Telangana Election 2023 Date: मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं. अब बारी तेलंगाना की है, जहां 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. 119 विधानसभा सीट वाले तेलंगाना का यह तीसरा चुनाव है. राज्य के गठन के बाद से ही यहां के. चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली भारत राष्ट्र समिति (पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति) सत्ता में है. हालांकि इस बार का चुनाव बीआरएस के लिए इतना आसान नहीं है. उसे कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है.
जीत-हार का फैसला 3 दिसंबर को मतगणना के बाद ही होगा, लेकिन अभी सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी ज्यादा से ज्यादा वोटरों को लुभाने में लगे हैं ताकि वे उनके पक्ष में वोट डाल सकें, लेकिन हर वोटर का वोट प्रत्याशी को मिले ये जरूरी नहीं है. अब प्रत्याशी पसंद न आने पर बड़ी संख्या में मतदाता NOTA का भी विकल्प चुनते हैं. आइए जानते हैं 2018 में तेलंगाना में किन विधानसभा सीटों पर सबसे ज्यादा NOTA वोट पड़े.
यहां पड़े सबसे ज्यादा नोटा (NOTA) वोट
- 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में वर्धनपेट विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा लोगों ने नोटा को चुना. यहां कुल 5864 मतदाताओं ने नोटा वोट का विकल्प चुना.
- चेवेल्ला विधानसभा क्षेत्र में कुल 3637 लोगों ने नोटा वोट दर्ज कराया.
- घनपुर (स्टेशन) विधानसभा सीट पर 3540 लोगों ने नोटा वोट का विकल्प चुना. इस तरह धनपुर तीसरे नंबर पर रहा.
- हुस्नाबाद निर्वाचन क्षेत्र में 3534 लोगों ने नोटा का ऑप्शन चुना.
- खम्मम निर्वाचन क्षेत्र में करीब 3513 लोगों ने किसी भी प्रत्याशी को वोट न देकर नोटा का विकल्प चुना.
क्या है नोटा?
चुनाव के दौर में वोट डालते समय अगर आपको लगता है कि कोई भी उम्मीदवार सही नहीं है तो नोटा (NOTA) का बटन दबाकर आप अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं. कुल मिलाकर यह आपको चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार करने का अधिकार देता है. भारत में 27 सितंबर 2013 को नोटा का विकल्प लोगों को मिला.
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