Exit Poll 2023: हैदराबाद में ओवैसी का गढ़ सेफ, तेलंगाना में कोई और विकल्प तलाश रहे हैं मुसलमान, जानें क्या है वजह
Telangana Election 2023: तेलंगाना में मुस्लिम आबादी करीब 45 लाख है. यह राज्य की कुल आबादी का करीब 13% है. तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों में से 45 सीट पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका रखते हैं.
Telangana Assembly Election 2023 News: तेलंगाना में इस बार सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं. अधिकतर एग्जिट पोल में जहां इस राज्य में कांग्रेस की बड़ी जीत का दावा किया जा रहा है तो वहीं ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अपनी मौजूदा सीटों को बचाने में कामयाब होती दिख रही है, लेकिन पार्टी के लिए चिंता की बात दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम वोटरों का कांग्रेस की तरफ जाना है.
एग्जिट पोल में असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद में अपने गढ़ को बचाने में कामयाब दिख रहे हैं, लेकिन हैदराबाद से बाहर मुस्लिम वोट बैंक एआईएमआईएम को छोड़कर कांग्रेस की तरफ जाता दिख रहा है. यह बदलाव अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस के लिए अच्छी खबर हो सकती है.
इस तरह छिटक रहा मुस्लिम वोट बैंक
दरअसल, तेलंगाना में एआईएमआईएम बीआरएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ती है. ओवैसी हैदराबाद और उसके आसपास की सीटों पर ही अपने प्रत्याशी उतारते हैं. 119 सीटों वाली विधानसभा में इस बार भी ओवैसी ने सिर्फ 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. बाकी सीटों पर उन्होंने बीआरएस को समर्थन दिया, लेकिन इस बार मुस्लिम वोट बैंक हैदराबाद से बाहर ओवैसी से दूर जाता दिख रहा है. सीएम के.चंद्रशेखर राव के विधानसभा क्षेत्र गजवेल में कई मुस्लिम वोटरों का मानना है कि केसीआर और भाजपा आपस में मिले हुए हैं. ऐसे में बीआरएस को वोट देने से बीजेपी को मदद मिलेगी.
मुस्लिम वोटरों को क्यों है बीआरएस पर शक
बीआरएस को लेकर मुस्लिम वोटरों के मन में शक की कई वजहें हैं. कुछ वोटरों का कहना है कि “मुसलमान होने के नाते, हमें केसीआर से कोई समस्या नहीं है, लेकिन हमें संदेह है कि वह बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. कुछ समय पहले जब उनकी बेटी के. कविता को कथित दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार नहीं किया गया था, तभी से इस गड़बड़ का संदेह है.”
कांग्रेस को इस तरह हो सकता है फायदा
तेलंगाना में बीजेपी अभी रेस में नहीं है और पार्टी यहां अपना जनाधार बढ़ाने में लगी है. 2018 चुनाव में बीजेपी को महज एक सीट पर जीत मिली थी. इस चुनाव में कांग्रेस और बीआरएस के बीच टक्कर की बात शुरू से कही जा रही है. अब अगर मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस के साथ आता है तो उसका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है. अभी तक ओवैसी इस वोट में सेंध लगा रहे थे. इस वजह से कई सीटों पर कांग्रेस को काफी कम अंतर से हार मिलती थी.
कितना अहम है तेलंगाना में मुस्लिम वोटर
तेलंगाना में मुस्लिम आबादी करीब 45 लाख है. यह तेलंगाना की कुल आबादी का करीब 13 प्रतिशत है. तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों में से 45 सीट पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका रखते हैं. तेलंगाना में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM सिर्फ हैदराबाद सिटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में चुनाव लड़ती है. बाकी सीटों पर वह BRS का समर्थन करती है. इस बार भी यही स्थिति है. इस चुनाव में ओवैसी की पार्टी सिर्फ 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में बाकी 110 सीटों पर जहां AIMIM मैदान में नहीं है, वहां भी अधिकतर मुस्लिम वोट ओवैसी की इशारे पर जा सकते हैं.
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