नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता का सवाल उठाने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. याचिकाकर्ता की मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट गृह मंत्रालय को इस बारे में मिली शिकायत पर जल्द कार्रवाई करने का आदेश दे. राहुल गांधी को चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश देने से मना कर दिया.


याचिकाकर्ता हिंदू यूनाइटेड फ्रंट के जयभगवान गोयल और हिंदू महासभा के चंद्र प्रकाश त्यागी के वकील से सुप्रीम कोर्ट ने कई तीखे सवाल किए. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने पूछा, "याचिकाकर्ता कौन हैं?" जवाब मिला, "जनहित के बारे में सोचने वाले नागरिक हैं. राजनीति से जुड़े हैं." सुप्रीम कोर्ट इस जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आया.


इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि याचिकाकर्ता का मामले से क्या संबंध है? उसे किस बात पर आपत्ति है? वकील का जवाब था, "राहुल देश का प्रधानमंत्री बनने की सोच रहे हैं." इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "इसमें क्या गलत है? 130 करोड़ की आबादी वाले इस देश में ऐसा कौन व्यक्ति है जिसे मौका मिले और वो इस पद को मना कर दे? क्या आप इसके लिए मना कर देंगे?"


बात हाथ से निकलते देख वकील ने तरकश का आखिरी तीर चलाया. उन्होंने कहा, "राहुल ब्रिटिश नागरिक हैं. उनका चुनाव लड़ना गलत है. सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. सुप्रीम कोर्ट का दखल देना ज़रूरी है."


इस आपत्ति को भी ठुकराते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, "किसी ब्रिटिश कंपनी के एक काग़ज़ पर किसी को वहां का नागरिक लिख देने से वो व्यक्ति ब्रिटेन का नागरिक नहीं हो जाता है. हम नहीं समझते हैं कि ये याचिका सुनवाई के लायक है. इसे खारिज किया जाता है."


सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल होने के समय पर भी सवाल उठाया. बेंच के सदस्य जस्टिस दीपक गुप्ता ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्हें इस मामले की जानकारी कब मिली.


वकील ने जवाब दिया कि 2015 से यह बात सार्वजनिक है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा तो अब याचिका क्यों दाखिल की जा रही है? आप इतने साल क्या कर रहे थे?


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