वाराणसी से पीएम मोदी के ख़िलाफ़ गठबंधन का उम्मीदवार कौन होगा?
वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एसपी-बीएसपी गठबंधन से कौन चुनाव लड़ेंगे यह अभी तक तय नहीं हो पाया है. समझौते के तहत ये सीट एसपी को मिली है.
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लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से चुनाव कौन लड़े ? बीएसपी और समाजवादी पार्टी गठबंधन अब तक तय नहीं कर पाई है. समझौते में ये सीट समाजवादी पार्टी को मिली है. पार्टी को तलाश है एक ऐसे मज़बूत नेता की जो मोदी को टक्कर दे सके. लेकिन ऐसा कोई चेहरा अखिलेश यादव को मिल नहीं पाया है. कई नामों पर विचार हुआ लेकिन उन्हें कोई पसंद नहीं आ रहा है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष जातीय समीकरण के हिसाब से प्रत्याशी खड़ा करना चाहते हैं. कम से कम उम्मीदवार ऐसा हो जो नरेंद्र मोदी से लड़ता दिखे.
शुक्रवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी ऑफ़िस में अखिलेश यादव ने एक बैठक बुलाई थी. इस मीटिंग में वाराणसी से लोकसभा उम्मीदवार तय करने के लिए दो घंटे तक चर्चा हुई. वाराणसी से पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं को बुलाया गया था. कई नाम सामने आए. लेकिन एक एक कर सभी नाम कटते चले गए. कुछ लोगों ने अखिलेश सरकार में मंत्री रहे सुरेन्द्र पटेल का नाम सुझाया. लेकिन ये कह कर उनका नाम ख़ारिज हो गया कि इलाक़े के पटेल तो बीजेपी को वोट करने वाले हैं. अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल का इस इलाक़े में असर है. इस पार्टी का बीजेपी से गठबंधन है. कुछ नेताओं ने कई और नाम सुझाए. लेकिन अखिलेश यादव की कसौटी पर कोई खरा नहीं उतरा.
समाजवादी पार्टी के कुछ नेता चाहते हैं कि बनिया या फिर जायसवाल बिरादरी के किसी नेता को टिकट मिले. एक बडे नेता ने संजय चौहान को चुनाव लड़ाने का सुझाव दिया है. वे राष्ट्रीय जनवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं. हाल में ही चौहान ने अखिलेश यादव के साथ मंच साझा किया था. दोनों नेताओं ने मिल कर एक रैली भी की. नोनिया जाति के नेता माने जाते हैं चौहान. पूर्वांचल में लोकसभा की 7-8 सीटों पर इस बिरादरी की अच्छी खासी आबादी है. लेकिन क्या चौहान समाजवादी पार्टी के सिंबल पर लड़ने को तैयार होंगे ? इन सब सवालों को लेकर अखिलेश यादव के यहाँ हुई बैठक बिना किसी नतीजे के ख़त्म हो गई. आख़िर में अखिलेश ने बस इतना कहा कि वाराणसी में चुनाव सबसे आख़िर में है तो अभी समय है सोचने के लिए. कहीं ऐसा तो नहीं है कि कोई चौकानेवाला चेहरा अखिलेश ने तय कर रखा हो. कुछ ऐसी भी चर्चा है.
वाराणसी में पिछली बार के चुनाव में नरेंद्र मोदी 3 लाख 72 हज़ार वोटों से जीते थे. दूसरे नंबर पर रहे अरविंद केजरीवाल को 2 लाख 9 हज़ार वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अजय राय थे. भीम आर्मी के चीफ़ चंद्रशेखर भी यहाँ से चुनाव लड़ना चाहते हैं. हाल में ही प्रियंका गांधी ने उनसे मुलाक़ात की थी. वाराणसी में सबसे अधिक वोटर बनिया जाति के हैं. इसके बाद बारी मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं की है. बनिया - 3.25 लाख मुस्लिम - 3 लाख ब्राह्मण - 2.50 लाख पटेल - 2 लाख यादव - 1.50 लाख भूमिहार - 1.25 लाख राजपूत - 1 लाख
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