उत्तर प्रदेश में इस बार मुकाबला कई मायने में दिलचस्प होने जा रहा है, जहां अपने ही बागी होकर ताल ठोक रहे हैं और चुनौती दे रहे हैं. इन्हीं में से एक है स्वामी प्रसाद मौर्य, जो हाल में यूपी कैबिनेट से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो चुके हैं. उनकी बेटी संघमित्र मौर्य बीजेपी में हैं और बदायूं से सांसद हैं. उन्होंने चुनाव को लेकर दिए इंटव्यू में बड़ी बेबाकी के साथ अपनी बातें रखीं.


संघमित्रा ने विधानसभा चुनाव के बारे में  कहा कि पार्टी ऊंची सोच रखती है. उन्होंने कहा कि पार्टी बेटी और पिता को आमने सामने ताल ठोकने के लिए नहीं कहेगी और कहेगी तो मैं बैकफुट पर आ जाऊंगी पिता जी के सामने ताल नही ठोकूंगी.


 'बीजेपी की कार्यकर्ता हूं'


संघमित्रा ने आगे कहा कि बीजेपी से सांसद हूं. बीजेपी की कार्यकर्ता हूं. पिताजी से जोड़ना है तो उनकी बेटी हूं यह परिचय हो सकता है उनकी पार्टी से नहीं जुड़ सकते. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी की सांसद हूं. निश्चित ही कैंपेनिंग बीजेपी के लिए कर रही हूं. सिर्फ कैंपियन नहीं कर रही 19 से जैसे बदायूं में परिवर्तन हुआ है इस चुनाव में भी बदायूं में परिवर्तन देखने को मिलेगा.


ये भी पढ़ें: UP Election 2022: अमित शाह पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं से करेंगे मुलाकात, जाटों की नाराजगी दूर कर पश्चिमी यूपी में भगवा फहराने की है कोशिश


उन्होंने आगे कहा कि मेरे फेसबुक पोस्ट में नीच था, क्वेश्चन था. बहन या बेटियों का भी जाति या धर्म होता है यह सवाल था. ऊपर जो भी लिखा था उसके आखिरी का सवाल हम सब सनातन को मानते हैं. आज सब बिखर गए हैं. संघमित्रा ने कहा कि शुरुआत की बात करें तो हम सनातनी हैं. हमारे बड़े बूढ़े कहते थे कि धर्म बहन बेटियों की जाति धर्म नहीं होती. सबकी एक सी होती है. वह सवाल सिर्फ इसलिए था जब से करोना आया फ्री की फेसबुक जिन्हें कभी भी कुछ लिखने से पहले विचार नहीं करना होता.


सीनियर लीडर से नहीं कोई विवाद


उन्होंने इंटरव्यू में आगे कहा कि सीनियर लीडर से अभी फिलहाल कोई बात नहीं हुई है. हमारे और सीनियर लीडर के बीच कोई विवाद नहीं था. प्रधानमंत्री अपनी बेटी की तरह मानते हैं. बोला है उन्होंने की बेटी है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह दीदी बहन जी कहकर बात करते हैं बहन बेटी का संबंध है हमारे बीच.


उन्होंने कहा कि पिता और बेटी के रिश्ते से जानना चाहेंगे. माता-पिता बच्चों के अच्छे भविष्य के बारे में सोचते हैं. बच्चे भी माता पिता के अच्छे भविष्य के बारे में उम्मीद रखते हैं. बेटी होने के नाते पिताजी के बारे में वैसी ही सोच है. पार्टी की बात है तो पार्टियों परिवार अपनी जगह है भाजपा में हूं थी और रहूंगी.


ये भी पढ़ें: दौड़ा दौड़ा भागा भागा सा: चुनावी दौड़ में क्या उतरे नेताजी, जनता ने वोटिंग से पहले ही इनको इलाक़े में दौड़ाया