वीवीपैट और ईवीएम के मिलान से जुड़ी याचिका पर अब बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं है. सुबह कोर्ट ने इस मामले में कल सुनवाई के संकेत दिए थे. आज दोपहर 2 बजे चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह पेश हुए थे. उन्होंने बताया कि आयोग 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर रहा है. इस मसले पर चंद्रबाबू नायडू की पुनर्विचार याचिका 2019 में ही खारिज हुई थी.


अब चुनाव प्रक्रिया के बीच में नई याचिका को नहीं सुना जा सकता. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि अब यह याचिका मतगणना के बाद ही सुनी जाएगी.


उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के रहने वाले याचिकाकर्ता राकेश कुमार की तरफ से वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच के सामने पेश हुईं थीं. उन्होंने मामले पर जल्द सुनवाई के अनुरोध किया था. इस पर चीफ जस्टिस एन वी रमना ने कहा कि इस मसले पर 2019 में दिशा-निर्देश जारी हो चुका है. मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि कोर्ट को यह निर्देश देना चाहिए कि 5 बूथों के VVPAT का EVM से मिलान हो.


2019 में जारी हुए थे निर्देश


दरअसल, 8 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि हर विधानसभा क्षेत्र से 1 की बजाय 5 EVM के नतीजों का VVPAT की पर्चियों से मिलान होगा. कोर्ट ने यह आदेश कांग्रेस, सपा, बसपा, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, सीपीएम और तेलगु देशम समेत कुल 21 की याचिका पर दिया था. इन पार्टियों ने मांग की थी कि चुनाव में इस्तेमाल हुई EVM मशीनों की आधी संख्या का मिलान VVPAT से होना चाहिए. लेकिन कोर्ट ने इतनी अधिक संख्या को अव्यवहारिक बताते हुए 5 EVM कर VVPAT के मिलान का आदेश दिया था. कोर्ट ने प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में लॉटरी के ज़रिए 5 EVM चुनने की प्रक्रिया को सही बताया था.


कोर्ट सुनवाई को तैयार


याचिकाकर्ता के लिए पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि मिलान के लिए EVM मशीन 5 अलग-अलग बूथों से ली जानी चाहिए. लेकिन उनकी जानकारी के मुताबिक आयोग 1 बूथ से EVM चुन रहा है। मिलान की प्रक्रिया को मतगणना के बाद करना भी सही नहीं होगा. इसे सबसे पहले किया जाना चाहिए। इससे सभी के मन मे निष्पक्षता का भरोसा बना रहेगा. इस पर कोर्ट ने कहा- "परसों मतगणना है. देखना होगा कि अब कोई आदेश दिया जा सकता है या नहीं?" इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने मामला कल सुनवाई के लिए लगा दिया.


क्या होता है वीवीपैट?


EVM के साथ वीवीपैट मशीन जुड़ी होती है. EVM में बटन दबाने के बाद वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती है. इस पर्ची में जानकारी होती है कि आपने किस पार्टी या उम्मीदवार को अपना वोट दिया है. वीवीपैट पर्ची से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि आपका वोट किसे गया है. वीवीपैट की पर्ची में उम्मीदवार का नाम और उसका चुनाव चिन्ह छपा होता है. इसकी पर्ची वोटर को नहीं दी जाती है. 


ये भी पढ़ें- Exit Polls कहते हैं- यूपी में आएंगे तो योगी ही, पंजाब में AAP की सरकार, जानें पांचों राज्यों का पूरा विश्लेषण


5 राज्यों में एग्जिट पोल के नतीजे सही या गलत? जानें राजनीतिक दलों के नेताओं का क्या है कहना