रायबरेली टू राज्यसभा: मेरा परिवार अधूरा है, भावुक हुईं सोनिया गांधी ने किसके नाम लिखी चिट्ठी
Sonia Gandhi Emotional Letter: सोनिया गांधी ने इस चिट्ठी में रायबरेली की जनता का शुक्रिया अदा किया है. पत्र में उन्होंने बताया है कि सीट से उनका और उनके परिवार का रिश्ता कैसा रहा है.
Sonia Gandhi Letter To Raebareli: सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने राज्यसभा चुनाव के लिए बुधवार (14 फरवरी) को नामांकन पत्र दाखिल किया. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष के राज्यसभा जाने की खबर के साथ ही बीजेपी लगातार उन्हें ट्रोल कर रही है. इस बीच सोनिया गांधी ने रायबरेली के नाम एक इमोशनल चिट्ठी लिखी है.
इस चिट्ठी के जरिए उन्होंने रायबरेली से हर वो बात कही है, जो वो कहना चाहती हैं. सोनिया गांधी ने इस चिट्ठी में लिखा, "मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है. वह रायबरेली आकर-आप लोगों से मिलकर पूरा होता है. यह नेह-नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है."
सोनिया गांंधी ने लिखा- आपने अपना बना लिया
सोनिया गांधी ने पत्र में आगे लिखा, "रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं. आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फिरोज गांधी जी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा. उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी जी को आपने अपना बना लिया. तब से आकर अब तक, यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई."
जब सब खोकर मैं आपके पास आई- सोनिया गांधी
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने चिट्ठी में आगे लिखा, "आस्था के इस रौशन रास्ते पर आपने मुझे चलने की जगह दी. सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया. पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह नहीं भूल सकती. यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी बदौलत हूं और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है."
सोनिया गांधी ने बताया, क्यों नहीं लड़ रहीं लोकसभा चुनाव
सोनिया गांधी ने अपने स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का जिक्र करते हुए लिखा, "अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी. इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा. मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं. बड़ों को प्रणाम. छोटों को स्नेह, जल्द मिलने का वादा."
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