55 फीसदी वोट हासिल करके सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट अव्वल रहा. पहली बार चुनाव लड़ने वाले सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को करीब 40.8 फीसदी वोट मिले. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 1.4 फीसदी और बीजेपी 0.7 फीसदी वोट पाकर तीसरे और चौथे नंबर की पार्टी बने.