सिरसिला: तेलंगाना के सिरसिला विधानसभा का संबंध उत्तर प्रदेश से गहरे रूप से जुड़ा हुआ है. इस सीट से तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के. चद्रशेखर राव के पुत्र के. टी. रामाराव चुनाव लड़ रहे हैं. सिरसिला में उत्तर प्रदेश के कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें निजाम के शासनकाल के दौरान जमींदारों से कर वसूली के लिए नियुक्त किया गया था. निजाम के शासनकाल में उत्तर प्रदेश से यहां आए परिवारों में से एक है शांति प्रकाश शुक्ला जिनके पूर्वज 1930 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से यहां कर वसूलने के लिए नियुक्त किए गए थे. इनका काम वेलमा (जमींदार) समुदाय से कर की वसूली करना था. कार्यवाहक मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. वेलमा यहां की एक उच्च जाति है जिसकी संख्या तेलंगाना में कुल चार फीसदी है.
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पेशे से वकील शुक्ला ने बताया, "वेलमा यहां का एक प्रमुख समुदाय है और यह निजाम को कर नहीं देते थे. हमारे पूर्वज यहां 'रजाकार इकाई' में कर संग्रह करने वाले के रूप में काम करने के लिए आए थे.' रजाकार यहां की एक सैन्य इकाई थी जिसकी स्थापना निजाम के शासन में किसानों से सिर्फ कर जमा करने के लिए की गई थी. शुक्ला ने बताया कि निजाम के दरबार के एक दरबारी महाराजा पेशकार सर किशन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश से यह नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की. उन्होंने पंजाब के सिखों को भी नियुक्त किया था.
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शुक्ला ने बताया कि सामंती उत्पीड़न और निजाम के निरंकुश शासन के असहनीय होने के बाद उनके पूर्वजों के लिए गरीब किसानों से कर की वसूली करना मुश्किल हो गया था क्योंकि किसानों के फसल बर्बाद हो रहे थे और महिलाओं का उत्पीड़न भी हो रहा था. इन सब चीजों के विरोध में उन्होंने विद्रोह कर दिया. शुक्ला के पिता अमृतलाल शुक्ला का जन्म करीमनगर जिले में हुआ था और वह 1940 में निजाम के खिलाफ आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने भाकपा में शामिल होकर अपनी शिक्षक की नौकरी छोड़ दी थी. उत्तर प्रदेश से यहां आकर बस गए लोगों में से कई राज्य की पुलिस सहित विभिन्न सरकारी कार्यालयों में नौकरी कर रहे हैं.
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