Lok Sabha Election 2019: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ AIADMK ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी से गठबंधन किया है. अब दोनों पार्टियां तमिलनाडु और पुडुचेरी में साथ चुनाव लड़ेगी. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता पीयूष गोयल और तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने चेन्नई में प्रेस कांफ्रेंस कर गठबंधन की घोषणा की. गठबंधन के तहत एआईएडीएमके ने तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटों में से बीजेपी को पांच सीट देने का फैसला किया है.


एआईएडीएमके नेता पन्नीरसेल्वम ने कहा, ''लोकसभा चुनाव में बीजेपी पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हम तमिलनाडु और पुडुचेरी में साथ चुनाव लड़ेंगे.'' वहीं बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने कहा, ''हम तमिलनाडु में 21 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में एआईएडीएमके का समर्थन करेंगे. हम राज्य में पन्नीरसेल्वम और पलानीसामी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे.''


आज दिन में मुख्यमंत्री पलानीसामी और एआईएडीएमके के समन्वयक ओ पनीरसेल्वम ने लोकसभा चुनाव के लिए पीएमके के साथ गठबंधन की घोषणा की थी. गठबंधन की शर्तों को तहत एआईएडीएमके पीएमके को 7 सीटें देगी. पीएमके को राज्यसभा की भी एक सीट दिए जाने का निर्णय किया गया है.


शहर के एक होटल में चुनावी गठबंधन के औपचारिक समझौते पर एआईएडीएमके और पीएमके के नेतृत्व के बीच हस्ताक्षर हुए. पनीरसेल्वम ने बताया कि समझौते के तहत पीएमके तमिलनाडु में 21 विधानसभा क्षेत्रों में संभावित उपचुनाव में अन्नाद्रमुक का समर्थन करेगी.


पीएमके के साथ यह समझौता होना एआईएडीएमके के लिए एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. पीएमके के तमिलनाडु के कई उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण गुट हैं.


तमिलनाडु में AIADMK-PMK के बीच गठबंधन, मिलकर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव


2014 के लोकसभा चुनावों में पीएमके बीजेपी नीत गठबंधन का हिस्सा थी और उसने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था और धर्मपुरी सीट पर जीत हासिल की थी. विपक्षी मोर्चे में कांग्रेस मुख्य साझेदार है, उसमें सीटों के बंटवारे के संबंध में बातचीत अब भी जारी है. पीएमके को गठबंधन में लाने का डीएमके का प्रयास सफल नहीं हो पाया.


पीएमके के संस्थापक नेता एस रामदास ने गठबंधन को ‘‘लोगों के कल्याण का गठबंधन, एक महा गठबंधन और एक विजयी गठबंधन’’ बताया. उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु के लोगों के अधिकारों को फिर हासिल करने के लिए, हमने मांगों का 10-सूत्रीय चार्टर बनाया है.’’


2014 के लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके अकेले मैदान में उतरी थी. 39 सीटों में से एआईएडीएमके को 37 सीटों पर कामयाबी मिली. जबकि एनडीए के खाते में दो सीटें आई. वहीं कांग्रेस और उसकी सहयोगी डीएमके खाता भी नहीं खोल पाई. जयललिता के निधन के बाद से सूबे में एआईएडीएमके की स्थिति कमजोर हुई है. चुनावी सर्वक्षणों में भी एआईएडीएमके की सीटें घटने का अनुमान लगाया जा रहा है.