Swami Prasad Maurya Resigns: राजनीति संभावनाओं का खेल कहा जाता है, यही वजह है कि सियासत में कभी भी पूर्ण विराम नहीं लगता. स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा से रिजाइन के वक्त कहे गए शब्द कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैं. अखिलेश यादव से नाराजगी और सम्मान की बात कहते हुए समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी अपनी राहें आधिकारिक तौर पर पार्टी से अलग कर ली हैं. उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अपना इस्तीफा भेज दिया है. इसके साथ ही उन्होंने एमएलसी सदस्यता भी छोड़ दी है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफे के बाद जो कहा उसने अलग-अलग होते-होते नई संभावनाओं को जन्म दे दिया है. वो इस्तीफा देते वक्त बोले, "अखिलेश यादव की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. हमारे बीच मतभेद हुआ है मनभेद नहीं." यानी स्वामी प्रसाद मौर्य ने भविष्य के लिए अपनी राहें खुली रखी हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया क्यों अलग हुए
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी से इस्तीफा देते वक्त ये भी कहा, "आज अलग होने का कारण वैचारिक मतभेद है. मैं कभी विचाराधारा से हटा नहीं. नेताजी खांटी समाजवादी नेता थे." उन्होंने बयान जारी करते हुए ये भी साफ कर दिया कि उनकी नई पार्टी किस तरह से आगे बढेगी. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "कांशीराम के बताये रास्ते पर चलना है. 22 फरवरी 2024 को पार्टी बनाने का हमने फैसला लिया है. अब रणभेरी बज चुकी है. सम्मान और हिस्सेदारी की लड़ाई जारी रहेगी."
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर क्या लिखा
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव पद से त्यागपत्र देने के एक सप्ताह बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर खुद यह जानकारी दी. उन्होंने ‘एक्स’ पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और विधान परिषद के सभापति के नाम संबोधित त्यागपत्र के अलग-अलग पन्नों को साझा किया.
'सपा की प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र दे रहा हूं'
मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ आपके नेतृत्व में सौहार्दपूर्ण वातावरण में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ किंतु 12 फरवरी को हुई वार्ता और 13 फरवरी को प्रेषित पत्र पर किसी भी प्रकार की वार्ता के लिए पहल नहीं करने के परिणामस्वरूप मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र दे रहा हूं.’’ विधान परिषद के सभापति को लिखे पत्र में मौर्य ने कहा, ‘‘मैं सपा के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा, उप्र निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य, विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुआ. चूंकि मैंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है, इसीलिए नैतिकता के आधार पर विधान परिषद, उप्र की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं.’’