Lok Sabha Election 2019: 17वीं लोकसभा चुनने के लिए दूसरे चरण में 13 राज्यों की 95 सीटों पर 18 अप्रैल यानी कल वोटिंग होनी है. दूसरा चरण सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लिए मुश्किल माना जा रहा है, क्योंकि 95 में 55 सीट ऐसी हैं, जिन पर बीजेपी कभी चुनाव नहीं जीत पाई है. दूसरे चरण तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर चुनाव होने जा रहा है और इनमें से 35 सीट पर बीजेपी किसी भी इलेक्शन में जीत दर्ज नहीं कर पाई है.


एम करुणानिधि और जयललिता


तमिलनाडु में एम करुणानिधि और जयललिता के बिना पहला लोकसभा चुनाव है. दोनों दिग्गज नेताओं के नहीं रहने की वजह से बीजेपी राज्य में इस चुनाव के जरिए अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है.


इस चुनाव में दोनों मुख्य पार्टियों डीएमके और एआईएडीएमके का भी काफी कुछ दांव पर लगा है. एम करुणानिधि और जयललिता के निधन के बाद अब दोनों पार्टियों का भविष्य 17वें लोकसभा चुनाव ही तय करेंगे.


गठबंधन में चुनाव लड़ रही है दोनों मुख्य पार्टियां


2014 में 37 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली एआईएडीएमके इस बार सिर्फ 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बाकी 19 सीटें एआईडीएमके अपने सहयोगियों पीएमके, बीजेपी और डीडीएमके को दे रखी हैं.


डीएमके भी इस पर सिर्फ 20 सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रही है. डीएमके गठबंधन में 9 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी है, जबकि 10 सीटें लेफ्ट और अन्य सहयोगियों को दी गई हैं.


18 विधानसभा सीटों पर भी होगा चुनाव


तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीटों के अलावा 18 विधानसभा सीटों पर भी चुनाव होने हैं. जयललिता के निधन के बाद 21 विधायकों ने पार्टी छोड़कर दिनाकरन के साथ जाने का फैसला किया था. विधायकों पर कार्रवाई करते हुए स्पीकर ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. 3 सीटों का मामला कोर्ट में होने की वजह से उन पर बाद में चुनाव होगा.


पानी मुख्य मुद्दा


तमिलनाडु के चुनाव में पानी की कमी, सूखे में बढ़ोतरी, जातिगत मुद्दे और बेरोजगारी में लगातार वृद्धि होना मुख्य मुद्दे हैं.


बात अगर 2014 के नतीजों की करें तो राज्य की 39 में से 37 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. वहीं 1 सीट पर बीजेपी और 1 सीट पर पीएमके को जीत मिली थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में डीएमके और कांग्रेस का एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया.


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