नई दिल्लीः बीजेपी के साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद राजनीति गर्म हो चली है. कई नेताओं ने साध्वी की उम्मीदवारी के खिलाफ नाराजगी जताई है. आज कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला ने भोपाल में साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी के खिलाफ चुनाव आयोग में अर्जी दी है. उन्होंने कहा है कि मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव लड़ने से रोका जाए. उनके मुताबिक साध्वी की उम्मीदवारी ध्रुवीकरण करने की कोशिश है.
तहसीन पूनावाला ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है और उसमें लिखा है कि मैंने इलेक्शन कमीशन को एक पत्र लिखा है जिसमें मैंने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लोकसभा चुनाव 2019 लड़ने से रोका जाए क्योंकि उन पर आतंकवाद के आरोप हैं. हार्दिक पटेल को भी दंगे फैलाने के आरोप में ईसी ने चुनाव लड़ने से रोका है. मैं किसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य नहीं हूं.
कई नेताओं ने जताई साध्वी की उम्मीदवारी के खिलाफ नाराजगी
साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी के एलान के बाद से ही कई नेता इस बात का विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस के सुशील शिंदे ने कहा है कि बीजेपी देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है वहीं पार्टी जीतू पटवारी ने कहा कि ये असली-नकली संत की लड़ाई है. इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी कहा है कि आंतक के आरोपी को बीजेपी ने टिकट क्यों दिया. उन्हें खराब सेहत के आधार पर जमानत मिली है तो वो चुनावी मैदान में क्यों हैं?
कल ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साध्वी प्रज्ञा के भोपाल से लड़ने की खबरों के बाद कहा था कि ये बीजेपी के दिवालियापन को दिखाता है. उन्होंने कहा कि पहले तो बीजेपी को यहां से कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं मिला और अब उन्होंने तुरंत ही पार्टी में शामिल हुई साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से कैंडिडेट बना दिया.
कौन हैं साध्वी प्रज्ञा
साध्वी प्रज्ञा ने कल ही बीजेपी ज्वॉइन की है और कल ही भोपाल से उन्हें बीजेपी का उम्मीदवार घोषित किया गया है. वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और विश्व हिंदू परिषद की महिला विंग या दुर्गा वाहिनी के साथ जुड़ी रही हैं. साध्वी प्रज्ञा 2008 में मालेगांव ब्लास्ट के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद खासतौर पर चर्चा में आईं थी.
29 सितंबर 2008 (मालेगांव ब्लास्ट)
29 सितंबर 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के नजदीक ब्लास्ट हुआ जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस ब्लास्ट के आरोप में साध्वी प्रज्ञा को साल 2008 में गिरफ्तार किया गया और उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2017 में जमानत दे दी.
13 मई 2016
एनआईए ने 13 मई 2016 को एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जिसमें उसने साध्वी प्रज्ञा सहित मालेगांव धमाके के सभी छह आरोपियों को क्लीन चिट दी और कहा कि मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) इनके ऊपर लागू नहीं होता है. हालांकि साध्वी प्रज्ञा को मालेगांव धमाके मामले में एनआईए कोर्ट द्वारा अभी राहत नहीं मिली है.
भोपाल सीट
भोपाल से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है. भोपाल बीजेपी का गढ़ रहा है और पार्टी यहां 30 सालों यानी 1989 से चुनाव जीतती आ रही है. कांग्रेस ने पिछली बार यहां 1984 में चुनाव जीता था.
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