नई दिल्ली: जहां एक तरफ मोदी सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है तो वहीं दूसरी तरफ एनडीए के सहयोगी दल भी अब सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. एनडीए में बीजेपी की सहयोगी टीडीपी लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की उसकी मांग अभी भी बनी हुई है. वह इस मामले को लेकर संसद के अंदर और बाहर लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रही है.


इसके साथ ही टीडीपी का आरोप है कि केंद्रीय बजट में आंध्र प्रदेश की अनदेखी की गई है. इस आरोप को लेकर केंद्र की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार और एनडीए में उसकी सहयोगी टीडीपी में खींचतान चल रही है. कुछ दिन पहले टीडीपी ने अमरावती में एक आपात बैठक बुलाकार एनडीए से अलग होने के मुद्दे पर चर्चा तक कर डाली थी. हालांकि राजनाथ सिंह के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत होता दिखा लेकिन अभी भी टीडीपी बीजेपी पर गठबंधन धर्म ना निभाने और दोस्ती पर खरा नहीं उतरने और धोखा देने का आरोप लगा रही है.


हालांकि बीजेपी की तरफ से ये दिखाने की कोशिश हो रही है कि टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू के साथ जो विवाद था वह सुलझ रहा है. लेकिन जिस तरह से टीडीपी के सांसद और नेता अपने एनडीए के सहयोगी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. ये 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी की मुश्किलें जरूर बढ़ा रहा है.